किसान आंदोलन : वीरवार को चार घंटे रोकी जाएंगी रेल, जानें प्रदेश में किसानों और पुलिस ने क्या बनाई रणनीति
किसानों द्वारा रेलवे ट्रैक जाम करने के आह्वान के बाद राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) व रेलवे पुलिस फोर्स (आरपीएफ) ने स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।;
तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों के आह्वान पर 18 फरवरी बृहस्पतिवार को किसान रेलवे ट्रैक पर उतरेंगे और चार घंटे तक रेलवे परिचालन को बाधित रखा जाएगा। किसानों द्वारा रेलवे ट्रैक जाम करने के आह्वान के बाद प्रदेशभर में राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) व रेलवे पुलिस फोर्स (आरपीएफ) ने स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। बुधवार को जीआरपी व आरपीएफ ने संयुक्त मीटिंग कर रेल रोको अभियान के दौरान शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए रणनीति तैयार की। साथ ही पुलिस से भी सहयोग मांगा गया है। वहीं दूसरी ओर किसान संयुक्त मोर्चा ने भी किसानों को आह्वान किया है कि रेल रोको अभियान पूरी तरह शांतिपूर्ण तरीके से चलाया जाए। इस दौरान कोई भी किसान सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों का विरोध ना करें।
प्रदेश में कैसा रहेगा रेल रोको अभियान
बहादुरगढ़ में 83 दिन से टीकरी बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन के दौरान संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने वीरवार को रेल रोको आंदोलन की रणनीति बनाई। वीरवार को दोपहर 12 से चार बजे तक किसान संगठनों से जुड़े प्रतिनिधि शांतिपूर्ण तरीके से रेल पटरियों पर बैठकर रोष जताएंगे। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए रेलवे पुलिस व जिला पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टि से तैयारी भी कर रखी है।
भिवानी जिले में लोहारू व सिवानी सहित चार जगहों पर रेल रोकी जाएगी। इन चारों जगहों पर रेल रोकने के लिए पटरियों पर किसानों को बैठाने को लेकर किसानों की जिम्मेदारी सौंपी है। फाइनल फैसला होते ही किसानों ने 18 फरवरी को होने वाले कार्यक्रम को लेकर तैयारी पकड़ ली है।
फतेहाबाद में जिले के भट्टूकलां व जाखल में किसानों द्वारा प्रदर्शन किया जाएगा। किसानों के प्रदर्शन को लेकर जिला प्रशासन भी सतर्क हो गया है। जिले में 500 से अधिक पुलिस कर्मचारी तैनात किए गए हैं।
हिसार में बागड़ लाइन रेल मार्ग, हिसार-भिवानी रेल मार्ग, हिसार-सिरसा रेलवे लाइन, हिसार-जाखल रेल लाइन पर रेल रोकी जाएंगी। वहीं बरवाला में बरवाला ढाणी गारण वाले पुल के नीचे रेल रोकने का फैसला लिया गया।
जींद में फिलहाल चार स्थानों पर रेलवे ट्रेक जाम करने का निर्णय लिया गया है लेकिन जाम प्वायंट बढ भी सकते हैं। दूसरी तरफ जिला प्रशासन ने रेल रोको कार्यक्रम को देखते हुए पुलिस बल को जाम प्वायंटों के निकट तैनात कर दिया है। साथ ही सात डयूटी मैजिस्टेटों की भी नियुक्ति की गई है। सभी डीएसपी अपने-अपने इलाकों में नजर बनाकर रखेंगे।
कुरुक्षेत्र में किसान वीरवार को रेलवे ट्रैक पर धरना देंगे। धर्मनगरी में किसान दिल्ली-अंबाला रेलवे मार्ग पर कुरुक्षेत्र जंक्शन रेलवे स्टेशन के समीप ट्रैक पर बैठकर धरना देंगे। किसानों द्वारा रेलवे ट्रैक पर धरना दिए जाने के मध्यनजर पुलिस प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। पुलिस कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई है। धरना स्थल के आसपास रेलवे पुलिस की टीमें मौजूद रहेंगी।
नारनौल में रेल रोकने की घोषणा पर रेलवे पुलिस बल एवं जीआरपी नारनौल चौकस बने हुए हैं। पुलिस आंदोलनकारियों से रेल रोके जाने पर निपटने को तैयार है। हालांकि इस जिले में किसानों का आंदोलन मुखर नहीं हो पाया है और चुनिंदा आंदोलनकारी अब धरना भी समाप्त कर चुके हैं।
पानीपत में भारतीय किसान यूनियन व अन्य किसान संगठन संयुक्त रूप से पानीपत जिला में टीडीआई रोड रेलवे ओवर ब्रिज के नीचे रेल रोको आंदोलन करेंगे। वहीं आंदोलन दोपहर 12 से एक बजे तक चलेगा। ट्रेन ट्रैफिक रोकने के लिए किसान, पानीपत टोल प्लाजा पर एकत्र होंगे ओर यहां से जुलूस के रूप में टीडीआई रोड से होते हुए ब्रिज के नीचे पहुंचेगे। जबकि पानीपत प्रशासन को आशंका है कि आंदोलनरत किसान पानीपत जिला में चार स्थानों, पानीपत में दो स्थलों व गांव इसराना में रोहतक मार्ग व गांव मतलौडा में जींद मार्ग पर रेल रोको आंदोलन कर सकते हैँं।
रेवाड़ी में गुरूवार को चार घंटे तक रेवाड़ी-रोहतक व दिल्ली-जयपुर रेलमार्ग प्रभावित रहेगा। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर बुधवार को रेल रोकने के लिए दिल्ली-जयपुर हाइवे स्थित जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर स्थित आंदोलन स्थल पर काफी समय तक किसान नेताओं के बीच बैठक हुई। उसके बाद दिल्ली-जयपुर रेलमार्ग पर बावल से निकलते ही राजस्थान की सीमा में पड़ने वाले अजरका रेलवे स्टेशन के नजदीक रेल मार्ग मार्ग पर चार घंटे धरना देने का फैसला लिया गया। इधर रेवाड़ी-रोहतक रेलवे लाइन पर भी पाल्हावास के पास भी धरना दिया जाएगा।
सोनीपत में जीआरपी व स्थानीय पुलिस ने भी सुरक्षा की प्लानिंग शुरू कर दी है। रेलवे ने 72 रिजर्व फोर्स जवान तैनात करने के लिए प्वाइंट बनाए हैं। आंदोलन के चलते दिल्ली-अंबाला ट्रैक पर चलने वाली पांच ट्रेनें प्रभावित रहेंगी। इनमें दिल्ली से पानीपत जाने वाले भटिंडा एक्सप्रेस, सचखंड एक्सप्रेस, जन शताब्दी व पानीपत से दिल्ली जाने वाली पश्चिम एक्सप्रेस व रेलवे कर्मचारी स्पेशल ट्रेन शामिल हैं।