सुविधा : आंदोलकारी किसानाें के लिए बनाया दस बेड का अस्पताल, अत्याधुनिक सुविधाओं से है लैस

आए दिन कोई न किसान बीमार होकर अस्पताल में भर्ती हो रहा है। किसानों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए अब खालसा चेरिटेबल ट्रस्ट बठिंडा की ओर से एक जरूरी कदम उठाया गया है। ट्रस्ट ने नजफगढ़ फ्लाईओवर (बाईपास) पर दस बेड का अस्थाई अस्पताल बना दिया है।;

Update: 2021-01-15 07:17 GMT

हरिभूमि न्यूज. बहादुरगढ़

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। आंदोलन में कुछ सामाजिक संगठनों द्वारा किसानों को जरूरी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। आंदोलनरत किसानों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए अब खालसा चेरिटेबल ट्रस्ट बठिंडा की ओर से नजफगढ़ बाईपास फ्लाईओवर पर अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस दस बेड का अस्पताल बनाया गया है। इमरजेंसी तक की सुविधाएं इसमें उपलब्ध हैं। मरीजों को लाने-ले जाने के लिए दो एंबुलेंस की व्यवस्था भी की गई है।

दरअसल, पंजाब के किसानों द्वारा कई महीनों पहले कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन शुरू किया गया था। जब दिल्ली कूच का ऐलान हुआ तो हरियाणा समेत अन्य राज्यों के किसान भी इस आंदोलन का हिस्सा बन गए।  किसानों का एक बड़ा जत्था यहां टीकरी बार्डर से बाईपास बहादुरगढ़ तक पड़ाव डाले हुए हैं। कड़कती ठंड में खुले आसमान तले ठहरे किसानों का स्वास्थ्य भी लगातार गिर रहा है। आए दिन कोई न किसान बीमार होकर अस्पताल में भर्ती हो रहा है। लगभग डेढ़ दर्जन किसानों की तो जान तक जा चुकी है। किसानों के स्वास्थ्य को ध्यान मंे रखते हुए अब खालसा चेरिटेबल ट्रस्ट बठिंडा की ओर से एक जरूरी कदम उठाया गया है। ट्रस्ट ने नजफगढ़ फ्लाईओवर (बाईपास) पर दस बेड का अस्थाई अस्पताल बना दिया है।

यह अस्पताल इमरजेंसी, लैब, डिस्पेंसरी सहित तमाम अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। हार्ट पेशेंट के लिए भी विशेष व्यवस्थाएं हैं। बीमार किसानों को यहां अस्पताल तक लाने, रेफर करने और घर तक छोड़ने के लिए दो एंबुलेंस भी उपलब्ध हैं। चौबीसों घंटे अस्पताल में सेवाएं जारी हैं। अस्पताल में मौजूद गुरसेवक सिंह ने बताया कि उनके ट्रस्ट के चेयरमैन हरविंदर सिंह के आदेशानुसार आंदोलनकारियों की चिकित्सा सेवा के लिए पहले कैंप लगाए गए थे लेकिन अब जरूरतों और हालातों को देखते हुए अस्पताल बनाया गया है। आठ जनवरी को इसकी सेवाएं चालू कर दी गई थी। जम्मू से आए एमडी मेडिसन डॉ. नितिन की अगुवाई में चिकित्सकों की टीम आंदोलनरत किसानों की सेवा कर रही है। फिलहाल दस बेड का अस्पताल बनाया गया है। जरूरत पड़ी तो सेवाओं को और विस्तार दिया जाएगा।

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