मौसम ने किसानों की बढ़ाई टेंशन : बढ़ते तापमान और हवा चलने से गेहूं की फसल पर छाया संकट
ऐसे में यदि तापमान बढ़ता रहा तो गेहूं की बालियों में दाना पिचक कर पैदावार कम कर सकता है। कृर्षि विशेषज्ञों के मुताबिक फिलहाल गेहूं ज्यादा तापमान सहन करने लायक नहीं है। अगले कुछ दिनों तक गरमी यूं ही बढ़ी तो गेहूं का दाना पिचक जाएगा। गेहूं का दाना अगर पिचका तो निश्चित ही पैदावार कम होगी।;
हरिभूमि न्यूज.यमुनानगर
मौसम (weather) में अचानक तापमान बढ़ने से खेतों में पकने को तैयार खड़ी गेहूं की फसल (Wheat crop) पर असर पड़ना शुरू हो गया है। यदि मौसम में तापमान अगले कुछ दिन तक इसी तरह बढ़ता रहा और हवा चलती रही तो गेहूं की पैदावार कम होने की आशंका है। जिसे लेकर किसान चिंतित हैं। वहीं कृषि विशेषज्ञों ने किसानों (farmers) को गर्मी के मौसम में फसल में दिन के समय सिंचाई न करने की सलाह दी।
कृषि विभाग के आंकड़ो के मुताबिक इस वर्ष जिले में करीब 70 हजार हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की बिजाई की गई है। इस समय खेतों में गेहूं की अगेती फसल अगले कुछ दिनों में पकने को तैयार है। वहीं, पछेती किस्म की गेहूं की फसल की बालियों में दाना पड़ रहा है। ऐसे में यदि तापमान बढ़ता रहा तो गेहूं की बालियों में दाना पिचक कर पैदावार कम कर सकता है। कृर्षि विशेषज्ञों के मुताबिक फिलहाल गेहूं ज्यादा तापमान सहन करने लायक नहीं है। अगले कुछ दिनों तक गरमी यूं ही बढ़ी तो गेहूं का दाना पिचक जाएगा। गेहूं का दाना अगर पिचका तो निश्चित ही पैदावार कम होगी।
गेहूं की सिंचाई में हवा बन रही बाधा
किसान बलबीर सिंह, जयप्रकाश, महीपाल, सुरेंद्र कुमार व रोहताश आदि का कहना है कि पिछले पांच-छह दिन से मौसम में गर्मी बढ़ रही है और हवा चल रही है। जिसकी वजह से किसान अपनी गेहूं की फसल में अंतिम सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं। क्योंकि ऐसे में फसल में पानी देना गेहूं की फसल को बर्बाद करने के समान है।
दिन के समय न करें सिंचाई
कृषि विशेषज्ञ डा. प्रदीप कुमार ने किसानों को बढ़ते तापमान में गेहूं की फसल में दिन के समय सिंचाई नहीं करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि किसानों को चाहिए कि गेहूं की फसल में हवा बंद होने पर रात्रि के समय ही सिंचाई करें।