Haryana में डेंगू मरीजों के लिए ये सुविधा शुरू, उत्तरी क्षेत्र का पहला राज्य बना
स्वास्थ्य विभाग (Health Department) के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने कहा कि डेंगू के कारण होने वाली मृत्यु (Death)को रोकने के उद्देश्य से नई पहल के तहत सरकारी अस्पतालों में डेंगू के रोगियों के लिए नि:शुल्क सिंगल डोनर प्लेटलेट्स (एसडीपी) का प्रावधान शुरू किया गया है, क्योंकि गंभीर थ्रोम्बोसाइटोपेनिया वाले कुछ डेंगू मरीजों को तुरंत एसडीपी की आवश्यकता होती है।;
चंडीगढ़। हरियाणा में स्वास्थ्य विभाग (Health Department) द्वारा आम आदमी पर आर्थिक दबाव डाले बिना बेहतर चिकित्सा सुविधाएं (medical facilities) देने के प्रयास किए जा रहे हैं। यह बात इस तथ्य से भी स्पष्ट हो जाती है कि हरियाणा डेंगू मरीजों के लिए नि:शुल्क सिंगल डोनर प्लेटलेट्स (Platelets) की नई पहल करने वाला उत्तरी क्षेत्र का पहला राज्य है। इसके अलावा, राज्यभर की सरकारी प्रयोगशालाओं (Government Laboratories) में डेंगू का परीक्षण मुफ्त किया जा रहा है। विभाग जहां एक ओर विभाग कोविड-19 (COVID-19) पर नियंत्रण के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है वहीं दूसरी ओर यह डेंगू जैसी अन्य बीमारियों के प्रसार की निगरानी भी कर रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने कहा कि राज्य में वर्ष 2017 से डेंगू के मामलों में कमी आई है और सितंबर, 2020 में अब तक डेंगू के केवल 33 पुष्ट मामले सामने आए हैं। मुख्य रूप से दो जिलों, गुरुग्राम (20) और भिवानी (10) से डेंगू के मामलों की रिपोर्ट मिली है। विस्तृत जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि डेंगू के कारण होने वाली मृत्यु को रोकने के उद्देश्य से नई पहल के तहत सरकारी अस्पतालों में डेंगू के रोगियों के लिए नि:शुल्क सिंगल डोनर प्लेटलेट्स (एसडीपी) का प्रावधान शुरू किया गया है, क्योंकि गंभीर थ्रोम्बोसाइटोपेनिया वाले कुछ डेंगू मरीजों को तुरंत एसडीपी की आवश्यकता होती है। गत वर्षों के दौरान सरकारी अस्पतालों में 8,500 रुपये प्रति यूनिट एसडीपी की वसूली की जा रही थी। हालांकि, उत्तरी क्षेत्र में हरियाणा डेंगू रोगियों के लिए मुफ्त सिंगल डोनर प्लेटलेट्स (एसडीपी) सुविधा शुरू करने वाला पहला राज्य है। वर्तमान में, जिला गुरुग्राम, पंचकूला, करनाल, रोहतक और सोनीपत में एसडीपी सुविधा (प्लेटलेट्स एफ़ेरेसिस मशीन) उपलब्ध है।
इस संबंध में और अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि सरकारी प्रयोगशालाओं में डेंगू का परीक्षण मुफ्त किया जा रहा है। वर्तमान में राज्य में कुल 27 एसएसएच (डेंगू परीक्षण प्रयोगशालाएं) संचालित हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, जिला भिवानी और रोहतक में संदिग्ध डेंगू मामलों के लिए फ्लू कॉर्नर में डेंगू के नमूने लेना भी शुरू किया गया है, क्योंकि अधिकतर मामले इन्हीं जिलों से सामने आए हैं।
280 घरेलू प्रजनन चेकर्स (डीबीसी) तैनात किए गए हैं
उन्होंने कहा कि कोविड-19 गतिविधियों के साथ ही राज्य में वेक्टर जनित रोग (वीबीडी) नियंत्रण उपायों को जारी रखा गया है। कोविड-19 के कंटेनमेंट जोन में कोविड-19 गतिविधियों के साथ बुखार की निगरानी एवं उसके स्रोत को कम करने की गतिविधियों को समायोजित किया गया है। कंटेनमेंट जोन से बाहर सभी गतिविधियाँ नियमित रूप से की जा रही हैं। स्रोत को कम करने की गतिविधियों को सुदृढ़ करने के लिए लगभग 280 घरेलू प्रजनन चेकर्स (डीबीसी) तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, साप्ताहिक एंटी-लार्वा गतिविधियां की जा रही हैं और जहां भी आवश्यक हो, वहां टेम्फोस लार्विसाइड लगाया जा रहा है। सभी चिन्हित उच्च जोखिम वाले गांवों में लगभग 4.86 लाख एलएलआईएन (कीटनाशक बेडनेट) का वितरण पूरा हो चुका है।