राकेश टिकैत का बयान : SKM न तो कहीं चुनाव लड़ेगा और न किसी का समर्थन करेगा, आंदोलन के लिए फिर तैयार रहें किसान

राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों के मुद्दों पर अब किसानों से बातचीत करने के बाद ही फैसले किए जाएंगे। अब देश में जनता का आंदोलन होगा। क्योंकि देश में लोकतंत्र की अहमियत नहीं रही है। उन्होंने कहा कि एमएसपी पर गारंटी कानून बनाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा की 15 जनवरी को बैठक होगी।;

Update: 2021-12-31 11:52 GMT

हरिभूमि न्यूज. यमुनानगर

भारतीय किसान यूनियन ( bhartiya kisan union ) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ( rakesh tikait ) ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ( sanyukta kisan morcha ) ना तो कहीं पर चुनाव ( election ) लड़ेगा और ना ही किसी का समर्थन करेगा। केंद्र सरकार द्वारा एमएसपी ( msp ) पर कानून बनाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा की 15 जनवरी को बैठक होगी। बैठक में आंदोलन की आगामी रणनीति पर विचार किया जाएगा। क्योंकि किसान आंदोलन ( farmers protest ) अभी खत्म नहीं हुआ है, बल्कि इसे स्थगित किया गया है। टिकैत ने उक्त शब्द जगाधरी अनाज मंडी में भारतीय किसान यूनियन द्वारा आयोजित किसान धन्यवाद व विजय दिवस महापंचायत के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहे।

राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों के मुद्दों पर अब किसानों से बातचीत करने के बाद ही फैसले किए जाएंगे। अब देश में जनता का आंदोलन होगा। क्योंकि देश में लोकतंत्र की अहमियत नहीं रही है। उन्होंने कहा कि एमएसपी पर गारंटी कानून बनाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा की 15 जनवरी को बैठक होगी। जिसमें आगामी निर्णय लिए जाएंगे। टिकैत ने कहा कि किसानों के साथ किसी भी कंपनी को दूध का एग्रीमेंट किसानों से बातचीत किए बिना तय नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पुंजीपतियों के लाभ के लिए कानून बना रही है। जबकि उसका विकास के कोई मतलब नहीं है। इनका काम तो सिर्फ हिंदू-मुस्लिम को लडाना है।

टिकैत ने यूपी समेत पांच राज्यों में होने वाले चुनाव को लेकर कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा कहीं पर भी ना तो चुनाव लड़ेगा और ना ही किसी भी राजनैतिक दल का समर्थन करेगा। मौके पर उन्होंने महापंचायत में किसानों को कहा कि वह तैयार रहें क्योंकि जब भी उनकी जरूरत पड़ेगी उन्हें वहां बुलाया जाएगा। क्योंकि अभी आंदोलन खत्म नहीं हुआ है। आंदोलन को स्थगित किया गया है। टिकैत ने केंद्र सरकार को किसानों के लिए कोई भी नीति बनाने से पहले किसानों से बात करने के लिए कहा। साथ ही उन्होंने किसानों से बातचीत किए बगैर कानून बनाने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी। मौके पर यूनियन के राष्ट्रीय नेता युद्धवीर सिंह व रतनमान ने भी पंचायत को संबोधित किया।

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