Sonipat : हरियाणा पुलिस व उत्तराखंड विधानसभा में नौकरी लगवाने के नाम पर 25 लाख की ठगी

  • उत्तराखंड विधानसभा में नौकरी का दिया फर्जी नियुक्ति पत्र
  • गांव जटवाड़ा के ग्रामीण ने रोहतक के गांव गिझी व उत्तराखंड के देहरादून निवासी 6 आरोपितों पर दर्ज कराया मुकदमा
  • पुलिस आयुक्त को दी थी शिकायत, उसके बाद सिविल लाइन थाना में दर्ज हुआ मुकदमा
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Update: 2023-08-11 07:43 GMT

Sonipat : सिविल लाइन थाना क्षेत्र के जटवाड़ा में हरियाणा पुलिस व उत्तराखंड विधान सभा में नौकरी लगवाने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी की गई। पीड़ित ने पुलिस को शिकायत देकर छह आरोपितों पर वारदात को अंजाम देने का आरोप लगाया। आरोपितें में दो आरोपित देहरादून व दो आरोपित रोहतक के रहने वाले है। पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है।

गांव जटवाड़ा निवासी कुलदीप ने बताया कि उसकी मौसी सांघी जिला रोहतक में है। वह आरोपितों को अपनी मौसी ओर एक आरोपित की बहन द्वारा जानता है। मार्च 2021 में आरोपित महिला व उसके पति ने उससे कहा कि उनकी काफी जान पहचान है, वह उसके बेटे को हरियाणा पुलिस में नौकरी लगवा देंगे। आरोपितों ने उसे झांसे में ले लिया व नौकरी लगवाने के नाम पर पहले दो लाख, फिर एक लाख रुपए, तीन लाख रुपए, पांच लाख अलग-अलग कुल 11 लाख रुपए ले लिए। उसके बाद जब उसे शक हुआ ओर अपने पैसे वापस मांगे तो आरोपितों ने कहा कि वह विधान सभा देहरादून में लगे दो लोगों को जानते है। उसके लड़के को विधान सभा देहरादून में नौकरी लगवा देंगे। आरोपितों ने उसके घर पर आकर मुलाकात की। इसके बाद बेटे के पास एक मेल आया। जिसमें लिखा गया था कि बेटे कुशल खत्री की नियुक्ति हो गई। इसके बाद बेटे के पास दूसरी मेल आई जिसमें लिखा था कि आप की नियुक्ति मंजूर हो गई है। उसका बेटा विधान सभा देहरादून गया। यहां पर आरोपित महिला मिली। इसके बाद बेटे को मेल पर निदेशालय में पहुंचकर नियुक्ति पत्र लेने के लिए कहा गया, जिसके बाद वह वहां पर पहुंचा।

यहां कार्रवाई आरोपित महिला ने की। इसके बाद आरोपित दंपति के कहने पर उसने दो लाख आरोपितों के खाते में डलवा दिए। उसके बाद आरोपितों ने उसके बेटे को एक नियुक्ति पत्र दिया। जिसके अनुसार बेटे को विधान सभा देहरादून में नियुक्ति दी गई। इसके बाद आरोपित बेटे को देहरादून विधानसभा में बुलाते रहे। उसे बताया गया कि वह यहां नौकरी लग गया है। अब उसका मेडिकल होगा। इसके बाद पहचान पत्र भी जारी किया गया। आरोपितों के कहने पर उसने आरोपितों के खाता में 5 लाख रुपए ओर डलवाए। बेटे का सरकारी अस्पताल देहरादून में मेडिकल भी करवा दिया गया। लेकिन इसके बाद उसे आरोपितों की जालसाजी का पता चला। आरोपितों ने इस तरह उससे 24 लाख 25 हजार रुपए ठग लिए। आरोपितों ने नौकरी के फर्जी दस्तावेज तैयार करके दिए। रुपए वापस मांगने पर आरोपित आनाकानी करने लगे। मामले को लेकर पुलिस को शिकायत दी गई। जांच अधिकारी एसआई मनीष कुमार ने बताया कि अलग-अलग विभागों में नौकरी लगवाने के नाम पर लाखों रुपए की नकदी ऐंठने की शिकायत मिली है। इस संबंध में केस दर्ज किया है। मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। 

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