अब Rohtak PGIMS में आधुनिक मशीनों से होगा ब्रेन ट्यूमर व रीढ़ का इलाज

डॉ. ईश्वर सिंह ने बताया कि यह मशीन पूरे हरियाणा के सरकारी अस्पतालों (Government Hospitals) में पहली बार पीजीआईएमएस (PGIMS) में उपलब्ध हुई है।;

Update: 2021-09-10 06:55 GMT

हरिभूिम न्यूज : रोहतक

रोहतक पीजीआईएमएस के न्यूरोसर्जरी में आने वाले रोगियों के लिए राहत भरी खबर है। अब यहां ब्रेन ट्यूमर व रीढ़ पर लगी गंभीर चोटों का इलाज अत्याधुनिक मशीनों से होगा। जिसके लिए स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज द्वारा न्यूरोसर्जरी विभाग को करोड़ों रूपए की नवीनतम मशीनें उपलब्ध करवाई हैं। ये बात न्यूरोसर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. ईश्वर सिंह ने कही।

उन्होंने बताया कि पीजीआईएमएस में पिछले काफी समय से ब्रेन ट्यूमर के इलाज में काम आने वाली नवीनतम मशीनों की कमी थी, जिसके चलते मरीजों को बाहर रेफर करना पड़ता था या मरीज प्राइवेट अस्पताल में लाखों रूपए खर्च कर अपना इलाज करवाता था। अब न्यूरोसर्जरी विभाग में इंट्रा आप्रेटिव नर्व मोनेटरिंग सिस्टम उपलब्ध है। डॉ. ईश्वर ने बताया कि इस मोनेटरिंग सिस्टम से आसानी से ब्रेन ट्यूमर का इलाज होगा, क्योंकि आप्रेशन के दौरान नर्व व टिश्यू का अलग-अलग पता नहीं चलता था। यह सिस्टम आप्रेशन के दौरान लगातार चलता रहता है और सर्जरी मेें अगर चिकित्सक गलती से नर्व के पास या ब्रेन के पास पहुंच जाता है तो यह मशीन बीप के साथ ही अलर्ट कर देती है और चिकित्सक आसानी से सामान्य तंत्रिका संरचना का पता लगा सकता है, जिससे मरीज का आप्रेशन आसानी से संभव हो पाएगा।

डॉ. ईश्वर सिंह ने बताया कि यह मशीन पूरे हरियाणा के सरकारी अस्पतालों में पहली बार पीजीआईएमएस में उपलब्ध हुई है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज, कुलपति डॉ. जी अनुपमा, निदेशक डॉ. रोहताश यादव, कुलसचिव डॉ. एचके अग्रवाल, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. पुष्पा दहिया का आभार व्यक्त किया।

सी-आर्म मशीन एक्सरे में लाभदायक :  डॉ. ईश्वर ने बताया कि इसके साथ ही विभाग को सी-आर्म मशीन भी मिली है, जो स्पाइन सर्जरी में एक्सरे करने में मदद करती है क्योंकि इसमें स्पाइन डिस्ओर्डर को लोकलाइजड करना होता है। उन्होंने बताया कि यह मशीन इंट्राआप्रेटिव इंप्लांट दिखाती है तथा इसके साथ ही इसमें डीएसए की भी सुविधा उपलब्ध है।

आपरेशन के समय में आएगी कमी : डॉ. ईश्वर ने कहा कि उनके विभाग को एक इलेक्ट्रिक ड्रिल मशीन भी मिली है, जिससे अब आसानी से ड्रिल कर सकेंगे क्योंकि पहले हाथ से ड्रिल बनाने पड़ते थे। उन्होंने कहा कि इसका सीधा फायदा मरीज को मिलेगा क्योंकि जो आप्रेशन पहले करीब 4 घंटे चलता था वह अब 3 घंटे से भी कम समय में पूरा हो जाएगा। वहीं ट्रॉमा सेंटर के लिए भी एक न्यूरोसर्जिकल ड्रिल आई है, जिससे ट्रॉमा के मरीजों को काफी राहत मिलेगी।

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