श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय को मिली 9 पीजी कोर्स शुरू करने की अनुमति

आयुष विश्वविद्यालय उत्तर भारत एकमात्र विश्वविद्यालय बना गया है जहां आयुर्वेद के सभी विषयों में एमडी की पढ़ाई कराई जाएगी। श्रीकृष्णा राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं अस्पताल को यह सौगात स्थापना के 50 वर्ष बाद मिली है।;

Update: 2022-02-10 11:01 GMT

हरिभूमि न्यूज : कुरुक्षेत्र

आयुर्वेद (Ayurveda) के सभी 14 विषयों में एमडी करने के इच्छुक प्रदेश के विद्यार्थियों को अब अन्य राज्यों का रुख नहीं करना पड़ेगा। विद्यार्थी इसी सत्र से श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय एवं अस्पताल में 11 फरवरी से आवेदन कर सकते हैं। भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग (आयुष मंत्रालय) ने आयुष विश्वविद्यालय को नौ विषयों में ईडब्ल्यूएस सहित 52 सीटों पर स्नातकोत्तर करने की अनुमति दी है। इससे पहले यहां पांच विषयों पंचकर्म, शरीर क्रिया, शरीर रचना, कौमारभृत्य तथा शल्य तंत्र में 30 सीटों पर एमडी कराई जा रही है।

आयुष विश्वविद्यालय उत्तर भारत एकमात्र विश्वविद्यालय बना गया है जहां आयुर्वेद के सभी विषयों में एमडी की पढ़ाई कराई जाएगी। श्रीकृष्णा राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं अस्पताल को यह सौगात स्थापना के 50 वर्ष बाद मिली है। अब विद्यार्थी आयुर्वेद के पंचकर्म, शरीर क्रिया, काया चिकित्सा, प्रसूति तंत्र एवं स्त्री रोग सहित सभी 14 विषयों में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर पाएंगे। इससे पहले कॉलेज प्रशासन को मंत्रालय ने नौ विषयों की 52 सीटों के लिए सैद्धांतिक सहमति पत्र दिया था। इसके बाद कॉलेज की ओर से मंत्रालय को दस्तावेज भेजे गए थे। आयुष मंत्रालय की टीम ने महाविद्यालय में पीजी कोर्सेज को शुरू करने के लिए उपलब्ध सुविधाओं का निरीक्षण भी किया था। अब आयुर्वेद के अन्य नौ विषयों में एमडी की 52 सीटों पर लेटर आफ परमिशन (एलओपी) देकर विद्यार्थियों को इसी सत्र से आयुर्वेद कॉलेज में स्नातकोत्तर की पढ़ाई को हरी झंडी मिल गई है। 

विश्वविद्यालय परिवार के संयुक्त प्रयास का परिणाम 

श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बलदेव कुमार ने पूरे विश्वविद्यालय परिवार को बधाई दी और कहा कि श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय उत्तर भारत का एकमात्र ऐसा विश्वविद्यालय बना है जहां आयुर्वेद के सभी 14 विषयों में एमडी की शिक्षा दी जाएगी। यह विश्वविद्यालय परिवार के संयुक्त प्रयास का परिणाम है। विश्वविद्यालय का प्रयास है जल्द ही योग व नेचुरोपैथी के कोर्स और अस्पताल भी शुरू किए जाएं। ताकि विश्वविद्यालय का अधिक से अधिक लाभ लोगों को मिले।

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