बर्खास्त शारीरिक शिक्षकों की कृषि मंत्री जेपी दलाल से गुहार- हमारे बच्चों का भविष्य बर्बाद न करे सरकार

सीएम ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया था कि बर्खास्त शारीरिक शिक्षकों को 10 दिन के दिन विभाग में समायोजित किया जाएगा लेकिन अभी तक इस बारे में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इसलिए सभी बर्खास्त शारीरिक शिक्षक गुहार लगा रहे हैं कि सीएम ने जो आश्वासन दिया था उसे पूरा कर उन्हें बहाल किया जाए।;

Update: 2020-10-14 13:13 GMT

हरिभूमि न्यूज : भिवानी

 मंत्री जी, हमने हमेशा अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन अच्छी प्रकार किया है। 10 साल तक खिलाड़ियों (Players) का भविष्य संवारने के बाद अब हमारे बच्चों का भविष्य बर्बादी की कगार पर पहुंच चुका है। अधिकतर शारीरिक शिक्षक उम्र के उस पड़ाव पर पहुंच चुके हैं जब उनके कंधों पर परिवाार की जिम्मेवारियों का बोझ है। अगर सरकार ने समय रहते उन्हें बहाल नहीं किया तो बहुत से परिवार तबाह हो जाएंगे। इसलिए आपसे हाथ जोड़कर निवेदन है कि जल्द से जल्द सीएम से हमारी बहाली की गुहार लगाई जाए ताकि हमारे परिवार को आर्थिक तथा मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है उससे निजात मिल सके।

सीएम ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया था कि बर्खास्त शारीरिक शिक्षकों को 10 दिन के दिन विभाग में समायोजित किया जाएगा लेकिन अभी तक इस बारे में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इसलिए सभी बर्खास्त शारीरिक शिक्षक गुहार लगा रहे हैं कि सीएम ने जो आश्वासन दिया था उसे पूरा कर उन्हें बहाल किया जाए। यह गुहार बुधवार को बर्खास्त शारीरिक शिक्षकों ने कृषि मंत्री जेपी दलाल से उनके आवास पर मिल कर लगाई। इसस पर जेपी दलाल ने उन्हें दोबारा से आश्वासन दिया कि वे जल्द ही मुख्यमंत्री से बारे में बातचीत करेंगे।

बता दें क शारीरिक शिक्षकों का धरना लघु सचिवालय के बाहर लम्बे समय से चल रहा है। उनकों अपनी बहाली के लिए आज तक केवल आश्वासन ही मिले हैं। इस दौरान सभी शारीरिक शिक्षकों ने मिलकर सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व पीटीआई अध्यापक बलजीत ने किया जबकि क्रमिक अनशन पर धर्मेंद्र कुमार, मुकेश कुमार, प्रवीण कुमारी, नीतू रानी बैठे ।

राजेंद्र जांगड़ा पूर्व प्राचार्य, सूरजभान जटासरा जिला सचिव एसकेएस, सुशील कुमार पीडब्ल्यूडी जिला सह सचिव, राकेश मलिक, राजपाल तंवर, राजेश ढाण्डा ने संयुक्त रूप से कहा कि मुख्यमंत्री से संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल की हुई बातचीत हुई थी। जिसमें विभागों में समयोजित करने पर सहमति हुई थी। साथ ही यह आश्वासन भी दिया गया था कि, मृतक परिवार के आश्रितों को एक्सग्रेसिया स्कीम के तहत मिलने वाले लाभ और विधवा महिला पीटीआई अध्यापिकाओं की समस्याओं व मांगोंं का समाधान 3 दिन में करा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि परन्तु आज तक हरियाणा सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने पीटीआई अध्यापकों के साथ वादा खिलाफी की तो इसका गम्भीर परिणाम भुगतना पड़ेगा।

इस अवसर पर वीरेंद्र घनघस राज्य प्रधान, विनोद पिंकू, उदयभान, बलजीत, सतीश, सुनील, राजेश, कृष्ण, बिजेंद्र, वीरेंद्र, मुकेश, मीनू रानी, सुनीता, सुशीला, कृष्णा, कर्मजीत, शिक्षा, प्रमोद कुमार, ईश्वर फौजी, मदन लाल, विनोद सांगा सहित अनेक पीटीआई अध्यापक उपस्थित थे।

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