हरियाणा में उद्योगों और कृषि क्षेत्र को मिलने वाली बिजली में 10 मई से होगी कटौती, देखें शैड्यूल

हरियाणा में बिजली की भारी डिमांड को देखते हुए दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम व उत्तरी हरियाणा बिजली वितरण निगम ने इंडस्ट्रीयल फीडर में 8 घंटे कटौती करने का निर्णय लिया है।;

Update: 2022-05-08 12:55 GMT

हरिभूमि न्यूज : फतेहाबाद

हरियाणा में बिजली की भारी डिमांड को देखते हुए दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम व उत्तरी हरियाणा बिजली वितरण निगम ने इंडस्ट्रीयल फीडर में 8 घंटे कटौती करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा कृषि क्षेत्र को भी तीन ग्रुपों में बांटकर उन्हें 8 की बजाय 5 घंटे की बिजली दी जाएगी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार लगातार बढ़ रही गर्मी में बिजली की डिमांड बढ़ती जा रही है। बिजली के फाल्ट न आए, इसको लेकर डीएचबीवीएन द्वारा इण्डस्ट्रीयल क्षेत्राें में रात 8 बजे से सुबह 4 बजे तक बिजली बंद रखी जाएगी। इसके बाद एक दिन छोड़कर फिर कट लगेगा। यह कटौती 10 मई से शुरू होगी। 11 मई को यूएचबीवीएन में इण्डस्ट्रीयल एरिया में रात 8 बजे से सुबह 4 बजे तक कट रहेगा। यहां भी एक दिन छोड़कर यही शैड्यूल दोहराया जाएगा।

निगम ने कृषि क्षेत्र को तीन ग्रुपों में विभाजित किया है। इनमें पहले ग्रुप में सुबह 4 से 9 बजे तक बिजली रहेगी। दूसरे ग्रुप में सुबह 9 से दोपहर 2 बजे तक व तीसरे ग्रुप में दोपहर 2 से 7 बजे तक बिजली रहेगी ताकि किसान ट्यूबवेलों से अपने खेतों की सिंचाई कर सके। फतेहाबाद में बिजली निगम के एसई हरिदत्त ने बताया कि यह आदेश पंचकूला से आए हैं। कृषि क्षेत्र में आज से इन्हें लागू कर दिया गया है जबकि इंडस्ट्रीयल क्षेत्र में 10 मई से इन्हें लागू किया जाएगा।

बिजली की कटौती किसानों के लिए मुसीबत : कुमारी सैलजा 

वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री सैलजा ने हरियाणा में कृषि क्षेत्र को मिलने वाली बिजली में कटौती की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि बिजली की कटौती इस बुवाई के समय में किसानों के लिए मुसीबत बन गई है। भाजपा-जजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण आज प्रदेश का किसान बर्बादी के कगार पर पहुंच चुका है। सरकार किसानों को पूरी बिजली उपलब्ध कराए। सैलजा ने कहा कि अब सरकार के नए फरमान के अनुसार किसानों को आठ घंटे की बजाय पांच घंटे बिजली दी जाएगी।अगली फसल की बुवाई में जुटे किसानों को खेतों में सिंचाई के लिए बिजली की आवश्यकता है। मगर बिजली की किल्लत ने फसल बुवाई में जुटे किसानों के माथे पर लकीरें खींच दी हैं। सरकार की तरफ से किसानों को प्रतिदिन आठ घंटे बिजली दिए जाने के दावे किए जाते हैं। मगर जमीनी हकीकत यह है कि किसानों को दो घंटे बिजली भी नहीं मिल पा रही है।

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