बैंक के बाद अब 25 से कम विद्यार्थियों वाले स्कूल किए जाएंगे मर्ज
25 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों के शिक्षकों को समेत पोस्ट अन्यंत्र स्कूलों में भेजा जाएगा। शिक्षा विभाग ने इस तरह के स्कूलों की तीन दिन के भीतर रिपोर्ट भेजे जाने के निर्देश दिए हैं।;
हरिभूमि न्यूज.भिवानी
अगर शिक्षा विभाग ने कम छात्र संख्या वाले स्कूलों का फैसला नहीं पलटा तो जिले के 58 स्कूलों का नजदीकी प्राईमरी या माध्यमिक स्कूलों में मर्ज होना तय है। 25 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों के शिक्षकों को समेत पोस्ट अन्यंत्र स्कूलों में भेजा जाएगा। शिक्षा विभाग ने इस तरह के स्कूलों की तीन दिन के भीतर रिपोर्ट भेजे जाने के निर्देश दिए हैं। दूसरी तरफ प्राथमिक शिक्षक संघ ने कम संख्या वाले स्कूलों को 31 मई तक समय दिए जाने की मांग की। शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को भेजे निर्देशों में कहा कि उनके जिले में कितने ऐेसे स्कूल हैं। जिनमें प्राइमरी से लेकर पांचवीं कक्षा तक के बच्चों की संख्या 25 या इससे कम हैं। इन स्कूलों में कितने.कितने शिक्षक तैनात हैं। सभी ब्यौरा तीन दिन के भीतर भेजने के निर्देश दिए हैं। विभाग के मुख्यालय से पत्र आने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने बीईओ के माध्यम से उक्त जानकारी मांग ली है। वहीं इस तरह का पत्र आने के बाद शिक्षकों में भी खलबली मच गई है।
पड़ोसी स्कूलों में जाएंगे बच्चे
शिक्षा विभाग के नए निर्देशों के अनुसार जिन स्कूलों में बच्चों की संख्या कम है। उन स्कूलों के बच्चों को नजदीकी प्राइमरी या माध्यमिक स्कूलों में शिफ्ट किया जाएगा। सबसे पहले नजदीकी स्कूल की प्राथमिकता रहेगी। अगर स्कूल दूर है तो उसका अलग से विकल्प तलाशा जाएगा। इसी तरह इन स्कूलों में तैनात शिक्षकों को पड़ोसी की बजाए जिस स्कूल में शिक्षकों की कमी है। वहां पर समेत पोस्ट भेजा जाएगा। फिलहाल विभाग रिक्त शिक्षकों के पदों की सूची तैयार कर रहा है। अगर जिले में रिक्त पदों की संख्या कम रही तो दूसरे जिले में भेजे जाने पर विचार हो सकता है।
रामबास तलवानी की पाठशाला में दो शिक्षक, दो बच्चे
शिक्षा विभाग के इस फैसले को सही तो कोई गलत बता रहा है। बच्चों की संख्या जांचने पर जिले के कन्या प्राथमिक पाठशाला रामबास में दो शिक्षक हैं और दो ही बच्चे हैं। जिनको दोनों शिक्षक पढा रहे हैं। इसी तरह ढाणी केहरा में दो शिक्षक व दो बच्चे, ढाणी किशनलाल में तीन बच्चे व दो शिक्षक, ढाणी मनसुख में भी तीन बच्चों को दो शिक्षक पढा रहे हैं। ढाणी लालपुर में चार बच्चों को एक तो ढाणी ढोला में चार बच्चों पर दो शिक्षक नियुक्त है। इसी तरह से 25 से कम छात्र संख्या वाले 58 स्कूलों को मर्ज करने की तैयारी शुरू कर दी है।
काेंट के स्कूल में 235 बच्चे पंजीकृत, बैठने के लिए कमरे पड़ गए कम
भिवानी शहर के नजदीकी गांव कोंट के कन्या पाठशाला का नजारा ही कुछ और है। यहां पर अब 235 बच्चे पंजीकृत हैं। हैड टीचर समेत सात टीचर तैनात हैं। इतने ही स्कूल में कमरे हैं। अगर बच्चों की संख्या औक बढ गई तो स्कूल में बच्चों को बैठाने के लिए जगह ही नहीं है। स्कूल के हैड टीचर मास्टर अजय श्योराण ने बताया कि उनके पास बच्चों की संख्या पर्याप्त है। अगर उनके पास ओर एक अतिरिक्त कमरा हो तो वे एक नया सैक्शन तैयार कर सकते हैं।