नेशनल हाईवे के लिए कब्जा लेने 4 जिलों की पुलिस लेकर पहुुंची टीम, विरोध करने पर 14 किसान हिरासत में
सरकार ने 2018 में नेशनल ग्रीन कोरिडोर 152डी के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था। कुछ गांवों के किसानों ने सरकार पर उचित मुआवजा नहीं देने के आरोप लगाए थे।;
हरिभूमि न्यूज, चरखी दादरी
किसानों की अधिगृहीत जमीन का किसानों द्वारा कानूनी मुआवजा की जिद के चलते अधर में लटके नेशनल ग्रीन कारिडोर 152डी हाइवे का निर्माण कार्य अब जल्द पूरा होगा। चार जिलों की पुलिस व प्रशासनिक अमले ने करीब चार किलोमीटर जमीन पर कब्जा कार्रवाई की। किसानों ने प्रशासन की कार्रवाई का विरोध किया। मामला बिगड़ता देख पुलिस ने किसानों को गिरफ्तार कर लिया। एसपी, एसडीएम सहित सात ड्यूटी मैजिस्ट्रेट की मौजूदगी में हाइवे निर्माण का कार्य शुरू करवाया गया।
2018 में जमीन का अधिग्रहण किया था
ज्ञात रहे कि सरकार ने 2018 में नेशनल ग्रीन कोरिडोर 152डी के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था। कुछ गांवों के किसानों ने सरकार पर उचित मुआवजा नहीं देने के आरोप लगाए थे। इनसे खातीवास गांव के किसान भी थे। मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर सालभर किसानों का धरना भी चला। सरकार की ओर से मुआवजा राशि बढ़ाने के बाद ही किसानों ने धरना समाप्त किया था। गांव खातीवास के किसान बढ़े हुए मुआवजा से सहमत नहीं हुए और किसी भी किसाने निर्धारित मुआवजा नहीं लिया। ऐसे में करीब चार किलोमीटर का क्षेत्र में नेशनल हाइवे का निर्माण कार्य रूका हुआ था। प्रशासनिक अधिकारियों के साथ किसानों की तीन रोज पहले हुई वार्ता भी विफल हुई थी। किसान अपनी जमीन का कानूनी रूप से मुआवजा की मांग कर रहे थे।
पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए किसान।
90 फीसदी पूरा हो चुका है निर्माण कार्य
नारनौल से गंगेहड़ी तक तक नेशनल ग्रीन कारिडोर 152डी का निर्माण लगभग 90 फीसदी पूरा हो चुका है। दादरी जिला की सीमा में गांव खातीवास के 439 किसानों की करीब 70 एकड़ अधिग्रहित जमीन पर कब्जा नहीं होने के कारण नेशनल हाइवे का निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ था। जिसको लेकर प्रशासनिक अमले द्वारा कब्जा लेते हुए निर्माण कार्य शुरू करवाया गया। किसान नेता अनूप सिंह की अगुवाई में किसानों ने विरोध किया और टीम पर जबरदस्ती कब्जा लेने का आरोप लगाया। एसपी दीपक गहलावत ने बताया कि किसानों के विरोध के चलते पुलिस ने किसान नेता अनूप सिंह सहित 14 किसानों को हिरासत में लिया है। चार जिलों की पुलिस फोर्स के साथ शांतिपूर्ण कब्जा की कार्रवाई की जा रही है। एसडीएम डॉ. विरेंद्र सिंह ने बताया कि अगर किसानों को कोई ऑब्जेक्शन है तो वे मुआवजा बढ़ाने के लिए कोर्ट का सहारा ले सकते हैं।