जेलों में बंद महिलाओं व उनके बच्चों को अध्यापक जेलों में ही कराएंगे पढ़ाई
प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रदेश की जेलों में बंद कैदी और उनके बच्चों को शिक्षा देने का कार्य शुरू कराया जाए। इसके लिए सरकार ने शिक्षा विभाग से जेलों में ड्यूटी देने के लिए प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले अध्यापकों की जानकारी भी मांगी है। जेबीटी अध्यापकों को इस कार्य में लगाया जाएगा।;
गुरुग्राम : कोरोना महामारी से निजात दिलाने के लिए प्रदेश सरकार ने प्रदेश में लॉकडाउन की घोषणा की हुई है। स्कूल-कॉलेज व व्यवसायिक प्रतिष्ठान सभी बंद हैं। स्कूलों में छात्र, शिक्षक व प्रवक्ता आदि भी नहीं जा रहे हैं। प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रदेश की जेलों में बंद कैदी और उनके बच्चों को शिक्षा देने का कार्य शुरू कराया जाए। इसके लिए सरकार ने शिक्षा विभाग से जेलों में ड्यूटी देने के लिए प्रतिनियुक्ति पर जाने वाले अध्यापकों की जानकारी भी मांगी है। जेबीटी अध्यापकों को इस कार्य में लगाया जाएगा।
बताया जाता है कि प्रदेश शिक्षा निदेशालय ने जिला मौलिक शक्षिा अधिकारियों को पत्र लिखकर निर्देश जारी किए हैं कि प्रदेश की जिला जेलों में बड़ी संख्या में इस समय महिलाएं बंद हैं। जो दहेज उत्पीड़न, दहेज हत्या व अन्य मामलों में सजा काट रही हैं। इन महिलाओं के साथ उनके बच्चे भी जेलों में ही हैं। सरकार ने जेल में रह रहे कैदियों के लिए पढ़ाई की व्यवस्था भी की हुई है।
बड़ी संख्या में कैदी जेलों में रहकर भी विभिन्न पाठ्यक्रम, डिग्री, कोर्सेज तक भी कर रहे हैं और उन्होंने उतीर्ण भी किया है। प्रदेश के शक्षिकों को पहले भी प्रतिनियुक्ति पर जेलों में शिक्षाा देने के लिए भेजा जाता रहा है। इस प्रकार के अध्यापक जो जेलों में शिक्षा दे रहे थे, उनमें से कुछ के तबादले हो गए हैं तो कुछ सेवानिवृत भी हो गए हैं। इसलिए जेलों में शिक्षकों के पद खाली हैं। जेल प्रशासन ने नए सत्र के दौरान बच्चों और महिलाओं को पूर्व की भांति शिक्षा दिलाने का निर्णय लिया है। इसी के चलते शिक्षा विभाग ने प्रतिनियुुक्ति पर जेबीटी अध्यापकों की मांग की है।