Surya Grahan : पिण्डारक तीर्थ पर अमावस्या पर मेले का आयोजन, सूतक के चलते श्रद्धालुओं ने नहीं किया पिंडदान व स्नान
अमावस्या (Amavasya) के साथ-साथ सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) भी है। सूर्य ग्रहण सायं चार बजकर 27 मिनट से सायं छह बजे तक रहेगा।;
जींद। पांडु पिंडारा (Pandu Pindara) स्थित पिण्डारक तीर्थ (Pindarak Tirth) पर मंगलवार को अमावस्या पर मेले का आयोजन किया गया। मंगलवार को अमावस्या (Amavasya) के साथ-साथ सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) भी है। सूर्य ग्रहण सायं चार बजकर 27 मिनट से सायं छह बजे तक रहेगा।
अमावस्या तथा सूर्य ग्रहण के मध्यनजर श्रद्धालुओं का सुबह ही पहुंचना शुरू हो गया। हालांकि सूतक होने के चलते श्रद्धालुओं ने धर्मशालाओं में भजन तथा कीर्तन होते रहे। पिण्डारक तीर्थ के संबंध में किदवंती है कि महाभारत युद्ध के बाद पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पांडवों ने यहां 12 वर्ष तक सोमवती अमावस्या की प्रतीक्षा में तपस्या की। बाद में सोमवती अमावस्या के आने पर युद्ध में मारे गए परिजनों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया। तभी से यह माना जाता है कि पांडु पिंडारा स्थित पिण्डारक तीर्थ पर पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष मिल जाता है। महाभारत काल से ही पितृ विसर्जन की अमावस्या, विशेषकर सोमवती अमावस्या पर यहां पिंडदान करने का विशेष महत्व है। यहां पिंडदान करने के लिए विभिन्न प्रांतों के लोग श्रद्धालु आते हैं।
सूतक लगने के कारण सुनसान नजर आ रहा सरोवर।