भारतीय स्टेट बैंक के सिक्योरिटी गार्ड का स्ट्रांग रूम में खून से लथपथ मिला शव

बलजिंद्र सेना से सेवानिवृत्त था तथा वह पिछले करीब 8 सालों से भारतीय स्टेट बैंक में सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर तैनात था। ऐसा बताया जाता है कि वह ड्यूटी के बाद बंदूक को बैंक में ही रिकॉर्ड रुम में रख जाता था। वह बुधवार सुबह वह ड्यूटी पर आया। करीब साढ़े 9 बजे एटीएम गार्ड व सफाईकर्मी को गोली चलने की आवाज सुनाई दी। जैसे ही अन्य कर्मचारी वहां पहुंचे तो सिक्योरिटी गार्ड बलिंद्र सिंह का शव खून से सना पड़ा था।;

Update: 2020-11-11 15:13 GMT

हरिभूमि न्यूज : कैथल

करनाल रोड पर जिला सचिवालय के नजदीक स्थित भारतीय स्टेट बैंक के सिक्योरिटी गार्ड की उसकी अपनी लाइसेंसी बंदूक से चली गोली से मौत हो गई। गोली चलने की आवाज सुनकर बैंक में भगदड़ मच गई। जैसे ही अन्य कर्मचारी वहां पहुंचे तो सिक्योरिटी गार्ड बलिंद्र सिंह का शव खून से सना पड़ा था। उसके गले के ऊपरी हिस्से में एक गोली लगी थी। सूचना मिलते ही थाना सिविल लाइन प्रभारी इंस्पेक्टर गुरविंद्र सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे तथा शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल भिजवा दिया। पुलिस व परिजनों का कहना है कि बंदूक को चेक करते समय अचानक चली गोली से हादसा हुआ। बलिंद्र सिंह के बेटे अमन के बयान के आधार पर सिविल लाइन थाना पुलिस ने सीआरपीसी 174 के तहत इत्तेफाकिया मौत की कार्रवाई की है।

बलजिंद्र सेना से सेवानिवृत्त था तथा वह पिछले करीब 8 सालों से भारतीय स्टेट बैंक में सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर तैनात था। ऐसा बताया जाता है कि वह ड्यूटी के बाद बंदूक को बैंक में ही रिकॉर्ड रुम में रख जाता था। वह बुधवार सुबह वह ड्यूटी पर आया। करीब साढ़े 9 बजे एटीएम गार्ड व सफाईकर्मी को गोली चलने की आवाज सुनाई दी। उस समय बैंक में सिक्योरिटी गार्ड व सफाई कर्मचारी ही होते हैं। जैसे ही वहां पर मौजूद कर्मी पहुंचे तो बलिंद्र सिंह अपनी कुर्सी के पास खून से लथपथ पड़ा था। सूचना मिलते ही उप पुलिस अध्यीक्षक दलीप सिंह, सिविल लाइन थाना प्रभारी इंस्पेक्टर गुरविंद्र सिंह तथा फारेंसिक टीम मौके पर पहुंची। जिस बंदूक के साथ हादसा हुआ पुलिस ने वह कब्जे में ले ली है। हादसे के बाद बैंक को बंद करके बाहर सूचना चस्पा कर दी गई। गौरतलब है कि बलिंद्र सिंह के दो बेटे हैं। उसका बड़ा बेटा एमबीबीएस कर रहा है तथा छोटा बेटा एमबीबीएस की तैयारी में जुटा है।

बैंक मैनेजर विशाल संधू ने बताया कि बलिंद्र सिंह अच्छे आदमी थे तथा अपनी डयूटी के प्रति समर्पित थे। वे हमेश समय पर आते थे तथा अपना कार्य समर्पण भाव से करते थे।

सिविल लाइन थाना प्रभारी इंस्पेक्टर गुरविंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस ने मृतक बलिंद्र सिंह के बेटे अमन के बयान दर्ज किए हैं। उनका कहना है कि बंदूक को चेक करते समय अचानक गोली चलने से हादसा हुआ। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। मामले में सीआरपीसी की धारा 174 के तहत इत्तेफाकिया मौत की कार्रवाई की गई है।

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