उपलब्धि : सोलर पैनल के लिए बनाई ऐसी डिवाइस जो सूर्य की दिशा में घूमेगा

इसे मुख्यत: वाहनों पर लगाने के लिए डिजाइन किया गया है, क्योंकि वाहन अलग-अलग दिशाओं में घूमते रहते हैं। स्वचालित सोलर पैनल लगाने से ये स्वयं ही सूर्य की दिशा में घूमते हुए उर्जा प्राप्त करते रहेंगे। इस पद्धति का प्रयोग घरों में लगने वाली पैनल पर भी किया जा सकता है।;

Update: 2021-01-07 06:04 GMT

विष्णु कुमार : सोनीपत

कोरोना वायरस से फैली वैश्विक महामारी के बीच समय का सद्पयोग करते हुए नित नए प्रयोग कर रहे विजय कुमार श्रीवास्तव ने इस बार एक ऐसे उपकरण का ईजाद किया है, जिससे न सिर्फ बिजली की बचत होगी, बल्कि बढ़ते प्रदूषण के बीच पर्यावरण को भी सुरक्षित रखा जा सकेगा। उन्होंने एक ऐसे स्वचालित डिवाइस सोलर पैनल का निर्माण किया है, जो सूर्य की दिशा में घूमकर अधिकतम उर्जा प्राप्त करेगा। इसे मुख्यत: वाहनों पर लगाने के लिए डिजाइन किया गया है, क्योंकि वाहन अलग-अलग दिशाओं में घूमते रहते हैं। स्वचालित सोलर पैनल लगाने से ये स्वयं ही सूर्य की दिशा में घूमते हुए उर्जा प्राप्त करते रहेंगे। इस पद्धति का प्रयोग घरों में लगने वाली पैनल पर भी किया जा सकता है।

सोनीपत शहर के मॉडल टाउन निवासी विजय कुमार श्रीवास्तव गन्नौर स्थित डीआईटीएम (दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलोजी एंड मैनेजमेंट) में बतौर एसिस्टेंट प्रोफेसर कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि अब तक सामान्यतया घरों में लगे सोलर पैनल एक ही दिशा में लगे होते हैं, जो अधिकतम उर्जा को नहीं ले पाते, लेकिन उन्होंने जिस स्वचालित डिवाइस सोलर पैनल का निर्माण किया है, वह सूर्य की दिशा में घूमते हुए अधिकतम उर्जा प्राप्त करेगा। जिस कारण इस सोलर पैनल का बैकअप भी अधिक होगा। उनका कहना है कि इस पद्धति का प्रयोग कर घरों में लगने वाले सोलर पैनल को भी इस प्रकार निर्मित किया जा सकता है कि वे भी सूर्य की दिशा में घूमकर अधिकतम उर्जा प्राप्त कर सकें । अगर सूर्य से अधिकतम उर्जा प्राप्त होती है तो ज्यादा से ज्यादा बिजली की बचत की जा सकती है।

ईंधन की बचत के साथ सुरक्षित रहेगा पर्यावरण

प्रो. श्रीवास्तव ने बताया कि स्वचालित सोलर पैनल का निर्माण मुख्यत: वाहनों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। वाहनों की संख्या में दिन प्रतिदिन इजाफा होता जा रहा है, वहीं जितने अधिक वाहन, उतना अधिक ईंधन भी खर्च होता है। इससे खर्च बढ़ने के साथ ही पर्यावरण भी प्रदूषित होता है। अगर स्वचालित सोलर पैनल को वाहनों की छत पर लगाया जाए तो फ्यूल बचने के साथ ही बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण को भी कम किया जा सकता है। वाहन कहीं भी जाए, उस पर लगे पैनल स्वत: ही सूर्य की दिशा में घूमते हुए उर्जा प्राप्त करते रहेंगे।

ड्यूअल एक्सेस से करेगा मूव

प्रो. श्रीवास्तव ने बताया कि स्वचालित सोलर पैनल बनाने में कई प्रकार के उपकरणों का प्रयोग किया गया है। इसमें सोलर पैनल, गियर मोटर, सेंसर के लिए एलडीआर, माइक्रोप्रोसेसर व रिले शामिल हैं। उन्होंने जो उपकरण बनाया है, उसे छोटे स्तर पर बनाया गया है। इससे मोबाइल व अन्य किसी डिवाइस को चार्ज किया जा सकता है। इस पर करीब 3500 रुपये का खर्च आया है। खपत के अनुसार इसे बड़े साइज में भी निर्मित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इसमें दो मोटर लगाई गई हैं। एक मोटर होरिजोनटल और दूसरी वर्टिकल रूप से काम करेगी। सोलर पैनल ड्यूअल एक्सेस से मूव करेगा।

इको फ्रेंंडली बनने में देगा बड़ा योगदान

प्रो. विजय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि आज सभी इको फ्रेंडली बनने जा रहे हैं। जिसमें उनका यह मॉडल बड़ा योगदान दे सकता है। इस डिवाइस के प्रयोग से जहां वाहनों में बढ़े ईंधन के प्रयोग को कम किया जा सकेगा, वहीं पर्यावरण प्रदूषण को कम करने में यह अहम भूमिका अदा कर सकता है। बस जरूरत है इसे बड़े पैमाने पर प्रयोग में लाने की। उन्होंने कहा कि अगर उनका यह सपना साकार होता है तो आने वाली पीढ़ियों के ऊपर मंडरा रहे पर्यावरण प्रदूषण के खतरे को पहले ही खत्म किया जा सकेगा।

Tags:    

Similar News