राहत : हरियाणा के पशुपालकों को मिलेगी अब यह सुविधा, अस्पताल नहीं लाने पड़ेंगे बीमार मवेशी
कई बार ट्रैक्टर ट्राली, तो कई बार पैदल ही इस तरह के पशु ले जाने में कईं तकलीफ भी पशुओं को होती हैं। इस तरह के पशुओं को अब उनके गांव और घर-द्वार पर चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए मोबाइल एम्बुलेंस सेवा चालू की जानी है।;
योगेंद्र शर्मा : चंडीगढ़
हरियाणा के पशुपालकों के लिए राहत भरी खबर है, क्योंकि उन्हें आने वाले वक्त में अपने बीमार पशुओं को परेशानी की हालत में दूर-दराज अस्पताल में लेकर नहीं जाना पड़ेगा बल्कि विभाग हरियाणा पशुपालन एवं डेरी विभाग की डाक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ वाली एंबुलेंस गांव में पशुओं को उपचार देने का काम करेगी। इस क्रम में राज्य की मनोहर सरकार ने इसके लिए बजट की व्यवस्था कर दी है। नए साल में केंद्र के सहयोग से इनकी खरीद होगी। खासतौर पर सरकार के आला अफसरों ने पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों में बीमार पशुओं को लेकर ग्रामीण पशुपालकों की परेशानी को देखते हुए यह समाधान निकाला है।
अर्थात अब उन्हें बीमार पशु को कई-कई किलोमीटर अस्पताल ले जाने की जरूरत नहीं होगी। कई बार ट्रैक्टर ट्राली, तो कई बार पैदल ही इस तरह के पशु ले जाने में कईं तकलीफ भी पशुओं को होती हैं। इस तरह के पशुओं को अब उनके गांव और घर-द्वार पर चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए मोबाइल एम्बुलेंस सेवा चालू की जानी है। जिसमें डाक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ के साथ-साथ में टेस्ट, दवाएं आदि की सुविधा होगी ताकि मौके पर देखने के बाद में वहीं उपचार की शुरुआत हो सके। इतना ही नहीं बड़ी आबादी और जहां ज्यादा पशु हैं, वहां पर पूरे दिन यह एंबुलेंस खड़ी रहोगी।
जबकि अन्य स्थानों पर कम पशु होने की सूरत में दूसरे स्थानों पर जाकर उपचार करेगी। वैसे, इसमें एक लाख की आबादी वाले गांवों में राज्य के गांवों में व्यवस्था की जानी है। इसमें राज्य के साथ साथ केंद्रीय सरकार द्वारा प्रायोजित मोबाइल वेटरनरी यूनिट परियोजना के तहत पंचवर्षीय योजना है। इसमें घायल और बीमार पशुओं को ऑनसाइट चिकित्सा सुविधा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा मोबाइल वाहनों की खरीद के लिए धनराशि जारी गई है। हालांकि यह सभी राज्यों में व्यवस्था की जा रही है ताकि सभी राज्यों में पशुपालकों को राहत दी जा सके।
हाल ही में पशुओं में फैली बीमारियों और बड़ी संख्या में लंपी बीमारी से पशुओं की मौत को लेकर अफसर और सरकार ने चिंता जाहिर करते हुए, जल्द से जल्द एंबुलेंस खरीद की तैयारी कर ली है। बीमारियों से बचाव और रोकथाम, उन्मूलन की दिशा में यह अहम कदम होगा। बताया जा रहा है कि उक्त एंबुलेंस की कीमत भी 16 लाख से ऊपर और इसमें वेटरनरी उपकरण, हल्की सर्जरी, कृत्रिम गर्भाधान, रोगों की जांच टेस्ट आदि की व्यवस्था भी की जा रही है।
एम्बुलेंस में हाइड्रोलिक लिफ्ट
इतना ही नहीं एम्बुलेंस में ''हाइड्रोलिक लिफ्ट'' सुविधा होगी, जिससे आपातकाल में पशुओं को तत्काल नजदीकी पशु चिकित्सालय में स्थानांतरित किया जा सकेगा। जिन पशुओं का मौके पर उपचार नहीं होगा, उन्हें सरकारी पशु चिकित्सालयों में एम्बुलेंस से लाया जाएगा। राज्य का पशुपालन विभाग डायल 112 और अन्य हेल्पलाइन नंबरों की तर्ज पर एंम्बुलेंस सेवा का नंबर दिया जाएगा। किसी भी आपातकालीन हालात में टोल फ्री नंबर पर काल करने के साथ ही टीम मौके पर जाकर पशुओं का उपचार करेगी, इस क्रम में पशु पालक 24 घंटे एम्बुलेंस सेवा का लाभ उठा सकेंगे। प्रदेश के हर विकास खंड में एक एम्बुलेंस चलाने की योजना है। लेकिन कईं चरणों में काम होगा। इसमें पशु चिकित्सक एक पशु सहायक कामकाज करने के लिए मौके पर जाएंगे।
कई बार सुविधा नहीं होने और अस्पताल तक नहीं जाने से मौत
कई पशु कई कारणों से घायल हो जाते हैं, जिसके बाद में सही वक्त पर उपचार नहीं मिलने के कारण वे दम तोड़ जाते हैं। लेकिन हरियाणा में अब पशुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए यह बड़ा कदम होगा। पहले चरण में 70 एंबुलेंस की खरीद की तैयारी है। विभाग की प्रमुख सचिव पी अमनीत कुमार बताती हैं कि नए साल में इन्हें चालू करने की दिशा में हम तेजी से काम कर रहे हैं। इसके बाद में पशुओं को भी सही समय पर मदद मिल पाएगी और उनकी जान को भी बचाया जा सकेगा। सरकार और केंद्र सरकार मिलकर इस पर काम कर रही हैं।
पूर्व में राज्य के पास 20 पशु एंबुलेंस की सुविधा
राज्य में पहले से बीस एंबुलेंस हैं, जिनको ऊंट के मुंह में जीरा कहा जा सकता है। अब इनके बढ़ाने की सूचना मात्र से पशुपालकों में राहत की सांस आएगी। बता दें कि राज्य में सरकार की ओर से कुछ जिलों में एक विशेष योजना के तहत दो-दो एंबुलेंस देकर ट्रायल भी कुछ वक्त पहले किया गया था। पूर्व में यह परियोजना जिला परिषद को सौंपी गई थी।