पशुओं को दूसरे राज्यों में ले जाने में मिली ढिलाई, उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में लगेगा पशु मेला

इस मेले में हरियाणा सहित विभिन्न प्रांतों से भाग लेने वाले उत्कृष्ट पशुओं की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में लंपी चर्म रोग की रोकथाम के लिए गाय व भैंस का राज्य से बाहर आवागमन प्रतिबंधित है।;

Update: 2023-04-01 05:25 GMT

नारनौल। भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विभाग की ओर से उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में लगने वाले पशु मेले के संबंध में हरियाणा सरकार ने पशुओं को दूसरे राज्यों में ले जाने में कुछ ढिलाई की हैं, ताकि पशु पालक अपने पशुओं को मेले में ले जा सके। यह जानकारी देते हुए उपायुक्त डा. जयकृष्ण आभीर ने बताया कि पशुपालन एवं डेयरी विभाग की ओर से उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक बड़ा पशु मेला लगाया जाएगा।

उपायुक्त ने बताया कि इस मेले में हरियाणा सहित विभिन्न प्रांतों से भाग लेने वाले उत्कृष्ट पशुओं की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में लंपी चर्म रोग की रोकथाम के लिए गाय व भैंस का राज्य से बाहर आवागमन प्रतिबंधित है। भारत सरकार द्वारा लगाए जा रहे पशु मेले में प्रदेश के पशुधन का प्रतिभाग संभव हो सकें। इसलिए गाय व भैंस को उपरोक्त मेले में भाग लेने के उद्देश्य से प्रदेश के बाहर आवागमन के लिए प्रतिबंधों में शर्तों  के साथ कुछ ढील दी है।

मेले में पशुओं को ले जाने के लिए सभी हिदायतों का करना होगा पालन

डीसी डा. जयकृष्ण आभीर ने बताया कि यह छूट केवल इसी मेले में भाग लेने के उद्देश्य से गाय व भैंस को प्रदेश से बाहर ले जाने व वापिस लाने पर ही लागू होगी। पशु पालक को स्थानीय पशु चिकित्सालय में इस आशय का घोषणा पत्र लिखाकर देना होगा कि वह पूर्णत: अपने जोखिम पर अपने पशु को प्रदेश के बाहर लगने वाले मेले में ले जाना चाहता है तथा वह इस बारे में सरकार की ओर से जारी सभी हिदायतों, नियमों व शतार्ें का पालन करेगा। प्रदेश से बाहर ले जाने की अनुमति केवल उन्हीं पशुओं को दी जाएगी जो पूर्णत: स्वस्थ होंगे व लम्पी सहित अन्य छूत के रोगों से मुक्त होंगे। इसके लिए पशु का संबंधित पशु चिकित्सालय में स्वास्थ्य परीक्षण करवाकर पशु स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी करवाना आवश्यक होगा। पशु को मुंहखुर, गलघोंटू लम्पी रोग से बचाव का टीका अवश्य लगा होना चाहिए। उन्होंने बताया कि वापसी चलने से पहले भी पशु का स्थानीय पशु चिकित्सक से स्वास्थ्य परीक्षण करवाकर पशु स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी करवाना आवश्यक होगा। प्रदेश में लौटने पर पशु पालक द्वारा पशु को 15 दिनों तक अपने पशु बाड़े या घर पर अन्य पशुओं से अलग होम क्वारेटिन में रखना होगा तथा किसी भी बीमारी के लक्षण प्रकट होने पर तुरंत संबंधित पशु चिकित्सक को सूचित करना होगा।

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