सीएम सिटी में प्रदेश भर के स्कूल संचालकों का हल्ला बोला

ऑल हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ से जुड़े प्रदेशभर के स्कूल संचालकों ने शुक्रवार को सीएम सिटी में हल्ला बोला। सुबह से दोपहर तक स्कूल संचालकों नें सेक्टर आठ की राजपूत धर्मशाला में मीटिंग की। यहां सरकार द्वारा वादाखिलाफी किए जाने को लेकर रोष जाहिर किया गया। भाषणों में सरकार को जमकर कोसा गया।;

Update: 2020-12-05 03:22 GMT

ऑल हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ से जुड़े प्रदेशभर के स्कूल संचालकों ने शुक्रवार को सीएम सिटी में हल्ला बोला। सुबह से दोपहर तक स्कूल संचालकों नें सेक्टर आठ की राजपूत धर्मशाला में मीटिंग की। यहां सरकार द्वारा वादाखिलाफी किए जाने को लेकर रोष जाहिर किया गया। भाषणों में सरकार को जमकर कोसा गया। इसके बाद स्कूल संचालक प्रदर्शन करते हुए जिला सचिवालय पहुंचे। यहां सीटीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया।

इस मौके पर संघ के प्रदेश अध्यक्ष रवद्रिं नांदल ने कहा कि भाजपा ने सत्ता में आने से पहले हरियाणा के प्राइवेट स्कूल संचालकों से कुछ वादे किए थे। इन्हें पूरा करने की बात घोषणा पत्र में भी कही गई थी। घोषणा पत्र में कहा गया था कि पिछली सरकारों ने जो कड़े नियम बनाए हैं उनको हम बदलकर लचीजा बना देंगे ताकि प्रत्येक स्कूल को आसानी से मान्यता मिल सके।

उन्होंने कहा कि अब तो भाजपा दूसरी बार प्रदेश में सरकार बना चुकी है मगर कोई वादा पूरा नहीं किया गया। आर्थिक तौर पर कमर तोडऩे वाले अनाप-शनाप जबरन कानून थोप दिए गए हैं। सरकार शक्षिा का उजियारा फैलाने वाले स्कूलों पर अंकुश लगाकर प्रदेश की गति को रोकने का काम कर रही है।

इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष रवद्रिं नांदल, उपाध्यक्ष देवेंद्र वशष्टि, रामनिवास शर्मा, अनिल शर्मा, बलबीर राणा, विनोद हसीजा, अनिल अग्रवाल, दलबीर मान, ईशम सिंह, नरेश, रवद्रिं राणा, कृष्ण पंघाला, धर्मपाल, जवाहर सिंह, अनुराग, सुमत्रिा वर्मा, रिषीराज व जयवीर सहित बड़ी संख्या में स्कूल संचालक मौजूद रहे।

ये हैं मुख्य मांगें

भाजपा के चुनावी घोषणापत्र के अनुसार प्रदेश के अस्थाई मान्यता प्राप्त/परमिशन प्राप्त स्कूलों को स्थाई मान्यता दी जाए। नहीं तो कम से कम इन वद्यिालयों को वन टाईम एग्जेंप्शन फॉर एग्जस्टिगिं स्कूल रूल के तहत गेस्ट टीचर्स की सर्विस सक्यिोरिटी की तर्ज पर 8-10 साल की मान्यता अवधि बढ़ाई जाए।

अदालतों में केस व साल दर साल अवधि बढ़वाने में स्कूल संचालकों के लिए यह समय व धन की बर्बादी है और स्कूल संचालकों का भी सरकारों के प्रति उदासीन रवैया रहता है।कोरोना महामारी के दौरान आर्थिक तौर पर तंगी में आ चुके स्कूलों की प्लेज मनी निकलवाने की अनुमति दी जाए।

घाटे का सौदा हो चुकी स्कूल बसों की ईएमआई व बसों पर लगाए टैक्स माफ हों। साथ ही बसों की मियाद 10 वर्ष से बढ़ाकर 15 वर्ष की जाए।निजी स्कूलों के प्रॉपर्टी टैक्स बिजली बिल पानी बिल व किराया आदि को माफ किया जाए।

तीन जून 2011 के नोटिफिकेशन को लागू किया जाए ताकि एक कक्षा एक कमरा नियम के तहत सभी स्कूलों को मान्यता प्राप्त हो जाए और मान्यता प्राप्त स्कूलों को विभाग द्वारा बंद किए जाने का भय खत्म हो जाए।

प्रदेश के सभी स्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों को 10 वर्ष के बाद पुन: अवलोकन हेतु फाइल प्रोसेस करने की शर्त समाप्त की जाए।स्कूल प्रबंधन को दुरुस्त करने के लिए सरकार विशेष वित्तीय राहत पैकेज जारी करे।

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