इस बार दीपावली पर गाय के गोबर से बने दीपों से जगमग होगा रतिया शहर
इस दीपावली पर पहली बार यह प्रयोग किया गया है।इसकी प्रेरणा हरियाणा राज्य गो सेवा आयोग से मिली है जिसके अंतर्गत निरंतर गाय के गोबर से गोशाला में कारीगरों द्वारा उत्तम क्वालिटी के दीपों का निर्माण किया जा रहा है।;
हरिभूमि न्यूज : रतिया
क्षेत्र के लोगों का रुझान और विदेशी आइटमों की बजाए स्वदेशी आइटमों (SWADESHI ITEMS) की तरफ बढ़ रहा है। इसी के अंतर्गत आजकल श्री कृष्ण गोशाला में गाय (Cow) के गोबर से बने दीप को काफी पसंद किया जा रहा है तथा लोगों का कहना है कि घर में इन के आगमन से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होगा तथा इसी कारण गोशाला में उनका आर्थिक सहयोग भी पहुंचेगा।
श्री कृष्ण गोशाला कमेटी के अध्यक्ष राकेश गर्ग तथा वरिष्ठ सदस्य विजय कुमार, हरिकेश मंगला व सोनू ग्रोवर आदि ने बताया कि इस दीपावली पर पहली बार यह प्रयोग किया गया है। इसकी प्रेरणा उन्हें हरियाणा राज्य गोसेवा आयोग से मिली है जिसके अंतर्गत निरंतर गाय के गोबर से गोशाला में कारीगरों द्वारा उत्तम क्वालिटी के दीपों का निर्माण किया जा रहा है। इन सदस्यों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस बार दिवाली पर गाय के गोबर से बने दीपों से गांव तथा शहर जगमग होंगे तथा इसके जरिए लोगों का गोशाला में आवागमन भी बढ़ेगा।
हरियाणा राज्य गोसेवा आयोग के पूर्व सदस्य धर्मेंद्र गोस्वामी ने इसे सराहनीय कदम बताते हुए कहा कि इस नई पहल से गोमाता का महत्व बढ़ेगा तथा लोगों का रुझान स्वदेशी वस्तुओं की ओर खींचेगा। कारीगर जितेंद्र शर्मा ने कहा कि दीप को बनाने में गाय के गोबर के अलावा ग्वार गम तथा मुल्तानी मिट्टी का भी प्रयोग किया जा रहा है। नीचे गिरने पर यह दीपक टूटते नहीं और इनका बार-बार प्रयोग किया जा सकता है।