Swamitva Yojana : अफसरों को प्रतिदिन 1000-1200 रजिस्ट्री करवानी थी, 200 भी नहीं हो रही
बीते एक सप्ताह में सभी बीडीपीओ 1400 रजिस्ट्री भी अपलोड नहीं करवा पाए हैं। बीते 10 सितम्बर तक जिले में 6573 रजिस्ट्री अपलोड की गई थी। जबकि आज शुक्रवार 17 अगस्त को इनकी संख्या दाेपहर साढ़े बारह बजे तक 7960 हुई थी।;
अमरजीत एस गिल : रोहतक
स्वामित्व योजना को प्रशासन गति नहीं दे पा रहा है। क्योंकि इस योजना से जुड़े विकास एवं पंचायत विभाग और जिला राजस्व विभाग के पास इतने संसाधन नहीं है कि वे योजना की गति को बढ़ा सकें। इन दोनों महकमों की विडम्बना यह है कि संसाधन न होने के बारे में कुछ कह भी नहीं सकते।
स्कीम को लेकर हालात ये हैं कि राजस्व विभाग के कर्मचारी देर रात योजना की रजिस्ट्रियों को अपलोड करते रहते हैं। सरकार ने गत चार सितम्बर को अधिकारियों को आदेश दिए थे कि जिले के पांचों खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी अपने-अपने ब्लॉक में हर सप्ताह 1000-1200 तक रजिस्ट्री पोर्टल पर अपलोड करवाएंगे। सप्ताह बीत चुका है। लेकिन आदेशों की पालना पर अभी तक विकास एवं पंचायत विभाग ने पूरा अमल नहीं किया है। करें भी कैसे महकमे के पास इतना संसाधन नहीं हैं कि सरकार के लक्ष्य हासिल किया जा सके। बीते एक सप्ताह में सभी बीडीपीओ 1400 रजिस्ट्री भी अपलोड नहीं करवा पाए हैं। बीते 10 सितम्बर तक जिले में 6573 रजिस्ट्री अपलोड की गई थी। जबकि आज शुक्रवार 17 अगस्त को इनकी संख्या दाेपहर साढ़े बारह बजे तक 7960 हुई थी।
119383 प्रोपर्टी कार्ड : जिले में 119 गांवों के 119383 भू-मालिकों को लाल डोरे के अंदर की जमीन का स्वामित्व राजस्व विभाग द्वारा दिया जाना है। यह संख्या कम हो सकती है। क्योंकि एक-एक प्रोपर्टी के दो-दो कार्ड बनने की जानकारी प्रशासन को मिली है। इनको दुरूस्त करवाया जा रहा है। 119 गांवों में से 90 के अंतिम नक्शे लोगों के क्लेम सुनने के बाद बनाए जा चुके हैं। 89 गांवों में 119383 सम्पतियों की पहचान हुई हैं। 89 में से 73 गांवों में 7960 रजिस्ट्री पंचायत विभाग के सहयोग से जिला राजस्व विभाग ने पोर्टल पर शुक्रवार तक दोपहर तक अपलोड कर दी थी। इन 7960 में से 6757 रजिस्ट्री जमीन मालिकों को दी जा चुकी हैं। 1203 बकाया बताई जा रही हैं।
एक सप्ताह में 1387 रजिस्ट्री करवाई : इस हिसाब से देखा जाए तो अधिकारियों ने एक सप्ताह में 1387 रजिस्ट्री ही करवाई हैं। प्रतिदिन 198 रजिस्ट्री पोर्टल पर अपलोड हो रही हैं। जबकि सरकार के आदेश थे कि प्रतिदिन से 1000-1200 रजिस्ट्री होनी चाहिए।
306 विवाद दर्ज हुए : जमीन के बंटवारे में विवाद होना स्वभाविक होता है। भाई-भाई का हक दबा लेता है। ऐसे में स्वामित्व योजना भी इससे अछूती नहीं है। स्कीम में जमीन के मालिकाना हक को लेकर दावे और आपत्ति दर्ज करने का प्रावधान है। इसलिए अभी तक स्कीम में 306 सम्पति के विवाद हो चुके हैं। यानि के 7960 सम्पति कार्ड तब बने हैं जब 306 विवाद पंजीकृत हुए। पंचायत विभाग से जुड़े अधिकारी अंदरखाने बता रहे हैं कि योजना में जमीन बंटवारे के विवाद अभी और बढ़ेंगे। कोर्ट में भाई-भाई पर, बहन-भाई पर केस दर्ज करवाएंगे। विवाद बढ़ने का कोई भी सहज ही अंदाजा इस आंकड़े से लगा सकता है। पिछले सप्ताह स्कीम में 181 अभियोग थे, जबकि इस सप्ताह इनकी संख्या बढ़कर 306 हो गई।
जिले में 142 पंचायत : जिले में 142 पंचायत और 129 गांव हैं। 129 में से 5 गांवों में लाल डोरा नहीं है। जबकि 5 गांव बेचिराग हैं। 119 गांवों में सवा लाख से अधिक लोगों को स्वामित्व योजना में जमीन का मालिकाना हक दिया जाना है। अभी तक मुश्किल से 6757 लोगों को यह लाभ दिया जा सका है। गत 24 अप्रैल को राष्ट्रीय पंचायत दिवस माड़ौधी जाटायण, माड़ौधी रांगड़ान, पटवापुर, तैमूरपुर, गढ़ी बलभ, बसंतपुर, भैयापुर और मकड़ौली खुर्द में दावे औप आपत्तियों का निपटाने करने के बादलोगों को रजिस्ट्री दी गई थी।