रोहतक पीजीआईएमएस : ट्रॉमा सेंटर फिर बनेगा कोविड अस्पताल, सैंपलिंग का समय भी बढ़ाया जाएगा

बढ़ रहे मरीजों को देखते हुए पीजीआई ने भी तैयारी शुरू कर दी है। अब तक मरीजों के लिए सी-ब्लॉक को कोविड ट्रॉयज एरिया बना रखा है, लेकिन केस बढ़ने शुरू हो गए हैं जरूरत पड़ते ही ट्रॉमा सेंटर को फिर से कोविड अस्पताल बना दिया जाएगा।;

Update: 2021-08-25 06:13 GMT

हरिभूिम न्यूज : रोहतक

कोरोना के मरीज फिर बढ़ने शुरू हो गए हैं। रोहतक पीजीआईएमएस में अब मरीजों की संख्या दो से बढ़कर तीन हो गई है। दो दिन पहले दो मरीजों को वार्ड-24 में एडमिट करवाया गया था। अब गायनी विभाग में एक महिला और संक्रमित पाई गई है। बढ़ रहे मरीजों को देखते हुए पीजीआई ने भी तैयारी शुरू कर दी है। अब तक मरीजों के लिए सी-ब्लॉक को कोविड ट्रॉयज एरिया बना रखा है, लेकिन केस बढ़ने शुरू हो गए हैं जरूरत पड़ते ही ट्रॉमा सेंटर को फिर से कोविड अस्पताल बना दिया जाएगा। इसके अलावा इस बार मरीजों की फाइल पर खास फोकस किया गया है। मरीज की फाइल संभालकर रखने की जिम्मेदारी नर्सिंग सिस्टर की लगाई गई है। पीजीअईएमएस के निदेशक डॉ. रोहताश यादव ने मंगलवार को स्वर्ण जयंति सभागार में कोविड से जुड़े सभी विभागों के चिकित्सकों की बैठक ली और ड्यूटी लगाई। डॉ. यादव ने निर्देश दिए कि पिछले अनुभवों को देखते हुए सभी कमियों को समय रहते दूर किया जाए। बैठक में कुलसचिव डॉ. एचके अग्रवाल, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. पुष्पा दहिया, प्राचार्य डॉ. संजय तिवारी, डॉ. राजीव गुप्ता, डॉ. वीके कत्याल, डॉ. ध्रूव चौधरी, डॉ. कुंदन मित्तल, डॉ. वरुण अरोडा सहित कई विभागों के अध्यक्ष मौजूद रहे।

फाइल का नियम नॉन कोविड के लिए भी होगा

डीएमईआर को एक शिकायत की गई थी। जिसके बाद पीजीआईएमएएस में फाइल मैनेजमेंट को लेकर ड्यूटी तय की गई। एमएस ने एक पत्र जारी किया जिसमें बताया गया कि किसी भी मरीज की फाइल गुम हुई तो खैर नहीं। फाइल कोविड के मरीज की हो गया नॉर्मल नियम के अनुसार जमा करवाई जाए। फाइल गुम हुई तो विभागाध्यक्ष, जूनियर डॉक्टर और नर्सिंग सिस्टर जिम्मेदार होंगे। 

कौन होगा नोडल ऑफिसर

पीजीआईएमएस में नोडल ऑफिसर कौन होगा इसे लेकर बहस तेज हो गईर् है। यह जिम्मेदारी संभालने के लिए कोई तैयार नहीं हुआ। जिन डॉक्टर के पास चार्ज था, उन्होंने यह जिम्मेदारी अब संभालने से इनकार कर दिया है। बैठक में कहा कि जिन डॉक्टर के पास मुझसे पहले नोडल ऑफिसर का चार्ज था, उन्हें फिर जिम्मेदारी दे दी जाए। लेकिन इन डॉॅक्टर ने भी मना कर दिया। फिर एक और डॉक्टर को नोडल ऑफिसर बनने के लिए कहा गया तो उन्होंने भी इनकार कर दिया। बाद में डॉ. रोहताश यादव ने डॉ. वीके कत्याल की जिम्मेदार लगाई कि मेडीसन से किसी डॉक्टर को नोडल ऑफिसर बनाया जाए।

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