मेरा पानी-मेरी विरासत योजना में किसान नहीं दिखा रहे दिलचस्पी, हजारों एकड़ भूमि का टारगेट सैकड़ों में अटका
खरीफ सीजन में पानी के दोहन को बचाने के लिए व सिंचाई खर्च को कम करने के लिए मेरा पानी-मेरी विरासत योजना लागू की है। जिसके अंतर्गत किसान अगर धान की खेती छोड़कर बाजरा छोड़कर कोई भी फसल उगाता है तो उसे 7 हजार रुपए की अनुदान राशि दी जाएगी।;
हरिभूमि न्यूज. सोनीपत
प्रदेश में जल संरक्षण मुहिम को धरातल पर मजबूत करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा चलाई योजना मेरा पानी-मेरी विरासत योजना धरती-पुत्रों को रास नहीं आ रही हैं। जिले में उक्त योजना को लागू करने के लिए विभाग की तरफ से 6000 हजार एकड़ का टारगेट मिला हुआ हैं। जबकि उक्त योजना में किसान अब तक महज 700 एकड़ की पंजीकरण करवा पाएं हैं। उक्त योजना को पूरा करने के लिए बागवानी व कृषि विभाग की टीमें काम कर रही हैं।
बता दें कि जमीनी पानी को बचाने के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से सबसे महत्वपूर्ण मेरा पानी-मेरी विरासत योजना को शुरू किया था। खरीफ सीजन में पानी के दोहन को बचाने के लिए व सिंचाई खर्च को कम करने के लिए मेरा पानी-मेरी विरासत योजना लागू की है। जिसके अंतर्गत किसान अगर धान की खेती छोड़कर बाजरा छोड़कर कोई भी फसल उगाता है तो उसे 7 हजार रुपए की अनुदान राशि दी जाएगी। यही नहीं अगर किसान अपने खेत को खाली भी छोड़ देता है तो भी उसे योजना के तहत 7 हजार रुपए की राशि दी जाएगी। सरकार की यह योजना किसानों को रास नहीं आ रही है। टारगेट महज कुछ ही आकड़ों में सीमट कर रहा गया हैं।
विभाग की तरफ से 30 जून तक रजिस्ट्रेशन करवाने की तारीख
विभाग की तरफ से जिले में 6 हजार एकड़ भूमि का लक्ष्य मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत रखा गया है। किसानों को योजना से जुड़ने के लिए 30 जून तक अपना पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। किसानों को मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर भी अपनी फसलों का पंजीकरण करवाना होगा। लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कृषि विभाग ने एड़ी-चोटी का जोर लगा रखा है। दो दर्जन से अधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। योजना का लाभ वहीं किसान ले सकता है, जिस किसान ने पिछले साल खेत में धान उगाया था और उसी खेत में इस बार धान को छोड़कर अन्य फसल उगा रहा है।
किसान तेजी से कर रहे धान की रोपाई, इस वर्ष 90 हजार हेक्टेयर लक्ष्य
जिले में धान की रोपाई प्रक्रिया को किसान तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं। 15 जून तक कृषि विभाग ने धान की रोपाई प्रक्रिया पर रोक लगा रखी थी, परन्तु रोक हटते ही जिले में किसान तेजी से धान की रोपाई करने में जुटे हुए है। कृषि विभाग ने इस बार 90 हजार हैक्टेयर भूमि में धान की रोपाई करवाने का लक्ष्य रखा है। हालांकि इस साल यह आंकड़ा 1 लाख हैक्टेयर को पार कर जाता है।
7 हजार रुपये अनुदान : मेरा पानी-मेरी विरासत योजना को धरातल पर लागू करने के लिए टीमों का गठन किया हुआ हैं। किसानों को धान की फसल छोड़ने के लिए 7 हजार रुपये की अनुदान राशि भी दी जा रही हैं। योजना को सफल बनाने के लिए विभाग की तरफ से ब्लाक स्तर पर लगातार जागरूकता कैंप आयोजित किए जा रहे हैं। किसानों का आह्वान है कि गिरते भूजल को रोकने के लिए धान की बजाए कपास, ज्चार या फिर कोई अन्य फसल उगाएं। ताकि भू-जल स्तर को बचाया जा सके। - अनिल सहरावत, जिला कृषि अधिकारी।