Rakesh Tikait ने जींद में भरी हुंकार : सरकार यह न सोचे किसान चुप बैठ गए, हमने अभी ट्रेनिंग ली है, ऐसे आंदोलन करते रहेंगे

राकेश टिकैत ने कहा कि अगर सरकार यह सोचती है कि आंदोलन समाप्त हो गया है तो यह गलत है। क्योंकि एमएसपी की लड़ाई अभी जारी है, नए कृषि कानून रद्द हो गएं है तो किसानों ने अपने धरने समाप्त किया है और वो इसलिए ताकि सरकार शांति से अपने काम कर सकें।;

Update: 2021-12-14 13:34 GMT

हरिभूमि न्यूज. जींद/उचाना/नरवाना

एसकेएम सदस्य एवं किसान नेता राकेश टिकैत ( Rakesh Tikait ) मंगलवार को धरने समाप्त करवाने के लिए उचाना में खटकड़ टोल तथा नरवाना में बद्दोवाल टोल पर पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि आंदोलन ( Farmers Protest ) को समाप्त हुए चार दिन हो गए लेकिन हम जहां भी जा रहे हैं वहां लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही है। सरकार को पता था कि यह किसान बिना जीते जाएंगे नहीं, हमारा सामाजिक ताना-बाना बुनने में बहुत समय लग गया। हमने अभी तो आंदोलन की ट्रेनिंग ली है और हमारी मांगों को लेकर ऐसे आंदोलन हम करते रहेंगे। इस आंदोलन से हमारा भाईचारा बहुत बढ़ा है।

आंदोलन ने हमको एक करने का किया काम

टिकैत ने कहा कि इस आंदोलन में हमने 750 साथियों को खो दिया लेकिन हमको एक करने का काम किया है। हमने एक बात सुनी थी की हरियाणा की खाप, पंचायतें पानी के मसले को लेकर पंजाब की जत्थे-बंदियो से बात करके हरियाणा के हक का पानी देने बारे विचार करेंगे, परंतु मैंं आपसे कहना चाहता हूं कि यह गलती कभी नहीं करना। पंजाब के लोग सोचेंगे कि हरियाणा ने पानी के लालच में आकर हमारा सहयोग किया है। यह सरकार का काम है इससे हमारा भाई सारा खराब होगा।

उन्होंने कहा कि किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत कहते थे कि जब आंदोलन में पंजाब का किसान खड़ा होता है हरियाणा का किसान उसका साथ देता है और यूपी, राजस्थान उनके साथ खड़ा हो जाता है। ऐसे आंदोलन को किसान जन आंदोलन कहते हैं। भारत में किसानों पर 70 हजार मामले दर्ज हुए हैं जिनमें से 50 हजार मामले अकेले हरियाणा के किसान, जवानों पर दर्ज हुए हैं। हमने कमेटी के समझौते के वक्त कह दिया था जब तक मुकदमे वापस नहीं होते हम वापस नहीं जाएंगे।


खटकड़ टोल पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे किसान

 समाप्त सिर्फ धरने हुए आंदोलन नहीं, एमएसपी की लड़ाई अभी जारी

बद्दोवाल टोल प्लाजा धरने पर पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर सरकार यह सोचती है कि आंदोलन समाप्त हो गया है तो यह गलत है। क्योंकि एमएसपी की लड़ाई अभी जारी है, नए कृषि कानून रद्द हो गएं है तो किसानों ने अपने धरने समाप्त किया है और वो इसलिए ताकि सरकार शांति से अपने काम कर सके और किसानों को जल्द से जल्द एमएसपी का गांरटी मिले। गौरबलत है कि मंगलवार को बद्दोवाल टोल प्लाजा पर चल रहे धरने अंतिम दिन रहा। धरना समापन पर राकेश टिकेत, गुरनाम सिंह चढूनी, जगजीत डलेवाल, युद्धवीर, अभिमन्यु कोहाड़ सहित अन्य किसान नेता बदोवाल टोल प्लाजा पर किसानों के बीच पहुंचे। टोल प्लाजा पर पहुंचे सभी नेताओं पर फूल बरसाए गए और पटका पहनाकर सम्मानित किया गया। 


खटकड़ टोल पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे महिलाएं

 आंदोलन लड़ने में हरियाणा नंबर एक पर : चढूनी

गुरनाम सिंह चढूनी ( Gurnam Singh Chaduni )  ने कहा कि सभी किसान, महिलाओं, बुजुर्गों का धन्यवाद सबसे पहले करते है जिन्होंने इस आंदोलन को हौंसले से लड़ा। आंदोलन लड़ने में हरियाणा पूरे देश में नंबर एक पर रहा है। चाहे पुलिस द्वारा दर्ज मामलों, लाठी चार्ज, बीजेपी-जेजेपी के नेताओं को गांव में न घूसने देने की गिनती कर लीजिए। हर मामले में हरियाणा नंबर एक पर पूरे देश में रहा। सबसे ज्यादा इस आंदोलन में हरियाणा आगे रहा हरियाणा की भागीदारी सबसे अधिक रही। उन्होंने कहा कि आंदोलन समाप्त नहीं हुआ है स्थगित किया गया है। जो सरकार ने मांगों का आश्वसन दिया है जिनमें मामले वापिस, आंदोलन के दौरान मौत का ग्रास बने किसानों के परिवारों को मुआवजा, एमएसपी की गारंटी की बात हो जो उस पर आश्वासन सरकार ने दिया है उस पर वो खरा नहीं उतरते है आंदोलन को दोबारा शुरू किया जा सकता है आंदोलन को हमने स्थगित किया है। 15 जनवरी को तारीख को एसकेएम की मीटिंग रखी गई है, तब तक सरकार क्या करती है उसकी समीक्षा इस मीटिंग में होगी।

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