एचएयू कृषि मेला : किसानों के लिए नहीं रहेगी बीज की कमी, इन बीजों की होगी बिक्री
मेले में बिक्री के लिए विश्वविद्यालय के पास विभिन्न फसलों की उन्नत किस्मों का करीब 9000 क्विंटल बीज उपलब्ध है जो किसानों को मुहैया करवाया जाएगा। इसके अलावा विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की गई सब्जियों के बीज भी उपलब्ध करवाए जाएंगे। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने मेले के सफल आयोजन के लिए अधिकारियों की बैठक आयोजित कर दिशा-निर्देश दिए।;
हिसार : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय(CCS Haryana Agricultural University) में दो साल बाद आयोजित होने वाले ऑफलाइन कृषि मेला(रबी) के दौरान किसानों को विभिन्न फसलों की उन्नत किस्मों के बीज (Seed) उपलब्ध करवाए जाएंगे। मेले में बिक्री के लिए विश्वविद्यालय के पास विभिन्न फसलों की उन्नत किस्मों का करीब 9000 क्विंटल बीज उपलब्ध है जो किसानों को मुहैया करवाया जाएगा। इसके अलावा विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की गई सब्जियों के बीज भी उपलब्ध करवाए जाएंगे।
किसानों को मेले के दौरान रामधन सिंह सीड फार्म, फार्म निदेशालय व मेला ग्राउंड के प्रवेश द्वारा स्थित बीज बिक्री केंद्र पर बीजों की बिक्री की जाएगी। इस दौरान गेहूं की किस्मों डब्ल्यूएच-711, डब्ल्यूएच-1105, डब्ल्यूएच-1124, डब्ल्यूएच-1142, डब्ल्यूएच-1184, सी-306,पीबीडबल्यू-725, एचडी-2967, एचडी-3086,एचडी-3226,डीबीडब्ल्यू-303,डीबीडब्ल्यू-187 का बीज उपलब्ध है। जौ की किस्मों बीएच-393, बीएच-946 और सरसों की किस्मों आरएच-30, आरएच-725, आरएच-749, आरएच-761 और आरएच-406 का बीज उपलब्ध रहेगा। चने की किस्मों एचसी-1, एचसी-5, एचसी-7, सीएसजे-515 और सीएनजी-1581, बरसीम का एचबी-1, मास्कवी, एचबी-2 और जई का एचजे-8 व केंट उपलब्ध होगा। सब्जियों में गाजर, मूली, टमाटर, पालक, बेंगन, मटर, मेथी, धनिया, प्याज, शलजम का बीज उपलब्ध रहेगा।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने मेले के सफल आयोजन के लिए अधिकारियों की बैठक आयोजित कर दिशा-निर्देश दिए। किसानों के हित के लिए उनकी मांग पर विश्वविद्यालय द्वारा दो वर्ष बाद कृषि मेले का आयोजन परम्परागत तरीके से ऑफलाइन किया जा रहा है ताकि किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज व आधुनिक तकनीक मिल सकें। कुलपति ने बताया कि न केवल प्रदेश बल्कि अन्य प्रदेशों के किसानों को भी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित किए जाने वाले मेले का इंतजार रहता है और वे भारी तादाद में इसमें हिस्सा लेते हैं। मेले के दौरान राज्य व केंद्र सरकार की ओर से कोरोना महामारी को लेकर जारी सभी हिदायतों का सख्ती से पालन किया जाएगा। किसानों को किसी प्रकार की मेले के दौरान असुविधा न हो इसके लिए कमेटियों का गठन किया गया है जो किसानों को जागरूक करने के साथ-साथ उनकी समस्याओं का समाधान भी करेंगी।
किसानों की सुविधा के लिए फलदार पौधों की मौके पर खड़ी होगी ट्राली : मेले के दौरान किसानों को विभिन्न फसलों व सब्जियों की उन्नत किस्मों के बीजों के अलावा फलदार पौधे भी बिक्री किए जाते हैं। किसानों की सुविधा के लिए मेला ग्राउंड में ही फलदार पौधों की ट्राली खड़ी की जाएगी ताकि किसानों को पौधे लेने के लिए मेला ग्राउंड से दूर विश्वविद्यालय के फार्म पर न जाना पड़े। इस बार मेले में अमरूद, बेरी, आंवला, करोंदा, अंगूर, आड़ू व अनार के पौधे दिए जाएंगे।
तैयारियों को दिया जा रहा अंतिम रूप : किसान मेले को सफल बनाने के लिए विश्वविद्यालय की ओर से तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है और कमेटियों का गठन कर दिया गया है। मेले के दौरान विश्वविद्यालय के लगभग सभी महाविद्यालयों की ओर से प्रदर्शनी लगाई जाएंगी और विभिन्न फसलों की विकसित किस्मों और तकनीकों की जानकारी दी जाएगी। साथ ही प्रश्नोत्तरी सत्र भी आयोजित किया जाएगा जिसमें किसान अपनी फसल संबंधी समस्याओं का बेहतरीन तरीके से समाधान हासिल कर सकेंगी।