मारकंडा नदी में पहुंचा 10639 क्यूसिक पानी, प्रशासन ने अलर्ट जारी किया
मारकंडा नदी का पानी नदी के साथ लगते कई डेरों और अरूपनगर में मारकंडा नदी का पानी बहने लगा है। पहाड़ों में अधिक वर्षा के चलते ज्यादा पानी आने की संभावना है। इसके मध्यनजर प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हुए है।;
हरिभूमि न्यूज.कुरुक्षेत्र ( शाहबाद)
रविवार को हुई बारिश के बाद मारकंडा नदी में 10639 क्यूसिक पानी दर्ज किया गया। मारकंडा नदी में पानी अभी खतरे के निशान से नीचे है। मारकंडा नहर के साथ लगते गांवों में प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। प्रशासन द्वारा गांवों में बकायदा मुनियादी करवा दी गई है। मारकंडा नदी का पानी नदी के साथ लगते कई डेरों और अरूपनगर में मारकंडा नदी का पानी बहने लगा है। पहाड़ों में अधिक वर्षा के चलते ज्यादा पानी आने की संभावना है। इसके मध्यनजर प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हुए है।
उपमंडल अधिकारी कपिल शर्मा के निर्देशों के तहत कर्मचारी लगातार मारकंडा नदी की स्थिति की देखरेख कर रहे है। प्रशासन ने रेत के कट्टे, नाव और सेफ्टी जैकेट का प्रबंध किया हुआ है। प्रशासन समय-समय पर मारकंडा नदी में आने वाले जल के ऊपर नजर रखे हुए हैं ताकि ज्यादा जल आने पर किसी प्रकार का कोई नुकसान ना हो सके। वहीं रविवार को मारकंडा नदी में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। श्रद्धालुओं ने मारकंडा नदी के समीप मंदिर में पूजा अर्चना की। श्रद्धालुओं के उमड़ने के चलते पुलिस प्रशासन भी दिनभर मुस्तैद रहा।
वहीं कुरुक्षेत्र में रविवार को हुई बारिश ने जहां आमजन को भीषण गर्मी से राहत दिलाई वही बारिश से शहर में कई जगह जलभराव की स्थिति बनी। पैनोरमा एवं विज्ञान केंद्र परिसर, श्रीकृष्ण संग्रहालय परिसर, पुराना बस अड्डा, कुटिया वाली गली, शास्त्री नगर, सेक्टर-17, सेक्टर -13, अग्रसेन चौक के समीप सहित कई इलाकों में डेढ़ घंटे की बारिश से पानी भर गया। हालांकि इस बार पानी पहले की तरह ज्यादा समय तक नहीं ठहरा। नगर परिषद की टीम ने बारिश में शहर के चप्पे-चप्पे पर नजर बनाए रखी। जहां-जहां से जलभराव की सूचना मिली वहीं मौके पर पहुंचे समस्या का समाधान किया गया। मौसम विभाग अनुसार जिले में 11 जुलाई तक तेज हवाओं और गरज चमक के साथ भारी बारिश की संभावना है, जिसको देखते हुए जिले में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जिससे नगर परिषद के अधिकारी भी सतर्क हो गए हैं। नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी बलबीर रोहिल्ला ने बताया कि बारिश में यदि आधी रात को भी कहीं जलभराव की समस्या आती है तो कर्मचारी उसी समय वहां पंप लगाकर पानी निकालेंगे। वही धान की रोपाई करके कई दिनों से बारिश का इंतजार कर रहे किसानों के चेहरे पर भी रौनक आ गई है। रोपाई के बाद से किसानों को इस बार अच्छी बारिश होने की संभावना थी, लेकिन लगातार लगातार बढ़ते जा रहे तापमान से उन्हें खेतों को पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध कराने की चिंता सता रही थी, लेकिन रविवार को हुई झमाझम बारिश से उन्हें राहत मिली है।