पीजीआईएमएस के बर्खास्त कर्मचारियों की लड़ाई अब हाईकोर्ट में लड़ी जाएगी
अधिकार रक्षा मंच के प्रदेशाध्यक्ष अजय सांगवान ने कहा कि जिस तरह से पीजीआई प्रशासन ने कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है उससे पीजीआई प्रशासन का चेहरा सामने आ गया है। कंपनी के खिलाफ कोई भी कदम क्यों नहीं उठाया गया। अब इन बर्खास्त कर्मचारियों की लड़ाई जन अधिकार रक्षा मंच लड़ेगा।;
हरिभूमि न्यूज:रोहतक
पीजीआईएमएस में हुए गार्ड घोटाले में फंसाए गए सुरक्षा अधिकारी बदाम सिंह और सहायक सुरक्षा अधिकारी संजय सांगवान को न्याय दिलवाने के लिए जन अधिकार रक्षा मंच आगे आया है। यहां जारी एक बयान में जन अधिकार रक्षा मंच के प्रदेशाध्यक्ष अजय सांगवान ने कहा कि जिस तरह से पीजीआई प्रशासन ने कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है उससे पीजीआई प्रशासन का चेहरा सामने आ गया है। कंपनी के खिलाफ कोई भी कदम क्यों नहीं उठाया गया। अब इन बर्खास्त कर्मचारियों की लड़ाई जन अधिकार रक्षा मंच लड़ेगा।
आरोप लगा था कि पीजीआईएमएस में सुरक्षा का ठेका लिए हुए ओरियन सिक्योरिटी सोल्यूशंस ने हरियाणा बोर्ड में तैनात सुरक्षा गार्डों को पीजीआई में तैनात दिखाकर आर्थिक घोटाला किया था। जिसकी सूचना सुरक्षा अधिकारी बदाम सिंह व सहायक सुरक्षा अधिकारी संजय सांगवान ने पीजीआई प्रशासन को दी। लेकिन पीजीआई के कुलपति ने कंपनी के खिलाफ कोई कार्यवाही न करके उल्टे इन्हीं सुरक्षा अधिकारियों को निलंबित कर दिया और अब इन्हें बर्खास्त कर दिया है। अजय सांगवान ने कहा कि इन दोनों कर्मचारियों की लड़ाई हाईकोर्ट से लेकर पीजीआई की जमीन तक लड़ी जाएगी। कुलपति डॉ. ओपी कालरा के खिलाफ जन आंदोलन चलाया जाएगा। अब कुलपति डॉ. ओपी कालरा के खिलाफ खुली लड़ाई लड़ी जाएगी। हाईकोर्ट में मजबूती के साथ लड़ा जाएगा।
प्रदेश अध्यक्ष अजय सांगवान ने कहा कि दोनों कर्मचारियों को साढ़े तीन साल तक निलंबित रखकर शारीरिक, मानसिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से प्रताडि़त किया गया। अब डिसमिस करना गलत है। उन्होंने कहा कि बदाम सिंह व संजय सांगवान को नवंबर 2017 से निलंबित कर आरोप पत्र देकर कुलपति ने चार बार जांच अधिकारी बदले लेकिन कोई भी जांच अधिकारी इनके खिलाफ सबूत प्रस्तुत नहीं कर सका। अंत में जांच आरपी भसीन द्वारा की गई थी वे भी सबूत प्रस्तुत नहीं कर पाए। आरोप है कि जांच के दौरान बदाम सिंह व संजय सांगवान को धमकाकर दो बार जांच कक्ष से बाहर किया गया और इन्हें दोषी करार दे दिया। दोनों ही कर्मचारियों ने जांच अधिकारी बदलने बारे डॉ. ओपी कालरा से दो बार मांग की लेकिन उसे अनसुनी कर दी गई। यही नहीं व्यक्तिगत सुनवाई के लिए भी बदाम सिंह व संजय सांगवान ने दो बार प्रार्थना की लेकिन ये मांग भी अनसुनी कर दी गई।