China व पाकिस्तान को धूल चटाने वाले रिटायर्ड कैप्टन माइसुख राम नहीं रहे

गौरतलब है कि रिटायर्ड (Retired) कैप्टन माइसुख राम, एडवोकेट विरेंद्र सिंह मलिक के ससुर है। रिटायर्ड कैप्टन का अंतिम संस्कार (Funeral) भादरा समीप गांव रामगढ़िया में किया गया, जहां कई गणमान्य लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।;

Update: 2020-07-10 13:48 GMT

हिसार। 1962 में चीन व 1965 व 1971 में पाकिस्तान (Pakistan) को धूल चंटाने वाले रिटायर्ड कैप्टन माइसुख राम बैनीवाल अब हमारे बीच नहीं रहे। भारत के साथ हुई तीन बड़ी जंगों में अहम रोल अदा करने वाले माइसुख राम ने 97 वर्ष की उम्र में बुधवार को अंतिम सांस ली।  

इतना ही इस वीर सपूत ने दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी, इटली (Italy), ईरान व बर्मा सहित कई देशों में जाकर भारत का नाम कई बार रोशन कर चुके हैं। विलक्षण प्रतिभाओं के धनी रिटायर्ड कैप्टन माइसुख राम का नाम बेहतरीन धावकों में भी लिया जाता है। क्योंकि वे मैराथन दौड़ के प्रशिक्षक भी रहे। 

गौरतलब है कि रिटायर्ड कैप्टन माइसुख राम, एडवोकेट विरेंद्र सिंह मलिक के ससुर है। रिटायर्ड कैप्टन का अंतिम संस्कार भादरा समीप गांव रामगढ़िया में किया गया, जहां कई गणमान्य लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। रिटायर्ड कैप्टन सतबीर सिंह के नेत‍ृत्व में कई भूतपूर्व सैनिक भी श्रद्धांजलि देने के लिए रिटायर्ड कैप्टन माइसुख राम बैनीवाल के आवास पर पहुंचे।

एडवोकेट विरेंद्र सिंह मलिक ने बताया कि ससुर माइसुख राम बैनीवाल 19 वर्ष की आयु में आर्मी ज्वाइन की थी। एडवोकेट मलिक ने बताया पिता की तरह बेटे भी सेना में जाकर अपने परिवार व देश का नाम रोशन कर रहे हैं। बड़ा बेटा धर्मपाल बैनीवाल नेवी में व छोटा बेटा एलसी बैनीवाल डिप्टी कमांडेंट के रूप में सेना में अपनी सेवाएं दे रहा है। एडवोकेट मलिक ने बताया कि नायब तहसीलदार नंदलाल बाजिया ने इस वीर सपूत को श्रद्धांजलि देकर गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया। 

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