अच्छी पहल : इस स्टेडियम में खेल के साथ-साथ खिलाड़ियों को पर्यावरण संरक्षण का भी पढ़ाया जा रहा पाठ

प्रतिदिन सुबह-शाम यहां खिलाड़ी एथेलेक्टिस कोच पवन कुमार की देखरेख में जहां मैदान में पसीना बहाते दिखाई देते हैं, वहीं प्रकृति प्रेम के चलते प्रतिदिन खिलाड़ी स्टेडियम में लगे पेड़-पौधों में पानी देते हुए देखा जा सकता है।;

Update: 2022-04-25 06:48 GMT

तपस्वी शर्मा : झज्जर

क्षेत्र के गांव तलाव स्थित राजीव गांधी खेल स्टेडियम में खिलाडि़यों को खेल के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण का भी पाठ पढ़ाया जा रहा है। प्रतिदिन सुबह-शाम यहां खिलाड़ी एथेलेक्टिस कोच पवन कुमार की देखरेख में जहां मैदान में पसीना बहाते दिखाई देते हैं, वहीं प्रकृति प्रेम के चलते प्रतिदिन खिलाड़ी स्टेडियम में लगे पेड़-पौधों में पानी देते हुए देखा जा सकता है। कोच पवन कुमार ने स्वयं भी कुछ पौधे स्टेडियम में रोपित किए है। जिसका ध्यान वे स्वयं रख रहे है। खिलाड़ियों ने भी अपने कोच को आदर्श मानते हुए यहीं राह अपनाई है। अभ्यास के समापन के बाद कूल डाउन करते हुए खिलाड़ी पौधों व पेड़ों को सीचनें का काम कर रहे है।

कोई बाल्टी से तो कोई पाइप से दे रहा पानी : गांव तलाव स्थित खेल स्टेडियम में शाम के समय एक अलग ही नजारा देखने को मिलता है। 42 डिग्री सेल्यिसय के बीच करीब एक से डेढ़ घंटे तक पसीना बहाने के बाद खिलाड़ी अपनी थकान को ना देखते हुए यहां लगे पेड़-पौधों में पानी देने में जुट जाते है। जिसको देखकर अलग ही एहसास होता है। कोई हाथों में बाल्टी लिए हुए तो कोई पानी की पाईप से पौधों में पानी देते है। कुछ खिलाड़ी पौधों के पास लगी हुई खरपतवार को उखाड़ते है तो कोई क्यारी में पड़े हुए सूखे पत्तों को उठाने का काम कर रहे होते है।

दूर की सोच के साथ कार्य कर रहे खिलाड़ी : खिलाड़ी जहां दूर की सोच के साथ दूर की दौड़ लगा रहे है, यानि सेना में भर्ती होने या खेल में ओलंपिक में पदक लाने के लिए अभ्यास कर रहे है। वहीं पौधों की सेवा भी यह मानकर कर रहे है कि बड़े होकर ये पौधे स्टेडियम में आने वाले खिलाडि़यों और आमजन को छाया देंगे। यहां अभ्यास करने वाले खिलाडि़यों अमित, पंकज, दीपक, कुनाल, नमित, लोकेश, तेजस्वी, नमन, अमन, मन्नत, तमन्ना, जैसमिन आदि ने बताया कि करीब एक से डेढ़ घंटे तक दौड़ का अभ्यास करने के बाद शरीर में थकावट आ जाती है। कूल डाउन के दौरान पेड़-पौधों में पानी देने का काम करते है। इससे थकावट भी दूर हो जाती है और मन को भी सुखद अहसास होता है। उन्होंने बताया कि कोच पवन कुमार ने भी यहां पौधे लगवाएं है। कोच साहब स्वयं भी पानी देते है। कोच साहब को पानी देते हुए देखते है तो उनके मन में भी पेड़-पौधों की सेवा करने का मन करता है। उन्होंने कहा कि अब हमारी मेहनत से यहां हमारे बाद आने वाले खिलाड़ियों को सुविधा होगी। स्टेडियम में छाया मिलेगी। जिसके चलते गर्मियों में अभ्यास करते हुए भी उन्हें परेशानी नहीं होगी।

पेड़-पौधे बन चुके जीवन का अंग : कोच पवन कुमार का कहना है कि स्वच्छ जल और वायु के लिए पर्यावरण संरक्षण जरूरी है। यहां अभ्यास करने वाले खिलाडि़यों को पर्यावरण संरक्षण के महत्व को बताया गया है। मैदान में जहां नए पौधे लगाए गए है, वहीं पुराने पेड़ों का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। अपने बच्चों यानि खिलाडि़यों को पेड़-पौधों की सेवा करते हुए देखना बहुत सुखद महसूस होता है। खिलाड़ी अपने अभ्यास के बाद पूरी लग्न से पेड़-पौधों की सेवा कर रहे है। प्रयास यहीं है कि खिलाड़ी अभी से पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक हो और प्रकृति सुंदर और सुरक्षित करने में अपना सहयोग दे सकें।


झज्जर :  गांव तलाव स्थित राजीव गांधी खेल स्टेडियम में अभ्यास के दौरान अपनी टीम के साथ कोच पवन कुमार। (फोटो : हरिभूूूमि)

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