फुलेरा दूज पर आज वैवाहिक बंधन में बंधेंगे लाखों जोड़े, जानिये इस दिन का महत्व

माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने इस दिन फूलों की होली खेली थी और सर्दी के मौसम के बाद इसे सर्दी के सीजन का अंतिम दिन माना जाता है।;

Update: 2021-03-15 00:30 GMT

फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष के द्वितीय तिथि में मनाई जाने वाली फुलेरा दूज इस बार सोमवार 15 मार्च को मनाई जाएगी। यह पर्व कृष्ण और राधा के मिलन का पर्व है। इसलिए इस तिथि पर विवाह करने पर दाम्पत्य जीवन में अपार स्नेह और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। इस पर्व को अबूझ मुहूर्त भी कहते हैं।

बता दें कि फुलेरा का शाब्दिक का अर्थ है, जो फूलों को दर्शाता है और द्वितीय तिथि होने कारण दूज। इसलिए इस पर्व को फुलेरा दूज कहते हैं। माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने इस दिन फूलों की होली खेली थी और सर्दी के मौसम के बाद इसे सर्दी के सीजन का अंतिम दिन माना जाता है। पंडित महेंद्र शर्मा के मुताबिक द्वितीया तिथि इस दिन सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक रहेगी और शुक्ल योग प्रात: 7:44 बजे तक रहेगा। इसके उपरांत ब्रह्म योग व्याप्त होगा।

यह दोनों योग ही बेहद सकारात्मक ऊर्जा के कारक माने जाते हैं। इन योग में किया गया कोई भी कार्य अनंत मंगलकारी होता है, लेकिन इस बार 14 तारीख को धनु राशि में सूर्य प्रवेश करेंगे और एक महीने तक इसी राशि में विचरण करेंगे। इस समय अवधि को खरमास कहते हैं। ज्योतिष के अनुसार खरमास में विवाह आदि सभी शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं। इसलिए इस बार किसी भी पंचांग में विवाह का मुहूर्त नहीं दिया गया है, लेकिन फिर भी लोक मान्यता अनुसार इस दिन वैवाहिक कार्यक्रम भारी संख्या में संपन्न होंगे।

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