यह कैसी मानसिकता : तीसरी संतान भी लड़की होने के शक में जबरदस्ती गर्भपात करवा दिया
आखिरकार मजबूर होकर पीड़ित पिता को पुलिस थाना का दरवाजा खटखटाना पड़ा है। इस मामले में महेंद्रगढ़ सदर थाना में पिता की शिकायत पर ससुराल पक्ष से बेटी के पति, सास-ससुर व ननद पर आईपीसी की धारा 313,323,34,406,498ए,506 के तहत केस दर्ज किया है।;
हरिभूमि न्यूज : नारनौल
देश-दुनिया में शायद ही ऐसा कोई मुकाम हो, जो लड़कियों ने हासिल नहीं किया हो। इस आधुनिकता के युग में भी ऐसे लोग है तो लड़कियों को अभिशाप के तौर पर देखते है। वंश चलाने के लिए लड़के की चाह रख महिला के साथ मारपीट कर रहे है। दो लड़की होने के बाद तीसरी संतान भी लड़की होने के शक में जबरदस्ती गर्भपात करवा दिया गया। विरोध किया तो मारपीट शुरू हो गई। आखिरकार मजबूर होकर पीडि़त पिता को पुलिस थाना का दरवाजा खटखटाना पड़ा है। इस मामले में महेंद्रगढ़ सदर थाना में पिता की शिकायत पर ससुराल पक्ष से बेटी के पति, सास-ससुर व ननद पर आईपीसी की धारा 313,323,34,406,498ए,506 के तहत केस दर्ज किया है।
एसपी को दी शिकायत में महेंद्रगढ़ शहर के मोहल्ला सैनीपुरा वासी सुरेंद्र ने बताया है कि वह मौजूदा समय में गांव बेरी में रह रहा है। उसने बेटी मनीषा की शादी 22 नवंबर 2015 को नारनौल के पास गांव धरसूं वासी बलजीत उर्फ सोनू के साथ गांव बेरी में की थी। शादी में काफी दान दहेज दिया था लेकिन दामाद बलजीत, समधी सुगनचंद व समधन जड़ावली दहेज के लोभी व लालची किस्म के व्यक्ति है। लड़की से दहेज की मांग को लेकर शादी के तीन माह बाद ही परेशान व टार्चर करना शुरू कर दिया। रिश्तेदारों व गांव के मौजिज द्वारा कई बार बेटी के ससुराल पक्ष को समााया गया। 31 अक्टूबर 2016 को एक लड़की सिजेरियन ऑपरेशन से हुई और दूसरी लड़की आठ जून 2019 को ऑपरेशन से हुई थी। इसके बाद से छुछक में भी कम सामान दिए जाने की बात कहकर बार-बार तानेेे मारते। अब डाक्टर द्वारा यह बात कही जाती है कि तीसरा बच्चा आखिरी और अंतिम होगा। तीसरा बच्चा होते समय मां या बच्चे की जान खतरे में पड़ सकती है और जान भी जा सकती है। बेटी की ननद आशा भी पिछले दो साल से गांव धरसूं में ही रह रही है। ससुराल पक्ष बेटी को दूसरी लड़की पैदा होने के बाद से ही मारपीट व ागड़ा करते है। छोटी-छोटी बातों पर कमी निकालकर परेशान करते रहते है। कहते है कि अगर तीसरी भी लड़की हो गई तो हमारा वंश नहीं चलेगा। इस बात को लेकर बेटी के साथ पिछले दो-ढाई माह से लगातार मारपीट की जा रही है। धमकी देते है कि अगर कोई भी बात किसी को भी बताई तो जान से मार देंगे।
मायका पक्ष को बताया तो घर में ताला लगा किया बंद
पिछले चार-पांच दिन से फोन पर बातचीत नहीं होने के कारण 16 मार्च 2021 को पिता हरिसिंह, माता गिन्दो देवी व पत्नी कृष्णा बेटी के घर गांव धरसूं गए। वहां पर बेटी से मिलने की इच्छा जाहिर की। लेकिन बेटी से मिलने नहीं दिया। इसी दौरान अचानक वहां बेटी ने पत्नी कृष्णादेवी के पास आकर बताया कि उसके साथ पिछले 10-15 दिन से बुरी तरह से मारपीट की जा रही है। जोकि 11 मार्च 2021 को मारपीट की थी, जिस पर बेटी ने डायल-1091 पर कॉल किया। उस दिन पुलिस नहीं आई। दूसरे दिन पुलिस घर पर आई और ससुराल पक्ष को बेटी से मारपीट ना करने के लिए पाबंद करके गई थी। बेटी ने अपनी मां को यह भी बताया कि पेट में बच्चा था। जिसको हमने नारनौल के सरकारी अस्पताल में 26 फरवरी 2021 को चैक करवाया था। जोकि वह बच्चा लगभग डेढ़ माह का था। उसे जबरदस्ती दो दिन बाद 28 फरवरी को गर्भपात की गोलियां देकर गर्भ गिरवा दिया गया। बेटी मनीषा ने यह भी बताया कि गर्भ गिरवाने से मना किया तो बलजीत ने कहा कि जीजा पुरूषोत्तम ने बूाा निकाली है कि पेट में लड़की है। वह बूााकर है इसलिए हम उसकी बात पर विश्वास करते है। ननद व दामाद ने बेटी को जबरदस्ती गर्भपात की गोलियां दे दी जिससे बेटी का गर्भपात हो गया। इससे बेटी की जान बड़ी मुश्किल से बची। किसी डाक्टर के पास भी नहीं लेकर गए। जब बेटी अपनी मां का यह आपबीती बता रही थी तो उसी समय उसकी ननद व पति ने बेटी से मारपीट करते हुए उसे कमरे में बंद कर बाहर से ताला लगा दिया।
बेटी के ससुराल पक्ष गया मायका पक्ष, उनसे भी मारपीट
शिकायत में बताया गया है कि बेटी को मायका लेकर जाने की बात ससुराल पक्ष से कही तो वह मारपीट करने लगे। आस-पड़ोस के लोग एकत्रित होता देख वो लोग शांत हुए। पीडि़त पिता का आरोप यह भी है कि बेटी मनीषा व दोनों दोयती को जबरदस्ती तौर पर ससुराल पक्ष ने अपने कब्जे में रखा हुआ है। वह इन तीनों को मार सकते है। यह कहते है कि जब यह हमारा वंश चलाने के लिए लड़का ही पैदा नहीं कर सकती तो इसकी हमें जरूरत नहीं है।