कलेक्टर रेट बढ़ने से महंगा हुआ घर बनाने का सपना, जाने नई दरें
अब प्लॉट के दो तरफ गलियां लगने पर कलेक्टर रेट से 10 और तीन तरफ गलियां होने पर 20 फीसद ज्यादा देना होगा।;
हरिभूमि न्यूज. बहादुरगढ़
आशियाने का सपना अब और दूर होता दिखाई दे रहा है। शहरी क्षेत्र में 2 से 5 प्रतिशत और ग्रामीण इलाके में फ्लैट 5 फीसद कलेक्टर रेट बढ़ा दिए गए हैं। इतना ही नहीं अब किसी प्लॉट के दोनों तरफ गलियां लगने पर कलेक्टर रेट से 10 प्रतिशत और तीन गलियां लगने पर कलेक्टर रेट से 20 फीसद अधिक देना होगा। हर तरफ महंगाई के बीच कलेक्टर रेट बढ़ने के कारण मध्यम वर्गीय परिवार के लिए आशियाने का सपना अब मुश्किल होता जा रहा है।
नए वर्ष में महंगाई ने कुछ ऐसा असर दिखाया है कि लोगों के लिए आशियाना अब सपना बनकर रह गया है। निर्माण सामग्री के रेट बढ़़ चुके हैं। जबकि अन्य खर्च भी आशियाने को महंगा कर रहे हैं। रही सही कसर कलेक्टर रेटों के इजाफे ने पूरी कर दी है। राजस्व विभाग द्वारा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के आवासीय सेक्टरों में डेढ़ से साढ़े 4 हजार रुपए के अलावा अन्य शहरी क्षेत्र की विभिन्न कॉलोनियों व ग्रामीण इलाके में 5 प्रतिशत कलेक्टर रेट बढ़ाए गए हैं।
सेक्टर-6, 9 व 9ए में रिहायशी प्लॉट के लिए कलेक्टर रेट 2 हजार रुपए बढ़ाकर क्रमश: 19, 20 व 22 हजार रुपए किए गए हैं। सेक्टर-7, सेक्टर-11 व सेक्टर-13 में रिहायशी प्लॉट के लिए डेढ़ हजार रुपए बढ़ाकर कलेक्टर रेट क्रमश: साढ़े 14 हजार, 15 हजार व 14 हजार रुपए कर दिया गया है। सेक्टर-2 में डेढ़ हजार बढ़ाकर साढ़े 14, साढ़े 15 व साढ़े 17 हजार रुपए रेट किए गए हैं। सेक्टर-6 में वाणिज्यिक प्लॉट साढ़े 4 हजार रुपए बढ़ाकर 46 हजार 500 रुपए, सेक्टर-7 में वाणिज्यिक रेट ढाई हजार बढ़ाकर 28 हजार 500 रुपए किए गए हैं। सेक्टर-2 व सेक्टर-11 व सेक्टर-13 में वाणिज्यिक स्थल के रेट साढ़े 3 हजार बढ़ाकर 36 हजार 500 व 35 हजार 500 रुपए किए गए हैं। सेक्टर-13 में भी वाणिज्यिक स्थलों के रेट ढाई हजार रुपए बढ़ाकर 24 हजार 500 रुपए किए गए हैं। इसके अलावा शहर की अन्य रिहायशी कॉलोनियों में कलेक्टर रेट पांच फीसद बढ़ा है। यहां सात हजार रुपए से लेकर साढ़े 12 हजार रुपए प्रति वर्ग गज के हिसाब से कलेक्टर रेट हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी कलेक्टर रेट पांच प्रतिशत रेट बढ़ाए गए हैं।
एक तरफ जहां निर्माण सामग्री के रेटों में इजाफे और जमीन की बढ़ती कीमते आशियाने के सपने को महंगा बना रहे हैं। वहीं अब जमीनों के कलेक्टर रेटों में भारी इजाफा हुआ है। नागरिकों का कहना है कि संपत्तियों के कलेक्टर रेट वहां के वास्तविक मार्केट रेट के हिसाब से ही तय किए जाने चाहिए। रजिस्ट्रेशन के लिए निर्धारित मौजूदा स्टाम्प ड्यूटी की दर को भी घटाया जाना चाहिए। नागरिक सुरेंद्र सिंह, ललित सैनी, सतबीर दलाल, बृजमोहन आदि के अनुसार विभिन्न तरह के दस्तावेजों के रजिस्ट्रेशन के लिए निर्धारित स्टाम्प ड्यूटी की मौजूदा दरें बहुत अधिक हैं। उन्होंने सरकार से मौजूदा दरों को घटाने की मांग करते हुए कहा कि स्टाम्प ड्यूटी की दरें प्रतिफल राशि का अधिकतम तीन प्रतिशत तक ही होनी चाहिए। लोगों की मानें, तो एक तरह से आशियाना बनाना तो इतना टेढ़ा हो गया है कि इसके बारे में सोचते ही पसीने छूट रहे हैं। लोगों को किराए के मकान में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है, जबकि घर बनाने की राह मुश्किल होती जा रही हैं।