Stubble Burning : हरसेक ने भेजी 296 लोकेशन, कृषि विभाग ने कहा- 72 स्थानों पर नहीं जली आग

अब दूषित पर्यावरण में भी देशभर में फतेहाबाद का नाम सुर्खियों में है। अब तक जिले में 323 स्थानों पर पराली जलाई गई है। हालांकि कृषि विभाग का कहना है कि 72 जगह हरसेक ने लोकेशन गलत भेजी है।;

Update: 2023-11-06 06:57 GMT

हरिभूमि न्यूज. फतेहाबाद। पंजाब के किसानों ने पराली जलाने में पूरा जोर लगा रखा है वहीं फतेहाबाद के किसान भी पीछे नहीं है। हरियाणा में तो फतेहाबाद पराली जलाने में तो अव्वल है ही, अब दूषित पर्यावरण में भी देशभर में फतेहाबाद का नाम सुर्खियों में है। अब तक जिले में 323 स्थानों पर पराली जलाई गई है। हालांकि कृषि विभाग का कहना है कि 72 जगह हरसेक ने लोकेशन गलत भेजी है। 27 स्थानों पर पराली न जलकर कुछ अन्य सामान में आग लगी हुई थी। 140 किसानों पर विभाग ने जुर्माना लगाया है। इसके बावजूद जिला प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। जिला प्रशासन ने ऐसा कोई एफैर्ड नहीं किया, जिससे लोगों को राहत की सांस आ सके। हर सुबह अखबारों में फतेहाबाद प्रदूषण के मामले में सुर्खियों में मिलता है। रविवार को फतेहाबाद का एयर क्वालिटी इंडेक्स 482 दर्ज किया गया, जोकि लोगों के स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक माना गया है। कुछ दिन बाद दीपावली पर जमकर पटाखे छोड़े जाएंगे जिसके बाद एक्यूआई में जबरदस्त बढ़ोतरी होने व प्रदूषण बढ़ने की संभावना है।

हिसार स्थित एचएयू मौसम विभाग के अनुसार 7 नवम्बर को पश्चिमी विक्षोभ पहाड़ों पर असर दिखाएगा, जिससे 8 व 9 नवम्बर को यहां बादल छाए रहेंगे। 10 नवम्बर से उत्तरी व उत्तर पश्चिमी हवाएं चलने से प्रदूषण में कुछ कमी आ सकती है।

छुट्टियां आते ही फिर जमकर जलेगी पराली, अभी खेतों में खड़ी है फसल

खास बात यह है कि इन दिनों सरकारी अधिकारी त्योहार मनाने के लिए अपने घरों में होंगे। किसान इन्हीं दिनों की तलाश में रहते हैं। सरकारी अधिकारी घरों में छुट्टियां मना रहे होंगे दूसरी तरफ किसान इसका जमकर फायदा उठा रहे होंगे। दशहरा व दीपावली पर्व पर पराली जलाने की घटनाएं तेजी से बढ़ेंगी। प्रदूषण पराली से होगा लेकिन किसान इसके लिए दीपावली पर होने वाली आतिशबाजी को जिम्मेवार ठहराएंगे।

दीपावली के अगले दिन रिकार्ड स्तर पर होता है प्रदूषण

बता दें कि बीते वर्ष दीपावली पर एयर क्वालिटी इंडक्स 350 को पार कर गया था। दीपावली के अगले दिन सुबह आसमान में बादलों जैसा धुंआ छाया हुआ था। सांस लेने में दिक्कत आ रही थी। यहां तक कि दमा व सास के मरीजों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया था। पिछले कई दिनों से कृषि उपनिदेशक डॉ. राजेश सिहाग पराली न जले, इसको लेकर अभियान चलाए हुए है। जुर्माने के साथ-साथ लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। उपायुक्त अजय सिंह तोमर ने किसानों को पराली जलाने पर कड़ी चेतावनी दे रखी है। इसको लेकर शनिवार को उन्होंने अनेक विभागों को निर्देश भी जारी किए हैं।

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