Sunday Special : जानिये कब और कैसे हुई थी डेरा सच्चा सौदा की स्थापना
Sunday Special : डेरा सच्चा सौदा की स्थापना कभी एक झोपड़ी से हुई थी, आज डेरे का साम्राज्य आज अमेरिका, कनाडा व इंग्लैंड से लेकर ऑस्ट्रेलिया और यूएई तक फैला हुआ है।;
Sunday Special : पूर्व डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह हत्याकांड ( Ranjit Singh Murder Case ) मामले में पंचकूला स्थित हरियाणा की विशेष सीबीआई कोर्ट द्वारा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख ( Dera Sacha Sauda ) गुरमीत राम रहीम ( Gurmeet Ram Rahim ) सहित 5 दोषियों को 18 अक्टूबर को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। जिस कारण राम रहीम फिर चर्चा में आ गया है। राम रहीम के कारण डेरा सच्चा सौदा भी चर्चा में है। डेरे की स्थापना सर्वधर्म समभाव की भावना के साथ और सामाजिक कार्यों के लिए हुई थी। आज आपको बताएंगे कि डेरा सच्चा सौदा की स्थापना कब व कैसे हुई थी और किसने की थी।
एक झोपड़ी से हुई थी शुरुआत, आज कई देशों में साम्राज्य
सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा आश्रमों की एक श्रृंखला है। आश्रम का मुख्यालय सिरसा में बेगू मार्ग पर है। डेरे की स्थापना 29 अप्रैल 1948 में संत शाह मस्ताना जी ने की थी। शाह मस्ताना बलूचिस्तान ( जो अब पाकिस्तान में है ) से आए थे। उन्होंने डेरे की शुरुआत एक झोपड़ी से आध्यात्मिक कार्यक्रमों और सत्संगों का आयोजन करके की थी। समय के साथ उनके अनुयायियों की संख्या बढ़ती गई। उनका 18 अप्रैल 1960 को निधन हो गया था, जिसके बाद 1960 से 1990 तक शाह सतनाम जी महाराज डेरा प्रमुख रहे।
राम रहीम राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के गांव गुरुसर मौठिया का रहने वाला है। डेरे का साम्राज्य आज अमेरिका, कनाडा व इंग्लैंड से लेकर ऑस्ट्रेलिया और यूएई तक फैला है। इस संगठन के अनुयायियों में सिख धर्म, हिंदू धर्म व पिछड़े और दलित वर्ग के लोग शामिल हैं। डेरा सच्चा सौदा के पास कई राज्यों में ज़मीन है। बताते हैं कि इस जमीन पर खेती से होने वाली आय से संगठन चलाने और समाज सेवा के कार्य किए जाते हैं। डेरा समर्थकों का कहना है कि डेरा सभी धर्मों का आदर-सम्मान करता है और सभी धर्मों में आस्था रखने वाले लोगों का वहां स्वागत है। अनुयायियों को मांस खाने और शराब पीने पर प्रतिबंध है।
28 फरवरी 1960 को शाह सतनाम जी को सौंपी गद्दी
शाह मस्ताना जी ने सरदार हरबंस सिंह ( शाह सतनाम ) को 28 फरवरी 1960 को पूर्ण गुरु मर्यादापूर्वक डेरा सच्चा सौदा में दूसरे पातशाह के रूप में अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। शाह सतनाम जी को सिर से पांवों तक नोटों की माला पहनाई गई और खुली जीप में विराजमान कर पूरे सिरसा शहर में जुलूस के रूप में घुमाया गया। शाह सतनाम सिंह गांव जलालआणा साहिब, तहसील डबवाली वर्तमान में (कालांवाली) जिला सिरसा के रहने वाले थे। उनका जन्म 25 जनवरी 1919 को माता आसकौर और पिता सरदार वरियाम सिंह के घर हुआ था। उन्होंने ही वर्ष 1990 में राम रहीम को डेरे की गद्दी सौंपी थी। उस वक्त राम रहीम की उम्र महज 23 वर्ष थी। इनकी मौत 13 दिसम्बर 1991 को हुई थी।
23 सितम्बर 1990 को राम रहीम को बनाया उत्तराधिकारी
शाह सतनाम ने 23 सितम्बर 1990 को राम रहीम को गद्दी सौंपी थी। रम रहीम का जन्म 15 August 1967 को नसीब कौर और मघर सिंह के यहां गुरूसर मोदिया गांव में हुआ था। जिसके बाद राम रहीम का विवादों से काफी नाता रहा। राम रहीम 25 अगस्त 2017 से सुनारिया जेल में बंद है। सीबीआई की विशेष कोर्ट ने 2 साध्वियों से रेप मामले में 28 अगस्त 2017 को बाबा को 10-10 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में भी राम रहीम को आजीवन कारावास की सजा हुई। अब 19 साल पुराने रणजीत सिंह हत्याकांड में भी राम रहीम को 18 अक्टूबर 2021 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।