Sirsa: लघु सचिवालय में पक्का मोर्चा पर ऊंटगाड़ी लेकर पहुंचे किसान, जानिए क्या है किसानों की मांग

बीकेई का धरना चौथे दिन भी जारी रहा है। किसानों की लघु सचिवालय में 258 करोड़ मुआवजा राशि सहित अन्य मांगें भी है। परंतु अभी तक सरकार की तरफ से कोई भी प्रशासनिक अधिकारी किसानों से बातचीत नहीं की है।;

Update: 2023-01-19 16:55 GMT

हरिभूमि न्यूज. सिरसा: लघु सचिवालय में 258 करोड़ मुआवजा राशि सहित किसानों की अन्य मांगों को लेकर बीकेई का धरना चौथे दिन भी जारी रहा। बीकेई प्रधान लखविंद्र सिंह औलख ने कहा कि वे इस धरने के माध्यम से शांतिपूर्वक अपनी मांगों व समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं, परंतु अभी तक सरकार की तरफ से कोई भी प्रशासनिक अधिकारी किसानों से बात करने नहीं पहुंचा है। लखविंद्र सिंह औलख ने पंजाब की जीरा फैक्ट्री के मोर्चे की जीत का उदाहरण देते हुए कहा कि लोगों की ताकत और हक सच की लड़ाई के आगे सरकार को झुकना ही पड़ता है। गांव बकरियांवाली से किसान साथी अपनी ऊंट गाड़ी लेकर मोर्चे का समर्थन करने के लिए पहुंचे।

धरना स्थल किसानों ने बाबा भूमण शाह चौक पर पहुंचकर उनका जोरदार स्वागत करते हुए किसान जिंदाबाद के नारे लगाते हुए धरना स्थल पर उन्हें लेकर आए। बीकेई अध्यक्ष ने कहा कि किसानों को बीज, कीड़े मार दवा व खाद को लेकर कई बार शिकायत आ जाती है या फसल खराब हो जाती है। किसान कृषि विभाग को सूचित करता है। विभाग दुकानदार से शिकायत वाले प्रोडक्ट के 3 सैंपल लेता है, एक सैंपल दुकानदार के पास रहता है और 2 सैंपल विभाग अपने साथ ले जाता है, जिस किसान की शिकायत होती है उसके पास कोई सबूत नहीं रहता है, जिससे कि वह अपनी खराब हुई फसल का क्लेम उस कंपनी के उत्पाद पर कर सके।

इसलिए हमारी मांग है कि जब भी किसी किसान की फसल खराब हो, जब शिकायत के आधार पर कृषि विभाग उस दुकानदार से किसान द्वारा खरीदे गए उत्पाद के 4 सैंपल ले, उसमें से 1 सैंपल शिकायतकर्ता किसान को दिया जाए। इसके साथ-साथ कृषि मंत्रालय उस उत्पाद को जांच कराने के लिए लैब भी निर्धारित करें, जिस पर किसान शिकायत वाले उत्पाद की जांच करा सके। क्योंकि भ्रष्टाचार के चलते हुए जब भी किसी दुकानदार की सैंपलिंग होती है, वह कुछ लेनदेन करके सैंपल पास कर लेते हैं। ऐसा करने से जो दुकानदार अच्छी कंपनी के अच्छे उत्पाद बेचते हैं, उनका भी फायदा होगा क्योंकि सब्सटेंडर्ड और नकली बीज, कीटनाशक व खाद बेचने वाले दुकानदारों और कंपनियों पर लगाम लगाई जा सकेगी और किसानों की खेती को बचाया जाएगा।

Tags:    

Similar News