ग्रामीणों ने स्टॉफ को स्कूल के अंदर बंद कर लगा दिया ताला, जानें क्यों

ग्रामीणों (Villagers) का आरोप था कि गांव के सरकारी स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए व स्कूल में हर सुविधा मुहैया कराने के लिए गांव ने एक प्रबन्धक कमेटी (Manager committee) बना रखी है। लेकिन इन सबके बावजूद भी ग्रामीणों व स्कूल प्रबन्धक कमेटी को स्कूल में मौजूद सरकारी शिक्षकों (Government teachers) का सहयोग कतई नहीं मिल रहा है।;

Update: 2020-11-02 11:42 GMT

झज्जर: गांव धौड़ के सरकारी स्कूल (Government school) में ग्रामीणों को स्कूल शिक्षकों का व्यवहार गलत दिखाई दिया तो उन्होंने नाराज होकर स्कूल के मुख्य गेट पर ताला (Lock) जड़ दिया। मामले की सूचना जैसे ही जिला प्रशासन(District administration) को मिली तो प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई के तहत खंड शिक्षा अधिकारी रामनिवास को मौके पर भेजा।

मौके पर पहुंचे खंड शिक्षा अधिकारी ने ग्रामीणों को आश्वासन देकर स्कूल के मुख्य गेट पर लगा ताला खुलवाया। उनका कहना था कि स्कूल शिक्षकों को निर्देश दे दिए गए है कि वह प्रबन्धक कमेटी का सहयोग करे और बच्चों को अच्छी शिक्षा मुहैया कराने के लिए अपनी भूमिका अदा करे। 

ग्रामीणों का आरोप था कि गांव के सरकारी स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए व स्कूल में हर सुविधा मुहैया कराने के लिए गांव ने एक प्रबन्धक कमेटी बना रखी है। कमेटी के प्रयासों से स्कूल में सुविधाएं तो मुहैया कराई ही गई है साथ ही स्कूल में बच्चों की संख्या भी बढ़ने लगी है। इसके अलावा शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए कमेटी ने 11 शिक्षक भी अपने खर्च पर लगा रखे है। लेकिन इन सबके बावजूद भी ग्रामीणों व स्कूल प्रबन्धक कमेटी को स्कूल में मौजूद सरकारी शिक्षकों का सहयोग कतई नहीं मिल रहा है।

 उन्होंने कहा इस बार कमेटी के प्रयासों से स्कूल में दूसरे स्कूलों से आकर बच्चों ने एडमिशन लिया है। इनमें से करीब 23 के एसएलसी आने बाकि है। प्रबन्धक कमेटी का आरोप है कि स्कूल शिक्षक इन बच्चों के एसएलसी को लेकर हर रोज बच्चों को परेशान कर रहे है। बच्चों को कई बार एसएलसी लाने के लिए परेशान कर स्कूल से घर भेजा गया है। इसी से नाराज होकर ग्रामीणों के सहयोग से प्रबन्धक कमेटी ने स्कूल के मुख्य द्वार पर ताला जड़ कर सोमवार को आक्रोश जताया।


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