Rajya Sabha Election : राज्यसभा चुनाव में असली खिलाड़ी भूपेंद्र हुड्डा और सीएम खट्टर, बाकी तो बस....

हरियाणा में दो सीटों का चुनाव होना है। भाजपा ने पूर्व मंत्री कृष्ण लाल पंवार और कांग्रेस ने अजय माकन को मैदान मेंं उतारा है। वहीं विनोद शर्मा के बेटे कार्तिकेय निर्दलीय के तौर में पर्चा भरा है।;

Update: 2022-06-01 14:14 GMT

धर्मेंद्र कंवारी : रोहतक

राज्यसभा चुनावों को लेकर दो तीन दिन से कई तरह की बातें कहने सुनने को मिल रही है। कोई कह रहा है अजय माकन की गर्दन का सरिया निकलेगा, कोई कह रहा है खेला होगा। जितने मुंह हैं उतनी बातें हैं। खैर किसी भी तरह का चुनाव हो अगर उसमें कोई सस्पेंस ना हो तो मजा नहीं आता और राज्यसभा चुनाव तो हारे हुए, जुगाडू लोगों का स्वर्ग है वहां का चुनाव हो तो भी रोमांचक होना तो बनता ही है।

हरियाणा की भी दो सीटों का चुनाव होना है और भारतीय जनता पार्टी ने चौंकाते हुए पुराने इनेलो और अब भाजपाई पूर्व मंत्री कृष्ण लाल पंवार के वनवास के दिन काटते हुए राज्यसभा का टिकट थमा दिया है। अब कृष्ण लाल पंवार तो छह साल मौज काटेंगे ही, ये तय हो ही गया है। इसमें कोई सेंधबाजी की किसी भी तरह की गुंजाइश नहीं है वो शपथ लेने के लिए नए कपड़े सिलवा सकते हैं। अब रही दूसरी सीट की बात तो भूपेंद्र सिंह हुड्डा को राहुल गांधी फ्री हेंड हरियाणा दे चुके हैं और वो इस सीट के लिए कुलदीप शर्मा के नाम को आगे बढा रहे थे, कुमारी सैलजा की अपनी लॉबिंग थी लेकिन छह साल पहले के स्याही कांड को राहुल गांधी भी कहां भूले होंगे ? राहुल गांधी ने बहुत सोच समझकर ही अजय माकन को उम्मीद्वार बनाया होगा।

अब पहला सवाल यहां पर ये है कि क्या अजय माकन की राह में कोई बाधा है? क्या भूपेंद्र हुड्डा ही उनकाे हरवा देंगे ? क्या हुड्डा कोई खेला कर सकते हैं ? क्या कांग्रेस के विधायक पूर्व मंत्री विनोद शर्मा के बेटे कार्तिकेय के लिए अपने उम्मीद्वार अजय माकन को हरवा देंगे ? क्या अजय माकन की गर्दन में कोई सरिया है ? ऐसे बहुत सारे सवाल और राजनीतिक चुटकियां सोशल मीडिया पर ली जा रही है ?

पहले तो ये सोचने वाली बात है कि क्या राहुल गांधी को इतनी भी समझ नहीं है कि हरियाणा में जब उन्होंने हुड्डा को फ्री हेंड छोड़ दिया है तो अजय माकन को उन्होंने बिना हुड्डा से पूछे ही उम्मीद्वार बना दिया और फोन करके कहा कि हुड्डा साहब अजय माकन को टिकट दी है? थोडी बहुत राजनीतिक समझ रखने वाले आदमी को भी आभास होगा कि भूपेंद्र हुड्डा की राजनीति से भली भांति परिचित राहुल गांधी ने पहले अजय माकन पर उनकी सहमति ली होगी तभी अजय माकन को टिकट दी है। राहुल गांधी के ही बस में होता तो वे रणदीप सुरजेवाला को यहां से उतारते या सैलजा जी को उतारते ? रणदीप सुरजेवाला को राजस्थान में भेजा और यहां भूपेंद्र हुड्डा को कहा कि अजय माकन को जितवाएं। भूपेंद्र हुड्डा ने हां भरी होगी तभी माकन को ही उतारा गया है।

अब दूसरी बात क्या भूपेंद्र हुड्डा कोई खेल करेंगे इस चुनाव में जैसे चंद्रा को जितवाया था खेल करके ? राजनीति में समय देखकर बिसात पर प्यादे आगे सरकाए जाते हैं? भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हाथ में आज वो सबकुछ है जिसकी चाह वो कर रहे थे? आज उनके बेटे राज्यसभा में हैं, खुद सीएलपी लीडर हैं, बेटा राज्यसभा में भेज चुके? प्रदेश अध्यक्ष उनका है? अधिकतर विधायक उनके साथ है? कांग्रेस में उनके सामने अब चुनौति देने वाला कोई खास मोर्चा नहीं है। दो कार्यकारी अध्यक्ष उनका है और सामने दिखाई दे रही है मुख्यमंत्री की कुर्सी तो वो राहुल गांधी के नजदीकी और खुद के भी दोस्त अजय माकन को भला क्यों हरवाएंगे ? ऐसा जोखिम तो कोई नौसिखिया भी नहीं लेगा और ये ये खुर्राट राजनेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा की बात हो रही है तो वो क्यों लेंगे भला।

