कहानीकार केसरा राम को मिला अंतरराष्ट्रीय 'ढाहां पुरस्कार'

'जनानी पौध' के लेखक केसरा राम ने कहा कि उन्हें खुशी है कि उनके पांचवें कहानी संग्रह को इस सम्मान के योग्य पाया गया।;

Update: 2020-10-09 05:40 GMT

हिसार। पंजाबी भाषा के समृद्ध इतिहास का जश्न मनाने वाले सबसे बड़े साहित्यिक पुरस्कार 'ढाहां पुरस्कार' के लिए इस बार सेक्टर 16-17 निवासी केसरा राम का चयन उनके कथा संग्रह 'जनानी पौध' के लिए किया गया है। उन्हें 25000 हजार कैनिडयन डॉलर की पुरस्कार राशि भी दी जाएगी। पुरस्कार 7 नवंबर को कनाडा के वैंकूवर में एक समारोह में दिया जाएगा। 'जनानी पौध' के लेखक केसरा राम ने कहा कि उन्हें खुशी है कि उनके पांचवें कहानी संग्रह को इस सम्मान के योग्य पाया गया। छोटे-छोटे प्रभावों से यथार्थवादी शैली की कथाओं का सृजन करते समय वे अपने समकालीन राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक सच को पेश करने की कोशिश करते हैं।

बीएसएनएल में एसडीओ के पद से स्वेच्छा से सेवानिवृत्त होने के बाद 54 वर्षीय केसरा राम ने खुद को पढ़नेे और लिखने के लिए समर्पित किया हुआ है। केसरा राम ने बताया कि 'ढाहां पुरस्कार' पंजाबी साहित्य को वैश्विक स्तर पर प्रोत्साहित करने के लिए गुरमुखी या शाहमुखी में प्रकाशित होने वाली कथा की सर्वश्रेष्ठ पुस्तक को 25,000 कैनेडियन डॉलर (लगभग 14 लाख रुपये) प्रतिवर्ष पुरस्कार स्वरूप देकर सम्मानित करता है।

इसके अतिरिक्त दो फाइनलिस्ट, एक गुरमुखी में और दूसरा शाहमुखी में प्रकाशित कथा पुस्तकों को भी 10,000 कैनेडियन डॉलर प्रत्येक के पुरस्कार दिए जाते हैं। इनके लिए इस बार जुबैर अहमद (लाहौर, पाकिस्तान) के कथा संग्रह 'पाणी दी कंध' और हरकिरत कौर चहल (कनाडा) के उपन्यास 'आदिम ग्रहण' को फाइनलिस्ट घोषित किया गया है।

पुरस्कार की घोषणा करते हुए बृज ढाहां ने बताया कि 'जनानी पौध' में केसरा राम हरियाणा की जटिल और तेजी से बदल रही आर्थिक, राजनीतिक एवं सामाजिक हकीकतों से रूबरू लोगों के विश्वास और व्यवहारों का पदार्फाश और आलोचनात्मक विश्लेषण करने के लिए गहरे व्यंग्य का प्रयोग करते हैं। उनकी कहानियां और पात्र विविधता लिए हुए और दिलचस्प हैं। ये पुस्तकें पंजाबी साहित्य, भाषा और संस्कृति के लिए उत्कृष्ट योगदान हैं। 'ढाहां पुरस्कार' ब्रिटिश कोलंबिया के वैंकूवर में स्थापित किया गया था, जहाँ पंजाबी लोगों, भाषा और संस्कृति का एक समृद्ध इतिहास रहा है। पंजाबी अब कनाडा में तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है और राष्ट्र के बहुसांस्कृतिक फेब्रिक में एक मजबूत धागे की तरह है।


Tags:    

Similar News