Haryana : Health Department में ठेके पर रखे गए कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा, सर्वकर्मचारी संघ के नेताओं ने दी चेतावनी
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज (Health Minister Anil Vij) को पत्र लिखकर ठेके पर लगे 11 हजार स्पोर्टिंग स्टाफ के अनुबंध को शीध्र एक साल के लिए बढ़ाने, ठेकेदारों को बीच से हटाकर सीधा विभाग के पे- रोल पर लेने, समान काम समान वेतन और सेवा सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है।;
चंडीगढ़। कोरोना योद्धा कहे जाने वाले स्वास्थ्य विभाग (Health Department) में ठेके पर लगे करीब 11 हजार स्पोर्टिग स्टाफ पर एक बार फिर नौकरी जाने का खतरा मंडराने लगा है। इन ठेका कर्मचारियों का अनुबंध 30 सितंबर को खत्म हो रहा है और अभी तक विभाग की ओर से अनुबंध विस्तार बारे कोई कार्रवाई शुरू नही की गई है।
स्वास्थ्य विभाग में सालों से कार्यरत सिक्योरिटी गार्ड , सफाई कर्मचारी,वार्ड सर्वेंट, प्लम्बर,माली, धोबी, लिफ्ट मैन, इलेक्ट्रीशियन, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी आदि पदों पर नियुक्ति करीब 11 हजार ठेका कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को पत्र लिखकर ठेके पर लगे 11 हजार स्पोर्टिंग स्टाफ के अनुबंध को शीध्र एक साल के लिए बढ़ाने, ठेकेदारों को बीच से हटाकर सीधा विभाग के पे - रोल पर लेने,समान काम समान वेतन और सेवा सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी ने दो टूक शब्दों में कहा कि अगर कोरोना योद्धा कहे जाने वाले ठेका कर्मचारियों का 19 सितंबर तक सेवा विस्तार नही किया तो इस स्पोर्टिंग स्टाफ के पास आंदोलन पर जाने पर मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि आंदोलन का फैसला लेने के लिए स्वास्थ्य ठेका कर्मचारी यूनियन हरियाणा की 20 सितंबर को कर्ममारी भवन रोहतक में बुुुुलाई गई है।
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि महानिदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा ने अपने पत्र क्रमांक (डीएचएस)-2020 /353-274 दिनांक 30.4.2015 को प्रदेश के सभी सिविल सर्जन को पत्र लिखकर सिक्योरिटी गार्ड को छोड़कर बाकी सभी स्पोर्टिंग स्टाफ यानी ठेके पर लगे कर्मचारियों के स्थान पर नए सिरे से भर्ती करने के लिए 27 फरवरी,2020 को जारी की गई गाइडलाइंस के मुताबिक नई भर्ती के लिए टंडर की प्रक्रिया शुरू करने के आदेश जारी कर दिए हैं और इसके बाद सिविल सर्जन ने आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
उन्होंने बताया कि इतना ही नहीं डीजीएचएस, हरियाणा ने 13 मई को कमांडेंट जरनल, होम गार्ड एंड डारेक्टर सिविल डिफेंस हरियाणा को पत्र लिखकर विभाग में तैनात करीब 3200 सिक्योरिटी गार्ड की जगह होम गार्ड वालिंटियर को तैनात करने को भी कहा है और उन्होंने इस पत्र के जबाव में 19 मई को डीजीएचएस को पत्र लिखकर 1 जुलाई से वर्षों से तैनात सिक्योरिटी गार्ड की जगह होमगार्ड को लगाने की स्वीकति दे दी है। कोविड 19 व कर्मचारियों के विरोध को देखते हुए विभाग ने पहले 31 मार्च को खत्म हो रहे ठेके को 30 जून और फिर 30 सितंबर (तीन तीन महीने के लिए) तक बढ़ाया गया था।
30 सितंबर को खत्म हो रहा अनुबंध
उन्होंने बताया कि अगर विभाग ने 30 सितंबर को खत्म हो रहे अनुबंध को आगे नही बढ़ाया तो विभाग में वर्षो से कार्यरत सिक्योरिटी गार्ड, सफाई कर्मचारी,वार्ड सर्वेंट, प्लम्बर,माली,थोड़ी, लिफ्ट मैन, इलेक्ट्रीशियन, चपड़ासी आदि करीब 11 हजार कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार की मुहिम से ऐसा लगता है कि जैसे उसकी प्राथमिकता कोविड 19 से जंग लड़ने की बजाय ठेका कर्मचारियों को नौकरी से निकलने और सभी सरकारी विभागों का निजीकरण करने की है। इससे पहले भी सरकार लाकडाउन में 1983 पीटीआई, टूरिज्म निगम से 424, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड कुरुक्षेत्र से 64 सफाई कर्मचारियों ,एचएसवीपी के पंचकूला, रोहतक व फरीदाबाद से करीब 50 डाटा एंट्री ऑपरेटर, आरोही स्कूलों से करीब पांच सौ चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों और आईटीआई सहित कई अन्य विभागों से हजारों की संख्या में ठेका कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा चुका है।