Rohtak : एमडीयू का आईटी सिस्टम ठप, सभी प्रशासनिक काम बंद, परीक्षाएं हुई प्रभावित
- डाउनलोड नहीं हो रहे छात्राें के एडमिट कार्ड
- कुलसचिव ने 15 नवंबर को कम्प्यूटर सेंटर के निदेशक को किया था निलंबित
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Rohtak : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय को डिजिटल बनाने के दावे लगातार किए जा रहे हैं। इन सब के बीच यूनिवर्सिटी का पूरा आईटी सिस्टम ठप हो गया। जिसकी वजह से परीक्षार्थियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। क्योंकि वे एग्जाम के लिए अपने एडमिट कार्ड डाउनलोड नहीं कर पाए। एक भी ऑनलाइन प्रशासनिक काम कोलेप्स की वजह से नहीं हुआ।
ध्यान रहे कि गत 15 नवंबर को कुल सचिव प्रो. गुलशन लाल तनेजा ने कम्प्यूटर सेंटर के निदेशक डॉ. जीपी सरोहा को निलंबित कर दिया था। आईटी से संबंधिति तमाम प्रकार के कार्यों की देखरेख का जिम्मा डॉ. सरोहा का ही है। अब उनकी गैर मौजूदगी में दिनभर विश्वविद्यालय के अधिकारी कम्प्यूटर सेंटर में आई तकनीकी गड़बड़ी को ठीक करवाने के लिए लगे रहे। लेकिन उन्हें देर रात तक भी सफलता नहीं मिली।
11 साल से नहीं हुआ अपडेट
सूत्र बताते हैं कि विश्वविद्यालय का इंफ्रास्ट्रक्चर दस-ग्यारह साल से अपग्रेड ही नहीं किया गया। इसका नतीजा वीरवार को उन परीक्षार्थियों को भुगतान पड़ा, जिनका आज एग्जाम था। ऐसा नहीं है कि यूनिवर्सिटी कम्प्यूटर सेंटर ने अपग्रेडेशन के लिए विश्वविद्यालय को अवगत नहीं करवाया। इसको लेकर लगातार फाइल इधर-उधर से होती रही।
एडमिट कार्ड जारी किए
कम्प्यूटर सेंटर लगातार अंदेशा जाहिर कर रहा था कि आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर अपडेट न करवाने की वजह से किसी भी दिन कोई भी बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है। लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने कम्प्यूटर सेंटर पर अपनी नजरें इनायत नहीं की। काफी छात्रों का दावा है कि वे एग्जाम नहीं दे पाए। परीक्षा नियंत्रक डॉ. बीएस सिंधु का कहना है कि छात्रों को तुरंत मेन्युली एडमिट कार्ड जारी कर दिए गए। जिसके बाद एमडीयू कैम्पस, रोहतक शहर समेत दूसरे जिलों में सुचारू रूप से परीक्षाएं हुई। एग्जाम कंट्रोलर ने बताया कि एक भी परीक्षार्थी आईटी इंफ्रास्टकरचर कोलेप्स की वजह से परीक्षा देने से वंचित नहीं रहा। ध्यान रहे कि बृहस्पतिवार से डीडीई कोर्स, एमडीयू कैंपस समेत दूसरे शिक्षण संस्थानों में परीक्षाएं शुरू हुई हैं। और पहले ही दिन आईटी सिस्टम का भट्ठा बैठ गया।
ध्यान रहे कि विश्वविद्यालय के आईटी से संबंधित सभी प्रकार के काम करने की जिम्मेदारी डॉ. सरोहा की है। निलंबन का ठोस कारण आज तक यूनिवर्सिटी डॉ. सरोहा को बता नहीं पाई है। जैसी की विश्वविद्यालय में चर्चा है कि सरोहा ने छात्राें के पहचान पत्र समय से नहीं बनाए। इसलिए निलंबित किया गया है। बताया जा रहा है कि कुल पहचान पत्र में 50 फीसदी बनाए जा चुके थे। जोकि बाकी नहीं बने थे कि उनकी वेरीफिकेशन विभागाध्यक्षों ने नहीं की। अति भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि निलंबन के बाद डॉ. सरोहा के समर्थन में विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने मीटिंग की थी। बताया जा रहा है कि आईकार्ड न बनाने के मामले की जांच के लिए यूनिवर्सिटी ने एक कमेटी बनाई हुई। इस कमेटी में दो व्यक्ति विश्वविद्यालय से बाहर के बताए जा रहे हैं।
दूसरे जिलों के छात्र नहीं दे पाए एग्जाम
सबसे बड़ा सवाल तो ये है कि रोहतक से बाहर दूसरे जिलों के छात्रों ने परीक्षा कैसे दी। क्योंकि इन जिलों के परीक्षार्थी एडमिट कार्ड लेने के लिए एमडीयू कैंपस नहीं आए। अगर छात्र एडमिट कार्ड के लिए रोहतक पहुंचते तो वे यहां से मेन्युल एडमिट कार्ड लेकर वे अपने एग्जाम सेंटर परीक्षा के समय तक पहुंच नहीं सकते थे। ऐसे में अंदेशा है कि काफी संख्या में छात्र परीक्षा नहीं दे पाए होंगे। सिस्टम दोबारा कब पटरी पर आएगा, इसकी जानकारी यूनिवर्सिटी कम्प्यूटर सेंटर के अधिकारियों को वीरवार देर रात तक नहीं थी।
गड़बड़ी को ठीक किया जा रहा
यूनिवर्सिटी कम्प्यूटर सेंटर के इंचार्ज प्रो. प्रदीप अहलावत ने बताया कि आईटी इंफ्रास्ट्रक्चरमें आई तकनीकी गड़बड़ी को ठीक किया जा रहा है। जल्द ही समस्या का समाधान कर दिया जाएगा। इंफ्रास्ट्रक्चर ग्यारह साल से अपडेट क्यों नहीं करवाया गया है, इस बारे में कुछ नहीं कह सकता।
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