Sonipat : आधुनिक हुआ चीनी मिल का एप, घर बैठे किसान बुक कर पाएंगे अपना टोकन

  • गन्ना उत्पादकों का मिल में समय पर आ पाएगा कांटे पर नंबर, यार्ड में नहीं लगेगी ट्रालियाें की भीड़
  • एप के जरिए किसान अपने टोकन नंबर की घर बैठकर रख पाएंगे नजर
  • गन्ना उत्पादकों के साथ पेराई सत्र 2023-24 में 33 लाख 50 हजार गन्ने का बांड
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Update: 2023-11-09 05:44 GMT

Sonipat : दी सहकारिता चीनी मिल सोनीपत गन्ना उत्पादकों को आधुनिक सुविधाए प्रदान करने पर अग्रणी भूमिका निभाने में कामयाब हो रहा है। कुशल इंजीनियर व प्रबंधन की कड़ी मेहनत के चलते गन्ना उत्पादकों के लिए चीन मिल एप गत वर्ष पहले तैयार किया था। उक्त एप को ओर आधुनिक बनाया गया है। गन्ना उत्पादक घर बैठे अपना टोकन बुक कर पायेगा। उसके हिसाब से घर से गन्ना लेकर चीनी मिल में पहुंचेगें। एप पर टोकन सुविधा उपलब्ध होने से गन्ना उत्पादकों की समय की बचत हो पायेगी। वहीं मिल प्रबंधन की तरफ से वर्ष 2023-24 पेराई सत्र के लिए गन्ना उत्पादकों के साथ करार किया है। जिसको लेकर 10 नवंबर तक किसानों से अपत्तियां मांगी गई है।

बता दें कि शहर के कामी सड़क मार्ग स्थित चीनी मिल की तरफ से गन्ना उत्पादकों को सुविधा देने के लिए गत वर्षो पहले एप तैयार किया था। प्रदेश में चीनी मिल पहला ऐसा मिल था जहां उक्त एप के जरिए गन्ना उत्पादक मिल में डालना शुरू किया। उसके बाद चौ. देवीलाल चीनी मिल आहुलाना सहित अन्य मिलों को उक्त एप की सुविधा को शुरू किया गया था। उक्त एप में किसान को अपनी पर्ची, वार्ड में ट्रालियों की संख्या, गन्ने का सर्वे, पेराई के आकड़े, पुरानी पर्ची जमा करने, भुगतान, बाहरी गनना क्रय-केंद्र की सुविधा दी गई थी। जिसके बाद से किसान घर बैठे अपने फोन पर उक्त सुविधाओं का लाभ उठा पा रहा था। मिल प्रबंधन की तरफ से किसानों की सुविधा बेहत्तर करने के लिए एप पर खुद ही टोकन बुक करने की सुविधा को शुरू किया। जिसका ट्रायल हो चुका है। पेराई सत्र वर्ष 2023-24 में उक्त सुविधा का लाभ गन्ना उत्पादक ले सकेंगे।

गन्ना उत्पादकों के साथ बांड फाइनल, उत्पादकों से मांगी आपत्तियां

चीनी मिल सोनीपत के अंतर्गत आने वाले गन्ना उत्पादकों के साथ वर्ष 2023-24 में 33 लाख 50 हजार गन्ने के बांड का करार हुआ है। मिल प्रबंधन की तरफ से गन्ना उत्पादकों से आगामी दस नवंबर तक आपत्तियां दर्ज करने की तारीख दी है। उसके बाद उक्त करार को फाइनल रूप दे दिया जायेगा। जरूरत के हिसाब से मिल प्रबंधन किसानों से गन्ना लेगा।

कुशल इंजीनियर के चलते मिल रहा लाभ, गन्ना उत्पादकों को हुई सुविधा

चीनी मिल सोनीपत में तैनात इंजीनियर राकेश कुमार की तरफ लाखों रुपए कीमत से तैयार होने वाले उक्त एप को फ्री में तैयार कर गन्ना उत्पादकों को सौगात देने का काम किया था। उसके बाद उक्त एप को चौ. देवीलाल चीनी मिल में भी प्रयोग किया जा रहा है। एप से जिले के गन्ना उत्पादकों को फायदा पहुंचा था। जिससे उनकी भागदौड़ में काफी हद तक कमी आई है। मिल प्रबंधन व जिला प्रशासन की तरफ से इंजीनियर को सम्मानित करने का काम किया गया था।

आधुनिक हुई एप की सुविधाएं, गन्ना उत्पादकों का बचेगा समय

चीनी मिल द्वारा तैयार किए एप को इस पेराई सत्र के लिए ओर भी आधुनिक बनाने का काम किया है। एप में घर बैठे टोकन बुक करने की सुविधा को जोड़ा गया है। किसान अपने घर पर एप के जरिए अपने बॉड के आधार पर बुक कर पायेगा। उसके बाद कांटे पर चल रहे टोकन को आॅनलाइन देखते हुए समय पर चीनी मिल में पहुंच पायेगा। किसानों का जहां पहले करीब 10 से लेकर 14 घंटे का समय कांटे पर पर्ची डालने के लिए होता था। एप पर हुई सुविधा में वह महज घर से आने व गन्ना डालने का मात्र दो घंटे का रह जायेगा।

गन्ना उत्पादकों की सुविधा बढ़ाने का किया काम : संजय सिंह

चीनी मिल के एमडी संजय सिंह ने कहा कि चीन मिल प्रबंधन की तरफ से हमेशा गन्ना उत्पादकों की सुविधा को बढ़ाने का काम किया है। इंजीनियर की तरफ से तैयार एप किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है। वहीं पेराई सत्र को दीवाली के बाद शुरू करने की तैयारी है। मिल की तरफ से कारखाने में मशीनरी का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। दस नवंबर तक किसानों से आपत्ति मांगी गई है। उसके बाद गन्ना उत्पादकों के साथ करार फाइनल कर दिया जाएगा। उच्च अधिकारियों के दिशा-निर्देशों पर पेराई सत्र को शुरू करने का काम किया जाएगा।

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