Farmers Protest : किसान संगठनों में फूट, क्या अब अकेले रह जाएंगे टिकैत

अभी तक राकेश टिकैत की महापंचायतों को लेकर कुछ किसान संगठनों ने विरोध के स्वर उठाए थे। वहीं अब टिकैत के बयानों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा भी किनारा कर रहा है।;

Update: 2021-02-26 02:30 GMT

हरिभूमि न्यूज. सोनीपत

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं को घेरे बैठे किसानों के संगठनों के बीच आए दिन खींचातान होती दिखाई दे रही है। अभी तक किसान नेता राकेश टिकैत की महापंचायतों को लेकर कुछ किसान संगठनों ने विरोध के स्वर उठाए थे। वहीं अब राकेश टिकैत के बयानों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा भी किनारा कर रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा पहले भी राकेश टिकैत के बयानों को लेकर सहज स्थिति में दिखाई नहीं दिया।

अब हाल ही में राकेश टिकैत द्वारा दिए गए दिल्ली कूच के बयान को लेकर भी संयुक्त किसान मोर्चा ने स्पष्ट कर दिया है कि ये ब्यान राकेश टिकैत का निजी ब्यान हैं। इससे संयुक्त किसान मोर्चा का कोई लेना-देना नहीं हे। मोर्चा के कई जत्थेदारों ने स्पष्ट किया कि मोर्चा की ऐसी कोई रणनीति नहीं है। मोर्चा की रणनीति 28 फरवरी तक निर्धारित है। जिसमें कोई बदलाव नहीं किया गया। 28 फरवरी को जो बैठक होगी, उसके बाद आगे की रणनीति बनाई जाएगी। इसके अलावा किसान मोर्चा राकेश टिकैत द्वारा फसलों को बर्बाद करने के ब्यान को लेकर भी चिंतित है। मोर्चा के पदाधिकारियों का मानना है कि किसानों को किसी भी सूरत में अपनी फसल को बर्बाद नहीं करना चाहिये। बता दें कि राकेश टिकैत ने ब्यान दिया था कि 40 लाख ट्रैक्टरों के लिये किसान दिल्ली के लिये कूच करेंगे। इस ब्यान के बाद से ही किसान आंदोलन के अधिकतर संगठन नाराज बताए जा रहे थे। इसी वजह से संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से इस तरह का स्पष्टीकरण दिया गया है।

15 दिन के कार्यक्रम में नहीं है दिल्ली कूच का कोई कार्यक्रम

मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य एवं भारतीय किसान यूनियन के पंजाब अध्यक्ष जगजीत सिंह दल्लेवाला ने साफ किया कि संयुक्त किसान मोर्चा 15 दिनों का कार्यक्रम एडवांस बनाकर देता है और फिलहाल मोर्चा के कार्यक्रम में दिल्ली कूच करने का कोई कार्यक्रम शामिल नहीं है, न ही ऐसी कोई तैयारी की जा रही है। मोर्चा की आगामी बैठक में यह तय होगा कि इससे आगे के 15 दिनों के लिए क्या कार्यक्रम रहेंगे और किन तरीकों से विरोध जताया जाएगा। दल्लेवाला ने यह भी स्पष्ट किया कि फसल बर्बाद करने का कोई कार्यक्रम मोर्चा की ओर नहीं सुझाया गया है, यह किसी नेता का अपना बयान हो सकता है। किसान मोर्चा तो किसानों को यही सलाह दे रहा है कि किसी भी सूरत में अपनी फसलें बर्बाद न करें।

गुरनाम चढूनी ने भी किया किनारा

भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के गुरनाम चढूनी पहले भी राकेश टिकैत से अलग दिखाई दिए हैं। अब फिर राकेश टिकैत के ब्यानों को लेकर उन्होंने आपत्ति जताई है। चढूनी ने भी मोर्चा के सदस्यों के सुर में सुर मिलाया है। चढूनी ने कहा कि किसान अपनी फसलों को पूत की तरह पालते हैं, ऐसे में उन्हें बर्बाद किया जाना सरासर गलत है। चढूनी ने यह भी कहा कि दिल्ली कूच का कोई इरादा फिलहाल नहीं है। ऐसा कार्यक्रम बना तो बयान जारी किया जाएगा।

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