राकेश टिकैत ने अमेरिका में बसे भारतीयों से की गुजारिश, पीएम मोदी के सामने उठाएं किसानों का मुद्दा
सिंघू बार्डर पर रास्ता खोलने के मामले में टिकैत ने साफ किया कि संयुक्त किसान मोर्चा जो निर्णय लेगा, वह सभी के लिए मान्य होगा। पंजाब चुनाव को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि अभी चुनाव में 6 माह बाकी है। चुनाव के समय वे पंजाब को लेकर अपनी रणनीति स्पष्ट करेंगे।;
हरिभूमि न्यूज. सोनीपत
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि भारत के किसानों की ओर से अमेरिका में बसे भारतीयों, वहां के नेताओं व अमेरिका की जनता से गुजारिश की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने किसानों का मुद्दा उठाएं। अमेरिका के दौरे पर गए प्रधानमंत्री को यह बताने की कोशिश करें कि किसानों की मांगें जायज हैं। 3 कृषि कानूनों को हर हाल में निरस्त किया जाए।
टिकैत सिंघु बार्डर पर आयोजित सभा में भाग लेेने के लिए पहुंचे थे। इस दौरान 27 सितम्बर को होने वाले भारत बंद को लेकर भी रूपरेखा तैयार की गई। उन्होंने बताया कि सिंघू बार्डर पर विशाल सभा की जा रही है, जिसमें देशभर से साधु-संत व बुद्धिजीवी लोग पहुंचे हैं। कई दिनों से बातचीत रूकी हुई थी, इसीलिए यहां बातचीत के लिए सभी पहुंचे हैं। ये सब सरकार की खामियों को उजागर करते हुए किसानों के संघर्ष के बारे में बातचीत कर रहे हैं। टिकैत ने कहा कि उन्होंने एक ट्वीट कर अमेरिका के लोगों से कहा है कि वे वहां गए भारत के प्रधानमंत्री के सामने किसानों का मुद्दा उठाते हुए नो फूड नो फार्मर के बैनर लगाएं। उन्होंने वहां के राजनीतिज्ञों को भी कहा है कि वे किसानों की आवाज को बुलंद करें।
सिंघु बार्डर पर रास्ता खोलने के मामले में उन्होंने साफ किया कि संयुक्त किसान मोर्चा जो निर्णय लेगा, वह सभी के लिए मान्य होगा। पंजाब चुनाव को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि अभी चुनाव में 6 माह बाकी है। चुनाव के समय वे पंजाब को लेकर अपनी रणनीति स्पष्ट करेंगे। राकेश टिकैत ने एक फिर सरकार को चेताया कि किसान अपनी मांगों को लेकर 10 माह से आंदोलन कर रहे हैं और अगले 10 माह तक भी आंदोलन चलता रहे तो कोई फिक्र नहीं, लेकिन सरकार को उनकी सुनवाई करनी ही होगी।
बातचीत सरकार को शुरू करनी है, किसान तैयार
बातचीत के मुद्दे पर राकेश टिकैत ने साफ किया कि बातचीत सरकार को शुरू करनी है, किसान इसके लिए तैयार हैं। सरकार बातचीत की शुरूआत करेगी तो किसान जरूर जाएंगे। टिकैत ने खुलासा किया कि भारत बंद के बाद किसान मोर्चा देशभर में बैठकें करेगा और लोगों को किसानों की समस्या से अवगत करवाते हुए आंदोलन से जोड़ने का प्रयास करेगा।