पत्रकारों ने जब ये सवाल पूछा कि कांग्रेस की क्रॉस वोटिंग हो सकती है तो हुड्डा ने मजाक में सही बता तो दिया कि कांग्रेस का एक जरूर पहुंचेगा यानी भाजपा को है क्रॉस वोटिंग का खतरा, हालांकि वहां भी कोई खतरा नहीं है। भाजपा में अभी फिलहाल कोई चूं करने की स्थिति में नहीं है। बस एक कांग्रेस के विधायक हैं कुलदीप बिश्नोई, उनका खतरा जरूर है और अगर वो वोट खिलाफ गया तो भी अजय माकन का जीतना तय है लेकिन ये जरूर पता चल जाएगा कि कुलदीप बिश्नोई अब भाजपा में जाएंगे या नहीं। उनके वोट पर सब कुछ निर्भर करता है, भाजपा में उनके रास्ते खुलेंगे या नहीं।

कुछ और कांग्रेसी विधायकों के नाम लिए जा रहे हैं जिनकी क्रास वोटिंग का खतरा पत्रकार चला रहे हैं वे शायद पुराने रोहतक की तासीर को सही से नहीं जानते हैं, चंडीगढ में बैठकर आंकलन करना और हकीकत को समझने में बहुत फर्क होता है। अब अगर विनोद शर्मा के बेटे कार्तिकेय की बात की जाए बाकी निर्दलीय तो कार्तिकेय को वोट देंगे ही, केवल बलराज कुंडू पर संशय है और हो सकता है उनका वोट हुड्डा ले पाने में कामयाब होंगे क्योंकि आनंद सिंह दांगी का विकल्प हुड्डा साहब बलराज कुंडू में ही देखते हैं और बलराज कुंडू अब राजनीति को अच्छे से समझते हैं इसलिए वे सोच समझकर ही फैसला लेंगे।

अब बात करते हैं देवीलाल परिवार की, अमित सिहाग को छोड़ दें तो बाकी सारा परिवार कार्तिकेय शर्मा का ही साथ देगा। बताते हैं तिहाड़ जेल में कार्तिकेय के भाई मनु शर्मा ने जेसिका लाल हत्याकांड में सजा भुगतते हुए ओमप्रकाश चोटाला और अजय चौटाला का दिल जीत लिया था। यही वजह है कि जजपा ने अपने दस कंडीडेट के समर्थन कार्तिकेय का दिया है, यानी दुष्यंत अपनी मां सुनैना के साथ कार्तिकेय का वोट डालेंगे, दूसरा उनके सामने कोई चारा था भी नहीं, वो कांग्रेस के कंडीडेट को तो वोट डालने से रहे लेकिन आजकल राजनीति में नए नए रोज के करतब हो रहे हैं वो तो अपने भाई दिग्विज्य को राज्यसभा भेजना चाहते थे लेकिन भाजपा नहीं मानी। अब निकाय चुनाव भी अलग लड़ रही है तो खामखां की नई परेशानी वो भला क्यों लेंगे ? रणजीत सिंह चौटाला तो कार्तिकेय के प्रस्तावक हैं हीं। अभय चौटाला को कार्तिकेय के अलावा कई वोट डालने की जगह ही नहीं है। रही बात और तिकड़मबाजी की तो राज्ससभा चुनाव में अभी दिन पड़े हैं चुनाव 10 जून को होगा, थोड़ा बहुत तो चलता ही रहता है। मौसम और राजनीति का वैसे कुछ पता नहीं चलता है कि कब क्या हो जाए। पैन बदले जा सकते हैं, स्याही बदली जा सकती है, बिका जा सकता है और खरीदा जा सकता है?

कहने वालों का तो क्या बहुत कुछ बातें चल रही हैं? कांग्रेस निकाय चुनाव सिंबल पर नहीं लड़ रही है तो ये भी कहा जा सकता है ये सीएम मनोहर लाल और भूपेंद्र हुडडा की फ्रेंडशिप का कमाल है। निकाय चुनाव में जीतकर मनोहर मजबूत हो जाएंगे और सैलजा की जगह माकन को जिताकर हुड्डा खुश हो जाएंगे। भूपेंद्र हुड्डा तो चाहेंगे कि 2024 का चुनाव भाजपा मनोहर लाल  के नेतृत्व में ही लड़े ताकि एंटी एंकमबेंसी का फायदा हुड्डा उठा सकें। कार्तिकेय शर्मा अगर जीतते हैं तो राज्यसभा में वो भाजपा को ही समर्थन देंगे तो उनके पिता के रास्ते जेपी नड्डा भाजपा में खोल देंगे और अब मनोहर लाल अपने सामने एक और बड़े ब्राहमण नेता की चुनौती चाहेंगे जब एक अरविंद शर्मा ने ही सिर में दर्द कर रखा है, विनोद शर्मा का पंगा क्यों मोल लेना। बाकी जो होगा दस जून को सामने आ ही जाएगा।

Full View


Tags:    

Similar News