अपने लाडलों को राजनीति में प्रमोट करने में जुटे हरियाणा के ये तीन बड़े नेता, चुनाव से ढाई साल पहले ही तैयारी
कपिलमुनि की पावन धरा कलायत विधानसभा से चंडीगढ़ तक जाने का रास्ता आसान नजर नहीं आ रहा है। हालांकि अभी मौजूदा सरकार का आधा समय बीता है लेकिन अभी से ही कलायत में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं।;
सूरज सहारण : कैथल
कपिलमुनि की पावन धरा कलायत विधानसभा से चंडीगढ़ तक जाने का रास्ता आसान नजर नहीं आ रहा है। हालांकि अभी मौजूदा सरकार का आधा समय बीता है लेकिन अभी से ही कलायत में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। कलायत विधानसभा से तीनों राजनीतिक दिग्गज पूर्व मंत्री जयप्रकाश जेपी, पूर्व संसदीय सचिव रामपाल माजरा और वर्तमान महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने अपने-अपने लाडलों को राजनीतिक ताज पहनाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। वर्तमान में मंत्री पद मिलने तथा पहली बार विधायक चुने जाने के कमलेश ढांडा अपने लाडले तुषार ढांडा को हर कार्यक्रम में साथ रखती हैं तथा तुषार भी युवा वर्ग के साथ-साथ सभी वर्गों का पूरा मान सम्मान कर रहे हैं। न केवल खुशी बल्कि कलायत विधानसभा के सभी गांवों में अपने कार्यकर्ताओं के हर सुख दुख में शरीक हो रहे हैं।
इसी प्रकार से कलायत से पूर्व संसदीय सचिव रहे रामपाल माजरा भी इस बार फिर से कलायत विधानसभा से अपने लाडले संजीव माजरा को ताज पहनाने का पुरजोर प्रयास करने में जुट गए हैं। माजरा ने गांवों का प्रचार अभियान भी शुरू कर दिया है। इसी प्रकार से पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश जेपी भी अपने पासे खोल रहे हैं। जयप्रकाश भी अपने लाडले विकास सहारण के लिए पूरा पसीना बहा रहे हैं। हालांकि विकास सहारण ने हाल ही में कांग्रेस के युवा प्रधान के पद के लिए किस्मत आजमाई थी लेकिन ऑनलाइन होने के कारण वे जीत नहीं पाए थे तथा उन्होंने रणदीप सुरजेवाला पर ऑनलाइन प्रक्रिया में गड़बड़ी करने का आरोप जड़ा था। जयप्रकाश भी अब दिल्ली की बजाय अपना अधिकतर समय कैथल व कलायत में बिताते हैं।
अब तक नहीं सजा दूसरी बार किसी को भी विधायक का ताज
हरियाणा के गठन के बाद कलायत की सीट अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व थी लेकिन 2009 से यह सीट सामान्य वर्ग में तबदील कर दी गई। इसके बाद हुए 2009 के चुनाव में इनेलो से रामपाल माजरा, 2014 में निर्दलीय प्रत्याशी जयप्रकाश जेपी तथा 2019 में भाजपा से कमलेश ढांडा विधायक बनी। कलायत विधानसभा का इतिहास रहा है कि इस सीट से कोई भी दूसरी बार विधायक नहीं बना।
आप पार्टी बिगाड़ सकती है राजनीतिक समीकरण
आप पार्टी और किसान यूनियन भी इस बार कलायत विधानसभा के समीकरण बिगाड़ने का काम कर सकते हैं। कलायत विधानसभा को भाकियू का गढ़ माना जाता है तथा पड़ोसी राज्य पंजाब में जीत के बाद हरियाणा में आप पार्टी मजबूत होती नजर आ रही है। यदि आप की लहर इसी प्रकार से जारी रही तो यह कलायत विधानसभा पर भी भारी असर डाल सकती है। किसानों के वरिष्ठ नेता राकेश टिकैत भी कलायत क्षेत्र में ही अपनी रैली या आंदोलन की शुरूआत करते हैं।