दावा था 25-30 साल तक सीवर की समस्या नहीं होगी, 6 माह में ही ओवरफ्लो
सीवर लाइन के डालने के छह महीने में ही इसकी पोल खुल गई है। नई सीवर लाइन में निकासी के पुख्ता प्रबंध नहीं होने से वह भर गई है और ओवरफ्लो होने लगी है। पुलिस लाइन, नागरिक अस्पताल गेट एवं अन्य कई जगहों पर सीवर की गंदगी बहने लगी है।;
हरिभूमि न्यूज : नारनौल
शहर की पुलिस लाइन से किला रोड तक नई सीवरेज लाइन डालने में बेशक से करोड़ों रुपये खर्च कर दिए गए हों, लेकिन कमाल की बात यह है कि यह सीवर लाइन महज छह माह में ही दम तोड़ती नजर आ रही है। यह लाइन जगह-जगह से ब्लॉक हो गई है और ओवरफ्लो होकर बहने लगी है। इससे शहर के लोगों को बड़ी निराशा हुई है।
जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग द्वारा हाल ही में शहर में कई जगहों पर नई सीवर लाइनें डाली गई थी। तब पुलिस लाइन से नागरिक अस्पताल होते हुए किला रोड तक नई बड़ी लाइन दबाई गई थी। तब विभाग द्वारा दावा किया गया था कि आने वाली 25-30 साल तक इस मार्ग पर सीवर की समस्या नहीं आएगी, लेकिन सीवर लाइन के डालने के छह महीने में ही इसकी पोल खुल गई है। नई सीवर लाइन में निकासी के पुख्ता प्रबंध नहीं होने से वह भर गई है और ओवरफ्लो होने लगी है। पुलिस लाइन, नागरिक अस्पताल गेट एवं अन्य कई जगहों पर सीवर की गंदगी बहने लगी है।
छह करोड़ की सीवर लाइन छह माह भी नहीं चली
जब जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग ने नई सीवर बड़ी लाइनें डाली थी, तब इन पर करीब छह करोड़ से भी ज्यादा रुपये खर्च हुए थे, लेकिन कमाल की बात यह है कि इनकी छह माह में ही पोल खुल गई और सीवर आसानी से बहने की बजाए वह ओवरफ्लो होकर सड़कों पर बहने लग गए। इससे अब लोगों को परेशानी होने लगी है।
जनपरिवेदना समिति की बैठक में भी गूंजा था मुद्दा
शहर में सीवर समस्या कोई नई बात नहीं हैं। यह समस्या पूरे शहर में लंबे समय से गहराई हुई है। यह मुद्दा गत 28 फरवरी को पंचायत भवन में कृषि मंत्री जेपी दलाल की अध्यक्षता में हुई जनपरिवेदना समिति की मासिक बैठक में भी गूंजा था। तब सत्तारूढ़ भाजपा नेताओं ने विभागीय अधिकारियों पर उनकी अनदेखी करने और पीएम नरेंद्र मोदी व सीएम मनोहरलाल की छवि करने के सीधे आरोप लगाए थे।
स्टॉफ का भी है टोटा
सीवर कहने तो पूरे शहर ही नहीं गांवों तक पहुंच गया है, लेकिन विभाग के पास स्टॉफ की बेहद कमी है। स्टॉफ की हालत यह है कि विभाग के पास एसडीओ, कई जेई एवं सीवर सफाईमैन तक के पद रिक्त पड़े हैं।
मानवाधिकार आयोग के सामने भी पहुंचा था मामला
जब पुलिस लाइन से किला रोड तक सीवर लाइन गई, तब टूटी सड़क के कारण यह मामला नारनौल निवासी एवं हरियाणा मानव अधिकार आयोग के चेयरमैन रिटायर्ड जस्ट्सि सतीश मित्तल के दरबार में भी पहुंचा था। बाद में सीवर कार्य तो पूरा कर लिया गया, लेकिन यह ओवरफ्लो होने से गले की फांस बन गए हैं।
एक्सईएन का तर्क : बिजली की कमी से नहीं चल पा रहे एसटीपी
विभाग के कार्यकारी अभियंता नितिन मोदी ने बताया कि शहर में आजकल बिजली निगम जगह-जगह मरम्मत का कार्य चला रहा है। जिस कारण अक्सर दिनभर बिजली गुल रहती है। बिजली नहीं होने से एसटीपी नहीं चल पाती हैं और यह समस्या बन जाती है।