फरीदाबाद नगर निगम में करोड़ों का घोटाला : IAS अफसरों पर भी कसेगा शिकंजा, विजिलेंस को सरकार की मंजूरी

हरियाणा विजिलेंस ब्यूरो की ओर से फरीदाबाद नगर निगम के चर्चित घोटाले मामले में यहां तैनात रही दो महिला आईएएस अफसरों के साथ साथ कुछ अन्य आईएएस अफसरों की संलिप्तता को लेकर पूछताछ के लिए अनुमति मांगी गई थी।;

Update: 2022-07-27 16:56 GMT

योगेंद्र शर्मा  : चंडीगढ़

आखिरकार फरीदाबाद नगर निगम में दो सौ करोड़ के घोटाले संबंधी मामले में आने वाले वक्त में आईएएस अफसरों पर भी शिकंजा कसने जा रहा है। इसके लिए हरियाणा सतर्कता ब्यूरो के अफसरों ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव से अनुमति ले ली है। राज्य सरकार द्वारा हरी झंडी दिए जाने के बाद अब जहां विजिलेंस अधिकारी जिले में तैनात रही दो महिला आईएएस अफसरों के साथ-साथ अधिकारियों से पूछताछ की तैयारी में जुटे हुए हैं। इसकी भनक लगने के साथ ही जिले में तैनात रहे आरोपित अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है।

सूत्रों ने बताया कि हरियाणा विजिलेंस ब्यूरो की ओर से फरीदाबाद नगर निगम के चर्चित घोटाले मामले में यहां तैनात रही दो महिला आईएएस अफसरों के साथ साथ कुछ अन्य आईएएस अफसरों की संलिप्तता को लेकर पूछताछ के लिए अनुमति मांगी गई थी। हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव संजीव कौशल के माध्यम से मांगी गई अनुमति मिलते ही विजिलेंस ने इन अधिकारियों से पूछताछ के लिए अलग-अलग प्रश्न तैयार कर लिए हैं। कुल मिलाकर अब इन अफसरों को किसी भी वक्त पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। हरियाणा विजिलेंस ब्यूरो के वरिष्ठ अफसर ने इसकी पुष्टि कर दी है।

यहां पर गौरतलब है कि फरीदाबाद नगर निगम के करीब 200 करोड़ रुपए के घोटाले की जांच को लेकर एनआईटी. से कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने पिछले विधानसभा सत्र में जोर-शोर से मुद्दा उठाया था। नीरज ने आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने तक कपड़े और चप्पल नहीं पहनने की कसम खाई थी। विधायक द्वारा सत्र के दौरान ऑन रिकॉर्ड गंभीर आरोप लगा दिए जाने के बाद यह मामला तूल पकड़ गया और हरियाणा विजिलेंस ब्यूरो हरकत में आ गया। महीनों बाद इंजीनियरों की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस के विधायक नीरज शर्मा ने अयोध्या राम मंदिर पहुंचकर कपड़े पहने थे। मामले में विजिलेंस टीम ने तेजी दिखाते हुए ठेकेदार सतबीर के बाद मुख्य अभियंता डीआर भास्कर, मुख्य अभियंता रमन शर्मा और जेई दीपक को गिरफ्तार किया था। विजिलेंस टीम अब पूर्व निगम कमिश्नरों के जरिए घोटाले की कड़ी जोडऩा चाहती है।

यही कारण है कि यहां पर तैनात रहे कई आईएएस अफसरों के खिलाफ अनुमति ली गई है ताकि बाद में किसी प्रकार का कोई झंझट नहीं हो। हालांकि पूरे मामले में यहां विभिन्न समय पर तैनात रहे कई आईएएस अफसर पूरे मामले में लीपापोती चाहते थे लेकिन आने वाले वक्त में इन पर भी शिकंजा कसने की तैयारी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खुद इस मामले में गंभीर है और उन्होंने हरियाणा विजिलेंस ब्यूरो को कठोर से कठोर कार्रवाई करने की छूट दी है। उधर अब जब हरियाणा सरकार की ओर से आईएएस अफसरों से पूछताछ को लेकर हरी झंडी दे दी गई है, तो मामला गंभीर होता जा रहा है। खास बात यह है कि इसमें दो महिला और दो पुरुष आईएएस शामिल हैं। आरोपित महिला अफसर में एक हरियाणा की वरिष्ठ नेत्री की सगी बहन है। दूसरा दो आरोपित आईएएस अधिकारियों पर पहले भी कई मामलों में उंगलियां उठ चुकी हैं लेकिन वह इनमें लीपापोती कराकर बच निकले। जिसके कारण करप्शन पर जीरो टॉलरेंस की नीति को लेकर अफसरशाही चर्चा में जुटी रहती है। अब मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से दस्तावेज के मुताबिक पेमेंट जारी करने वाले सभी पूर्व निगम कमिश्नरों की सूची करके पूछताछ की तैयारी है। हरियाणा विजिलेंस ब्यूरो के आला अफसरों ने इस पर होमवर्क पूरा कर लिया है। उन्होंने इन चार आरोपी के कार्यकाल का पूरा ब्यौरा लेकर उन से अलग-अलग पूछताछ की तैयारी कर ली है।

पूर्व निगम कमिश्नरों से जल्द पूछताछ की जाए : नीरज

फरीदाबाद के एनआईटी से कांग्रेस पार्टी विधायक नीरज शर्मा का कहना है कि अब जब राज्य की मनोहर सरकार ने हरियाणा विजिलेंस ब्यूरो को आईएएस अफसरों से भी पूछताछ की इजाजत दे दी है, तो इसमें देरी नहीं होनी चाहिए। नीरज शर्मा का आरोप है कि छोटे अफसरों को गिरफ्तार कर करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार का खात्मा नहीं किया जा सकता है। इसके लिए विजिलेंस ने 17 ए के तहत जिन 2 पूर्व निगम कमिश्नरों के खिलाफ सरकार से कार्रवाई की अनुमति मिल जाने के बाद अब इन अफसरों पर शिकंजा कसा जाना चाहिए ताकि हरियाणा के पड़ोसी राज्यों में भी एक संदेश जा सके कि करप्शन के किसी भी मामले में कोई समझौता नहीं होगा। उन्होंने कहा जनता का पैसा डकारने वाले अधिकारियों को वह किसी भी तरह से राहत दिए जाने के हक में नहीं है। कांग्रेस विधायक का कहना है कि दोबारा जरूरत पड़ी तो वे एक बार फिर इस मुद्दे पर आंदोलन के लिए तैयार हैं, हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान भी वे पूरे मामले में सरकार से जवाब मांगेंगे।

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