खुशखबरी : राजकीय विश्वविद्यालयों और संस्थानों में ऑनलाइन स्थानांतरण की न तो कोई नीति है और न ही कोई प्रस्ताव
सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल ने हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान ध्यानाकर्षण प्रस्तावों का जवाब दे रहे थे। राज्य विश्वविद्यालय स्वायत्त निकाय हैं, जो उनके संबंधित अधिनियम के प्रावधानों द्वारा शासित होते हैं। ये अधिनियम विश्वविद्यालयों को शिक्षा के मामले में पर्याप्त स्वायत्तता प्रदान करते हैं।;
हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल ने बताया कि राजकीय विश्वविद्यालयों/ संस्थानों के मामले में ऑनलाइन स्थानांतरण की न तो कोई नीति है और न ही इसका कोई प्रस्ताव है। पीजीआईएमएस/ पंडित बी.डी. शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, रोहतक के ए,बी,सी व डी ग्रुप के शिक्षण एवं गैर-शिक्षण कर्मचारियों को सामान्य संवर्ग और ऑनलाइन स्थानांतरण नीति में शामिल करने के संबंध में कोई प्रस्ताव नहीं है।
सहकारिता मंत्री हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान ध्यानाकर्षण प्रस्तावों का जवाब दे रहे थे। राज्य विश्वविद्यालय स्वायत्त निकाय हैं, जो उनके संबंधित अधिनियम के प्रावधानों द्वारा शासित होते हैं। ये अधिनियम विश्वविद्यालयों को शिक्षा के मामले में पर्याप्त स्वायत्तता प्रदान करते हैं। राज्य सरकार और उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विश्वविद्यालयों को स्वायत्तता प्रदान करने और उन्हें अपने कामकाज और प्रशासनिक मामलों में स्वतंत्र बनाने के लिए लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है। पिछले 5 वर्षों में उच्चतर शिक्षा के बजट में हुई उल्लेखनीय बढ़ोतरी प्रदेश में शैक्षिक परिदृश्य को सुधारने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
सहकारिता मंत्री ने बताया कि प्रत्येक विश्वविद्यालय का अपना काडर होता है जिसे किसी अन्य संस्थान अर्थात विश्वविद्यालय में स्थानांतरित नहीं किया जा सकता। हालांकि, राज्य के विश्वविद्यालयों के सभी कर्मचारियों का विस्तृत डाटा प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार द्वारा एक समान एचआरएमएस प्रणाली शुरू की गई है। यह मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली गतिशील पोर्टल है जिस पर एक कर्मचारी का पूरा लाइफ साइकिल उपलब्ध होता है। यह पोर्टल नियमित रूप से अपडेट किया जाता है और इससे सभी विभागों के कामकाज में एक व्यवस्थित और प्रगतिशील परिवर्तन आया है। राज्य के विश्वविद्यालयों को पूरी तरह से डिजिटल बनाने की दिशा में सरकार का यह एक बड़ा कदम है।
डॉ बनवारी लाल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा 26 जुलाई, 2021 को जारी पत्र केवल प्रदेश के सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों और राज्य सरकार के बोर्डों व निगमों के प्रबंध निदेशकों तथा मुख्य प्रबंधकों को संबोधित है। यह राज्य के किसी भी विश्वविद्यालय तथा प्रदेश में स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्राधिकरण को संबोधित नहीं है। हालांकि, यह पत्र सभी राजकीय वित्त पोषित सार्वजनिक संस्थानों और राज्य सरकार के लिए एचआरएमएस पोर्टल पर राज्यव्यापी डाटा की सुविधा के लिए है जिसे एक व्यापक मानव संसाधन प्रबंधन योजना की पहचान करने और सूची तैयार करने के लिए विकसित किया गया है।