ट्रांजेक्शन की पूछताछ के लिए गूगल से सर्च किया नंबर : साइबर चिटर ने ऐनी डेस्क एप डाउनलोड कराकर ठग लिए 1.94 लाख रुपये
जब पीड़ित ने बैंक शाखा में जाकर पता किया, तो उसे ठगी के बारे में पता चला। पुलिस ने उसकी शिकायत पर केस दर्ज करने के बाद उन बैंक खातों का पता लगाने के प्रयास शुरू कर दिए।;
हरिभूमि न्यूज : रेवाड़ी
साइबर ठगी की वारदात को अंजाम देने वाले लोग गूगल का बखूबी इस्तेमाल कर रहे हैं। धारूहेड़ा में एक व्यक्ति ने अपने आईसीआई बैंक खाते में हुई एक ट्रांजेक्शन का पता लगाने के लिए जब गूगल से सर्च किए किए गए नंबर पर कॉल किया, तो साइबर ठग ने उसे 1.94 लाख रुपए का चूना लगा दिया। पुलिस ने केस दर्ज करने के बाद मामले की जांच शुरू कर दी।
धारूहेड़ा की संतोष नगर कॉलोनी में रहने वाले मूल रूप से अजमेर निवासी शिवराज रावत ने पुलिस को दर्ज शिकायत में बताया कि उसका आईसीआई बैंक की धारूहेड़ा शाखा में खाता है। उसे अपने खाते से हुई 5590 रुपए की ट्रांजेक्शन को लेकर संदेह हो रहा था। बैंक से पता लगाने के लिए उसने गूगल से कस्टमर केयर नंबर सर्च किया, तो उसे एक नंबर मिल गया। उस नंबर पर कॉल करने पर सामने वाले व्यक्ति ने बताया कि ट्रांजेक्शन गलत हुआ है। रिफंड के लिए उसे एनी डेस्क एप डाउनलोड करनी होगी। उसके बताए अनुसार उसने एप डाउनलोड कर ली।
उसने बताया कि एप डाउनलोड करने के बाद फोन पर बात करने वाले ने उसे एप को इंस्टाल करने के लिए अपना नाम और मोबाइल नंबर डालने को कहा। नाम और नंबर डालते ही उसने प्रोसीड किया, तो उसके मोबाइल पर 2 बार ओटीपी आया। उसने फोन काट दिया। इसके बाद बिना ओटीपी बताए उसे बैंक खाते से 94000 हजार रुपए गायब हो गए। कुछ देर बाद आए मैसेज से उसे पता चला कि उसके खाते से 2.94 लाख रुपए का लोन लेकर उससे 99999 रुपए का ट्रांसजेक्शन भी कर लिया है। इसके बाद में जब उसने बैंक शाखा में जाकर पता किया, तो उसे ठगी के बारे में पता चला। पुलिस ने उसकी शिकायत पर केस दर्ज करने के बाद उन बैंक खातों का पता लगाने के प्रयास शुरू कर दिए, जिन खातों में शिवराज के खाते से पैसा ट्रांसफर हुआ है।