हरियाणा बजट : इस बार माननीयों को करना होगा यह काम
इस बार भी चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा जारी की गई हिदायतों के हिसाब से ही सत्र चलाया जाएगा, जिसमें सोशल डिस्टेंस और तमाम बातों का ख्याल रखा जाएगा।;
योगेंद्र शर्मा. चंडीगढ़
हरियाणा विधानसभा-सत्र में अभी भले ही काफी समय बाकी है, उसके बावजूद विधानसभा में इस सत्र के लिए तैयारी तेज हो गई हैं। इस बार के बजट सत्र में खास बात यह होगी कि कागजों का बेहद ही कम इस्तेमाल होगा क्योंकि सभी माननीयों को विधानसभा की ओऱ से टैब का वितरण किया जा चुका है। सदन में मैनुअल सामग्री कम ही बंटेगी, वो भी खासतौर पर सीएम. स्पीकर, डिप्टी स्पीकर समेत चंद टेबल पर रहेगी।
खास बात यह है कि इस दिशा में हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता बेहद गंभीरता के साथ में काम कर रहे हैं। हिमाचल सहित कईं राज्यों की विधानसभाओं में चलने वाली कार्यवाही को लेकर अध्ययन भी हो चुका है। इसी क्रम में सभी 90 के 90 विधायकों को नए टैब दिए गए थे। इसीलिए इस बार का बजट सत्र भी पेपरलैस करने की तैयारी की जा रही है। दूसरी अहम बात यह है कि इस बार भी चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा जारी की गई हिदायतों के हिसाब से ही इस बार का सत्र चलाया जाएगा। जिसमें सोशल डिस्टेंस और तमाम बातों का ख्याल रखा जाएगा।
सदन को पेपरलैस बनाने की कवायद के तहत चलेगी कार्यवाही
अब से पहले भी विधानसभा अध्यक्ष ने साफ कर दिया था कि पेपरलैस व्यवस्था बनाया जाना इस वक्त में बेहद ही जरूरी हो चुका है, क्योंकि कईं राज्यों में इसकी पहल हो चुकी है। दूसरा इसमें समय और पैसे के बर्बादी भी बचती है। विधान सभा डिजीटलाइजेशन की तैयारी काफी समय पहले से चल रही है। पूर्व में स्पीकर रहे कंवरपाल सिंह गुर्जर जो वर्तमान में शक्षिामंत्री हैं, उन्होंने भी इस दिशा में कईं कदम उठाते हुए धीरे धीरे बदलाव को लेकर सहमति दी थी। कुछ माह पहले वर्तमान अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने भी लगभग 8 से दह माह के दौरान 19 करोड़ का खर्च कर पेपरलैस योजना को पूरा करने की बात कही थी।
एमओयू पर हस्ताक्षर की प्रक्रिया भी हो चुकी पूरी
वैसे, तो हरियाणा विधानसभा को पूरी तरह से पेपरलैस करने की प्रक्रिया को लेकर एमओयू साइन हो चुका है। लेकिन अभी भी विधानसभा से पेपर पूरी तरह से गायब करने में वक्त लगेगा। माना जा रहा है कि इस बार भले ही चंद टेबल पर बजट की कापी वितरित कर दी जाए लेकिन इस बजट सत्र के बाद में होने वाले मानसून सत्र के दौरान कागज काइस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा।
अध्यक्ष विधायकों और शीर्ष अधिकारियों के साथ कईं बार कर चुके मंथन
हरियाणा विधान सभा को पूरी तरह से स्मार्ट बनने का रास्ता साफ लगने लगा है। सदन में कार्यवाही, सचिवालय का कामकाज, पुस्तकालय सहित पूरी कार्यप्रणाली में कहीं भी कागज का प्रयोग नहीं किया जाएगा। योजना को सिरे चढ़ाने के लिए विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता दो कमेटियों की साझा बैठकें कर चुके हैं। एक में विधायक और दूसरी कमेटी में प्रदेश सरकार के शीर्ष अफसरशाही को शामिल किया गया था। योजना के तहत विधान सभा सचिवालय में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्रालय और हरियाणा सरकार के साथ एमओयू करने के बाद में कामकाज तेजी से हुआ है।
केंद्र के मिशन मोड प्रोजेक्ट के तहत हुई शुरुआत
केंद्र सरकार के मिशन मोड प्रोजेक्ट के तहत विधान सभा के कामकाज को कागज रहित बनाने की तैयारी कर ली है। योजना पर करीब 19 करोड़ की लागत पूरी तरह से कागज लैस करने में आनी है। इसमें से 60 फीसदी खर्च केंद्र सरकार और 40 फीसदी खर्च का वहन प्रदेश सरकार की ओर से किया जाएगा। योजना का संचालन केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्रालय करेगा। विधान सभा का डिजीटलाइजेशन होने के बाद न सर्फि सदन की कार्यवाही की गुणवत्ता में सुधार होगा, अपितु राज्य सरकार के विभागों के साथ सूचना और दस्तावेजों का आदान प्रदान किया जाएगा। नई परियोजना के तहत कामकाज में निपुण बनाने के लिए केंद्र सरकार की एजेंसी नक्सिी यहां तीन साल तक प्रशक्षिण देने के लिए चंडीगढ़ में ही एजेंसी का कार्यालय स्थापित किया गया है।
डिजीटलाइजेशन की भूमिका हर क्षेत्र में बढ़ने वाली
गुप्ता ने कहा कि भवष्यि में डिजीटलाइजेशन की भूमिका हर क्षेत्र में बढ़ने वाली है। इसलिए संसदीय कामकाज भी इससे अछूता नहीं रह सकता। उन्होंने कहा कि कागज रहित विधान सभा में कार्यवाही की गुणवत्ता और पारदर्शिता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि विधान सभा प्रत्यक्ष रूप से प्रदेश की जनता के प्रति जवाबदेह है, इसलिए उसकी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता अत्यंत आवश्यक है। गुप्ता ने कहा कि यह परियोजना लोकतंत्र के सुदृढ़ीकरण में मील का पत्थर साबित होगी। नेवा के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय शीर्ष कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी में विधानसभा अध्यक्ष विधायक असीम गोयल, नैना सिंह चौटाला, प्रमोद कुमार विज, सुधीर कुमार सिंगला, चिरंजीव राव, वरुण चौधरी, नयन पाल रावत को शामिल किया गया है। समिति में इन नामों के अलावा प्रदेश सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, वत्ति विभाग, संसदीय कार्य विभाग सचिव, एनआईसी के राज्य सूचना अधिकारी, राष्ट्रीय सूचना वज्ञिान केंद्र सेवा निगमित के राज्य स्तरीय प्रतिनिधि बतौर सदस्य और विधान सभा सचिवालय में सस्टिम एनालस्टि सुनील नैन इस समिति में विशेष आमंत्रित सदस्य हैं।