हरियाणा में पंजीकृत गौशालाओं को दो रुपये प्रति यूनिट बिजली मिलेगी, नोटिफिकेशन जारी

हरियाणा गो सेवा आयोग के चेयरमैन ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल का ये ड्रीम प्रोजेक्ट है वो इसकी खुद मॉनिटरिंग कर रहे है। गौसेवा आयोग का गठन वर्ष 2013 में किया गया था लेकिन 2015 में आयोग का कार्य सक्रिय रूप से शुरू हुआ था।;

Update: 2021-02-27 05:31 GMT

हरियाणा गौसेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा हरियाणा की सभी पंजीकृत गौशालाओं के लिए दो रुपये प्रति यूनिट बिजली की सप्लाई देने का नोटिफिकेशन जारी करने का मुख्यमंत्री मनोहर लाल और बिजली मंत्री का धन्यवाद किया।

गर्ग ने बताया कि आयोग का मकसद गौमाता की सेवा है, बिजली यूनिट दो रुपये करने से जो भी बचत होगी वो राशि हरियाणा गो सेवा आयोग गोवंश के चारे में खर्च करेगा। हरियाणा गो सेवा आयोग के चेयरमैन ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल का ये ड्रीम प्रोजेक्ट है वो इसकी खुद मॉनिटरिंग कर रहे है। गौसेवा आयोग का गठन वर्ष 2013 में किया गया था लेकिन 2015 में आयोग का कार्य सक्रिय रूप से शुरू हुआ था।  

वहीं सरकार ने गौवंश की दशा सुधारने के लिए योजनाएं बनाई। इन्ही योजनाओं को अमलीजामा पहनाते हुए गोवंश के रखरखाव, चारे, पानी, शेड निर्माण व मशीनरी इत्यादि के लिए लगभग 100 करोड रुपये की सहायता राशि गौशालाओं को प्रदान की जा चुकी है। गौसेवा आयोग के सक्रिय भूमिका में आने के समय प्रदेश में गौशालाओं की संख्या 325 गौशाला में थी जो आज बढ़कर करीब 650 हो चुकी है। सरकार की गौवंश के प्रति संजीदगी का ही परिणाम है कि प्रदेश की गौशालाओं में गौवंश पौने तीन लाख से बढ़कर साढ़े चार लाख हो चुका है। 

गौशालाओं के स्वावलंबन को लेकर उनमें गौ उत्पाद तैयार करने पर विशेष तौर पर बल दिया जा रहा है। इन्ही प्रयासों का परिणाम रहा कि इस बार दीपावली व गीता जयंती पर देसी गाय के गोबर से बने दीपकों द्वारा प्रदेश को रोशन किया गया। लक्ष्मी-गणेश व शुभ-लाभ आदि भी इस दीपावली पर आकर्षण का केंद्र रहे। इसके अलावा गौशालाओं में देशी गोवंश नस्ल सुधार का कार्य भी युद्ध स्तर पर चल रहा है। हरियाणा सरकार ने देशी गोवंश नस्ल सुधार के लिए फीमेल सेक्स शॉर्टेड सीमन भी उपयोग के लिए पशुपालन विभाग में उपलब्ध करवाया है और इसकी कीमत मात्र 200 रूपए रखी गई है। इसके लिए हरियाणा सरकार ने एक हजार रूपए की विशेष सब्सिडी भी प्रदान की है। इस सीमन के उपयोग से लगभग 85 - 90 प्रतिशत बछडियां ही पैदा होंगी। यह बछड़ी जब गाय बनेगी तो करीब 8 से 10 किलो दूध देगी और दूध की आमदनी से गौशालाएं आर्थिक रूप से सुदृढ़ होंगी।

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